प्रयागराज माघ मेला में टेंट कंपनी से लेकर मेला प्रशासन कार्यालय तक हंगामा, अफसरों से धक्का-मुक्की
प्रयागराज माघ मेला में टेंट कंपनियों द्वारा शिविर लगाने में देरी से नाराज़ संतों ने हंगामा किया। टेंट कंपनियों के गोदामों से लेकर मेला कार्यालय तक प्र ...और पढ़ें

प्रयागराज के माघ मेला में जमीन व सुविधा में देरी के विरोध में मेलाधिकारी का घेराव करते संत। जागरण
जागरण संवाददाता, प्रयागराज। माघ मेला में शिविर लगाने में टेंट कंपनियों के हाथ खड़े करने से नाराज संतों ने सोमवार को जमकर हंगामा काटा। टेंट कंपनियों के गोदामों से लेकर सेक्टर कार्यालयों और मेला प्रशासन कार्यालय तक में संतों का आक्रोश फूट पड़ा। यहां तक मेला प्रशासन के कई अधिकारियों से धक्का-मुक्की तक हो गई। पुलिस ने मोर्चा संभाला तो किसी तरह अधिकारी संतों के बीच से बाहर हो सके।
माघ मेला में जमीन व सुविधा के लिए लगभग 15 से 20 दिनों से सुबह से लेकर देर रात तक मेला प्रशासन कार्यालय का चक्कर काटने वाले संतों और संस्थाओं के लोगों का सोमवार को धैर्य टूट गया। सुविधा पर्ची लेकर अल सुबह टेंट कंपनियों के गोदामों में पहुंचने वाले साधु-संतों व संस्थाओं के प्रतिनिधियों ने गोदामों में जमकर हंगामा काटा।
दरअसल, कई टेंट कंपनियां पांच से लेकर 10 जनवरी 2026 को संंतों व संस्थाओं के शिविर लगाने की तारीख दे रहे हैं, जबकि तीन जनवरी पौष पूर्णिमा से माघ मेला शुरू होने जाएगा। ऐसे में इसके पहले शिविर न लगने पर संत-महात्मा तथा संस्थाओं के प्रतिनिधियों का गुस्सा फूट पड़ा। गोदाम में हंगामा होने पर वहां मेला के कई थानों की पुलिस पहुंच गई। पुलिस ने किसी तरह हालात को संभाला।
टेंट गोदाम में पुलिस लगा दी गई है। दूसरी ओर सोमवार दोपहर बाद लगभग 2.30 बजे काफी संख्या में संत मेला प्रशासन पहुंच गए, उस समय वहां पर मंडलायुक्त सौम्या अग्रवाल, पुलिस आयुक्त जोगेद्र कुमार, डीएम मनीष कुमार वर्मा, अतिरिक्त पुलिस आयुक्त डा.अजय पाल शर्मा, मेलाधिकारी ऋषि राज, एसपी मेला नीरज पांडेय समेत पुलिस व प्रशासन के अधिकारी आइट्रिपलसी में बैठक कर रहे थे। संत और संस्थाओं के लोग वहां प्रदर्शन करने लगे।
कुछ देर बाद बैठक खत्म होने पर सभी अधिकारी निकले और अपनी गाड़ी से निकल गए। संतों ने मेलाधिकारी, एडीएम तथा एसडीएम को घेर लिया। जमीन व सुविधा की मांग करने लगे। टेंट कंपनियों की भी शिकायत की गई। शिकायतें सुनने के बाद अधिकारी जाने लगे तो नाराज संस्थाओं के लोगों से अधिकारियों की धक्का-मुक्की हो गई, जिस पर पुलिस ने अधिकारियों को वहां से निकाला।
फिर अधिकारी कार्यालय में गए तो वहां भी गहमागहमी तथा हंगामा शुरू हो गया, जिसके बाद अधिकारी पीछे के रास्ते से निकले और अपनी कार में बैठ गए। यह देख कुछ संत कार के आगे बैठ गए। वहां भी संत आक्रोश जताने लगे तो मेलाधिकारी फौरन कार से उतर कर एसपी मेला के कार्यालय में चले गए। जहां कुछ संतों को बुलाकर वार्ता की गई। एसपी मेला के कार्यालय के बाहर भी संतों ने जमकर नारेबाजी की। उधर, सेक्टर चार व पांच में भी संतों ने शिविर न लगने पर विरोध जताया।
कार्यालय के अंदर अफसर, बाहर नारेबाजी
मेला प्रशासन कार्यालय के अंदर उच्चाधिकारियों की बैठक चल रही थी, उसी दौरान बाहर संत-महात्मा और संस्थाओं के प्रतिनिधि बाहर प्रदर्शन कर रहे थे। इस बीच मेला प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की गई।
महाकुंभ में काली सूची में डाली गई कंपनी को ठेका
महाकुंभ में टायलेट लगाने वाली जिस कंपनी को काली सूची में डाला गया था और उसके निदेशक के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया, उसे ही इस बार भी टायलेट का ठेका दे दिया गया। स्वामी विजयानंद का कहना है कि काली सूची में डाली गई कंपनी को पुन: काम देने से स्थिति खराब है। इसकी वजह से काम काफी पिछड़ गया है, क्योंकि वह ठीक से काम नहीं कर रही है।

कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।