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    Rashtriya Swayamsevak Sangh : शताब्दी वर्ष में घर-घर आरएसएस की साहित्य बांटने की तैयारी, विजयदशमी से अभियान

    Updated: Sun, 03 Aug 2025 06:03 PM (IST)

    राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ अपने शताब्दी वर्ष की तैयारी में जुटा है। इसके लिए वैचारिक विस्तार और विभिन्न कार्यक्रमों की योजना बनाई गई है। स्वयंसेवक घर-घर जाकर संघ साहित्य का वितरण करेंगे और हिंदू सम्मेलन आयोजित किए जाएंगे जिनमें राष्ट्रीय एकता का संदेश दिया जाएगा। दिल्ली में हुई बैठक में कार्यक्रमों की रूपरेखा तय की गई।

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    आरएसएस वैचारिक विस्तार के साथ शताब्दी समारोह की तैयारी कर रहा है।

    जागरण संवाददाता, प्रयागराज। राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (RSS) ने शताब्दी वर्ष मनाने की पूरी तैयारी की है। इसके लिए विभिन्न आयोजन के साथ वैचारिक विस्तार की कार्ययोजना बनाई गई है। संगठन के पदाधिकारी व स्वयंसेवक अधिक से अधिक गृह संपर्क करेंगे। इस दौरान संघ साहित्य का वितरण किया जाएगा। इसके लिए लोगों से शुल्क भी लिया जाएगा।

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    स्वयं सेवक प्रत्येक गांव और गली तक पहुंचने का लक्ष्य लेकर निकलेंगे। शताब्दी वर्ष के कार्यक्रमों की शुरुआत विजयदशमी से होगी। इसके साथ ही अलग अलग जगहों पर हिंदू सम्मेलन कराए जाएंगे। इसमें समरस समाज का संदेश देकर राष्ट्रीय एकता को भी बल दिया जाएगा। काशी प्रांत में सभी कार्यक्रमों के लिए कार्यक्रम पालक तय कर दिए गए हैं।

    विजयदशमी उत्सव अर्थात दो अक्टूबर व गणेश उत्सव में मंडल, बस्ती स्तर पर पथ संचलन किया जाएगा। काशी प्रांत में इस कार्यक्रम के पालक सह प्रांत कार्यवाह राकेश, गृह संपर्क अर्थात संघ साहित्य वितरण अभियान प्रत्येक गांव, उप बस्ती स्तर पर चलेगा।

    पांच नवंबर से 30 नवंबर तक स्वयं सेवक घर-घर जाएंगे। इसकी जिम्मेदारी सह प्रांत कार्यवाह राजबिहारी को सौपी गई है। दिसंबर में हिंदी सम्मेलन होंगे। मंडल और बस्ती स्तर पर यह कार्यक्रम भी होगा। युवाओं पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। उनके लिए भी कार्यक्रमों की रूप रेखा बनाई जा रही है। जिला, नगर, खंड केंद्र स्तर पर ये कार्यक्रम जनवरी 2026 में कराए जाएंगे। सद्भाव बैठकों की रूपरेखा संगठन ने तैयार की है। ये खंड व नगर स्तर पर फरवरी 2026 में होगी। यह आयोजन जन जागरण में सहायक होगा।

    प्रबुद्धजन संगोष्ठी अगस्त 2026 में जिला, केंद्र व कुछ प्रमुख नगरों में होगी। प्रांत प्रचार प्रमुख डा. मुरारजी त्रिपाठी ने बताया कि पिछले दिनों दिल्ली में हुई बैठक में शताब्दी वर्ष के कार्यक्रमों की रूपरेखा तय की गई। उसके अनुरूप सभी प्रांतों में कार्ययोजना बनाई जा रही है। संगठन ने अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचने का लक्ष्य तय किया है।