महाकुंभ में दिखा वाहनों का संगम, फॉर्च्यूनर-रेंज रोवर से लेकर डिफेंडर जैसी लग्जरी गाड़ियों से चलते हैं साधु-संत
कुंभ मेले में साधु-संतों के वाहनों का संगम देखने को मिल रहा है। करोड़ों की लग्जरी गाड़ियों की लंबी कतारें हैं। पंचायती अखाड़ा श्री निरंजनी में खड़ी चमचमाती रेंज रोवर डिफेंडर और फॉर्च्यूनर जैसी गाड़ियां आकर्षण का केंद्र हैं। अग्नि अखाड़े में तो 24 घंटे कई डिफेंडर देखने को मिल जाएंगी। कुछ बाबा के पास पुरानी कारें भी हैं। महंत राजगिरी बाबा के पास तो 1972 मॉडल की एंबेसडर है।
अमरीश मनीष शुक्ल, प्रयागराज। अखाड़ों और उनसे जुड़े संतो की जीवन शैली हमेशा से ही आम लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र होती हैं। हमेशा वह रहस्यों से भरी होती हैं और उनके बारे में लोग अधिक से अधिक जानना चाहते हैं। संतों का अध्यात्म, वैभव, राजर्षि ठाठबाट, फक्कड़पन, दान, ज्ञान सबकुछ मोहता है और ऐसी ही एक मोहनी माया है करोड़ों के आधुनिक रथ यानी वाहन।
दिव्य और भव्य महाकुंभ में साधु-संतो के वाहनों का भी संगम हो रहा है। करोड़ों के लग्जरी वाहनों की लंबी लाइन है। अखाड़ों में पहुंचे संतों की यह कार नजरें रोकती हैं और भव्यता का पैमाना भी बताती हैं। पंचायती अखाड़ा श्री निरंजनी में खड़ी चमचमाती रेंज रोवर कुछ देर के लिए चौंका देती हैं।
एक दर्जन से अधिक डिफेंडर की संख्या
यहां रेंज रोवर की संख्या भी तीन से अधिक है, जबकि डिफेंडर की संख्या एक दर्जन होगी। अग्नि अखाड़े में तो 24 घंटे कई डिफेंडर देखने को मिल जाएंगी। कुछ बाबा के पास पुरानी कारें भी हैं। महंत राजगिरी बाबा के पास तो 1972 मॉडल की एंबेसडर। वह उसी में रहते और सोते भी हैं।
टॉप मॉडल की फॉर्च्यूनर तो हर शिविर के बाहर ऐसे देखने को मिलेगी मानों शोरूम खुला हो। त्रिवेणी मार्ग पर पीपा पुल पार करते ही अखाड़ा क्षेत्र शुरू हो जाता है। इस क्षेत्र में निरंजनी अखाड़ा, जूना अखाड़ा, महानिर्वाण अखाड़ा, अटल अखाड़ा,आह्वान अखाड़ा, आनंद अखाड़ा, पंचाग्नि अखाड़ा, नागपंथी गोरखनाथ अखाड़ा, वैष्णव अखाड़ा, उदासीन पंचायती बड़ा अखाड़ा,उदासीन नया अखाड़ा, निर्मल पंचायती अखाड़ा और निर्मोही अखाड़ा है।
आस्था, भव्यता और संपन्नता का उत्सव...
यहां अखाड़े अंदर से लेकर बाहर तक लग्जरी गाड़ियां यह बताती हैं कि महाकुंभ का दिव्य पर्व मात्र धार्मिक अनुष्ठानों और आस्था का ही नहीं, बल्कि भव्यता और शान का भी प्रतीक है। अखाड़ों के अलावा महाकुंभ मेले में आ रहे कथा वाचक धीरेंद्र शास्त्री टोयटा की लैंड क्रूजर से आएंगे। देवकी नंदन ठाकुर आडी से चलेंगे, अनिरुद्धाचार्य जी महराज वोल्वो एक्स सी 90 की लग्जरी कार से तो प्रदीप जी महराज अपनी बीएमडब्ल्यू से महाकुंभ में पहुंचेंगे।
साधु-संतों और कथा वाचकों के वाहनों की लंबी लाइनें इस बात की गवाह हैं कि संगम तीरे महाकुंभ में केवल धार्मिक अनुभव नहीं, बल्कि भव्यता और संपन्नता का भी उत्सव मनाया जा रहा है। महाकुंभ में साधु-संतों के पास मौजूद करोड़ों की लग्जरी कारों की झलक यह बताती है कि साधु-संत अब केवल साधारण जीवन जीने तक सीमित नहीं रह गए हैं, बल्कि वे आधुनिकता को भी अपनाकर धार्मिकता में भव्यता के भी साधक हैं।
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