RO/ARO पेपर लीक प्रकरण: वांछित सुभाष प्रकाश पर जल्द होगा इनाम, कईमहीनों से दे रहा चकमा
RO ARO पेपर लीक प्रकरण उत्तर-प्रदेश लोक सेवा आयोग की ओर से आयोजित समीक्षा अधिकारी/सहायक समीक्षा अधिकारी (आरओ/एआरओ) परीक्षा पेपर लीक मामले के मास्टरमाइंड राजीव नयन मिश्रा का बयान आखिरकार दर्ज कर लिया गया है। स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) की टीम शनिवार दोपहर मेरठ जेल पहुंची और पेपर लीक मामले में पूछताछ की। राजीव ने बांदा के रिसार्ट में पेपर का उत्तर रटवाने समेत कई अन्य बातें भी बताई थी।
जागरण संवाददाता, प्रयागराज। उप्र लोक सेवा आयोग की ओर से आयोजित समीक्षा अधिकारी/सहायक समीक्षा अधिकारी (आरओ/एआरओ) परीक्षा पेपर लीक मामले में वांछित चल रहे आरोपित सुभाष प्रकाश पर जल्द ही इनाम घोषित किया जाएगा। वह पिछले कई महीने से पुलिस व स्पेशल टास्क फोर्स एसटीएफ को चकमा दे रहा है।
ऐसे में इनाम घोषित कर सुभाष की घेरेबंदी तेज की जाएगी। इसके साथ ही उसके करीबियों पर भी कानूनी शिकंजा कसने की कवायद की जा रही है। एसटीएफ का कहना है कि सुभाष प्रकाश मूलरूप से मधुबनी बिहार का निवासी है। वह पिछले कई साल से भोपाल में रह रहा था।
आरओ/एआरओ का पेपर लीक होने के बाद जब आरोपितों पर कार्रवाई शुरू हुई तो सुभाष भूमिगत हो गया। मगर इसी मामले में पकड़े गए राजीव नयन मिश्रा समेत अन्य अभियुक्तों ने सुभाष की भूमिका और संलिप्तता के बारे में एसटीएफ को जानकारी दी है।
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यह भी बताया गया है कि परीक्षा से एक दिन पहले सुभाष ने पेपर उपलब्ध करवा दिया गया, जिसके बाद परीक्षार्थियों को सवालों के उत्तर रटवाए गए थे। सुभाष की गिरफ्तारी न होने से इस तथ्य का राजफाश नहीं हो पा रहा है कि उसे पेपर किसी प्रिंटिंग प्रेस से मिला अथवा एजेंसी के जरिए। ऐसे में उसको पकड़ने के लिए कई स्तर पर प्रयास किए गए मगर सफलता नहीं मिली।
एसटीएफ सूत्रों का कहना है कि वांछित अभियुक्त पर इनाम करवाकर घेरेबंदी तेज करने की कवायद चल रही है। इस संबंध में जल्द ही एसटीएफ की ओर से पुलिस को रिपोर्ट भेजी जाएगी।
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पेपर लीक के दोषियों के घर पर चले बुलडोजर
लोकतंत्र सेनानी व पूर्व अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष नरेंद्रदेव पांडेय ने कहा, एनटीए की ओर से कराई जाने वाली परीक्षाओं में पेपर लीक होना, परीक्षाफल में गड़बड़ी असाध्य रोग की तरह है। जो अत्यंत कष्टकारी है।
बोले, पेपर लीक करने व कराने वालों को आजीवन कारावास की सजा मिलनी चाहिए। ऐसे लोगों के घर में बुलडोजर चलवाने के साथ यह तय होना चाहिए कि उनके परिवार से किसी सदस्य को कभी सरकारी नौकरी न मिले।
कहा कि अभ्यर्थी दो-दो वर्ष परीक्षा के लिए कड़ी मेहनत करते हैं। अभिभावक लाखों रुपये खर्च करते हैं। पेपर लीक होने पर उन्हें मानसिक तनाव से जूझना पड़ता है। अब ऐसा लगने लगा है कि एनटीए के वश में परीक्षा कराना नहीं है। इस संस्था को समाप्त कर देना चाहिए। इसकी जगह सीबीएसई से परीक्षाएं कराई जाएं तो संभव है कि चीजें व्यवस्थित हों।
यह भी कहा कि परीक्षा में कदाचार रोकने को सख्त कानून शुक्रवार रात से लागू किए गए हैं लेकिन इससे बात नहीं बनेगी और कड़े कदम उठाने होंगे।