Sharad Purnima 2025 : सोलह कलाओं से युक्त चंद्रमा कल बरसाएंगे अमृत, स्वास्थ्य व समृद्धि के लिए करें ये उपाय
प्रयागराज में शरद पूर्णिमा का पर्व कल सोमवार 6 अक्टूबर को मनाया जाएगा। इस दिन चंद्रमा पृथ्वी के सबसे नजदीक होता है और उसकी किरणों में औषधीय गुण होते हैं। मान्यता है कि इस दिन खीर बनाकर चंद्रमा की रोशनी में रखने से वह अमृत के समान हो जाती है। इस दिन भगवान विष्णु मां लक्ष्मी और भगवान शिव की पूजा से जीवन में सुख-समृद्धि आती है।

जागरण संवाददाता, प्रयागराज। Sharad Purnima 2025 स्वास्थ्य और समृद्धि का पर्व आश्विन मास की पूर्णिमा अर्थात शरद पूर्णिमा सोमवार को मनाया जाएगा। इसे कोजागरी पूर्णिमा व रास पूर्णिमा भी कहा जाता है। मान्यता है कि शरद पूर्णिमा पर चंद्रमा पृथ्वी के सबसे नजदीक होते हैं। ऐसे में खुले आसमान के नीचे दूध-चावल से बनी खीर रखी जाती है। चंद्रमा की किरणें खीर में पड़ती हैं तो उसमें औषधीय गुणों आ जाते हैं।
शरद पूर्णिमा कब से कब तक
Sharad Purnima 2025 ज्योतिर्विद आचार्य देवेंद्र प्रसाद त्रिपाठी के अनुसार छह अक्टूबर की सुबह 11.26 बजे पूर्णिमा तिथि लग जाएगी। इसका मान सात अक्टूबर की सुबह 9.34 बजे तक रहेगा। उन्होंने इस पर्व का महत्व भी बताया।
रात भर चंद्रमा की किरणों के नीचे खुले में रखा जाता है खीर
झूंसी स्थित श्री स्वामी नरोत्तमानंद गिरि वेद विद्यालय के आचार्य ब्रजमोहन पांडेय के अनुसार ने पूरे वर्ष में केवल शरद पूर्णिमा के दिन ही चंद्रमा अपनी सोलह कलाओं से परिपूर्ण होते हैं। इससे उनकी किरणों से अमृत बरसता है। जो स्वास्थ्य और समृद्धि के लिए बेहद लाभकारी है। उन्होंने बताया कि खीर बनाकर रातभर चंद्रमा की शीतल किरणों के नीचे खुले में रखा जाता है। अगले दिन सूर्योदय से पूर्व इस खीर को प्रसाद के रूप में ग्रहण करना चाहिए।
भगवान शिव की करें स्तुति
पाराशर ज्योतिष संस्थान के निदेशक आचार्य विद्याकांत पांडेय के अनुसार शरद पूर्णिमा पर भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की उपासना करने सभी दुखों से छुटकारा मिलता है। जीवन में खुशियों का आगमन होता है। शरद पूर्णिमा के दिन भगवान शिव की पूजा-अर्चना करना शुभ माना जाता है। इस दिन विशेष चीजों के द्वारा शिवलिंग का अभिषेक करने से बिगड़े काम पूरे होते हैं। साथ ही महादेव की कृपा प्राप्त होती है।
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भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए करें ये उपाय
Sharad Purnima 2025 आचार्य विद्याकांत ने बताया कि भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए सुबह स्नान करने के बाद जल से शिवलिंग का अभिषेक करें। फिर केसर अर्पित करें। महादेव के मंत्रों का जप करें। आर्थिक तंगी को दूर करने के लिए शरद पूर्णिमा के दिन शिवलिंग का गन्ने के रस से अभिषेक करना चाहिए। जीवन में सुख-शांति पाने के लिए बेलपत्र जरूर अर्पित करें और प्रभु के नाम का ध्यान करें। सभी कामों में सफलता पाने के लिए शिवलिंग का दूध, दही और शहद से अभिषेक करना शुभ माना जाता है।
चंद्र मंत्र मानसिक शांति और शीतलता का कारक
Sharad Purnima 2025 शिवलिंग पर अभिषेक करने के बाद शिव चालीसा का पाठ करें। चंद्रमा और शिव के मंत्रों का विशेष जाप करके उन्हें प्रसन्न किया जा सकता है। ऐसा करने से शरद कुंडली में चंद्रमा मजबूत होता है, मन शांत और स्थिर होता है। चंद्र मंत्र मानसिक शांति और शीतलता का कारक है। धन, धान्य, संपत्ति की वृद्धि के लिए भी कुबेर मंत्र का जाप करना चाहिए।
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