Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    UP News: महिला सिपाही के साथ होटल में रंगे हाथ पकड़े गए सीओ, सजा के तौर पर बनाया गया सिपाही

    Updated: Sun, 23 Jun 2024 08:00 AM (IST)

    उत्‍तर प्रदेश में एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है। यहां गोरखपुर की 26वीं वाहिनी पीएसी में तैनात कृपा शंकर को सिपाही बनाए जाने की पुष्टि कमांडेंट ने की है। इसकी पीछे की कहानी जानकर बहुत आश्‍चर्य होगा। दरअसल कृपा शंकर उन्‍नाव में सीओ पद पर तैनात थे। वह कानपुर होटल में महिला कांस्‍टेबल के साथ रंगेहाथ पकड़े गए थे। पूरी कहानी जानने के लिए नीचे खबर पढ़ें...

    Hero Image
    उन्‍नाव के सीओ को बनाया गया सिपाही। जागरण

     जागरण संवाददाता, गोरखपुर। महिला सिपाही के साथ जुलाई 2021 में कानपुर के होटल में आपत्तिजनक स्थिति में पकड़े गए उन्नाव के सीओ (क्षेत्राधिकारी) रहे कृपा शंकर कनौजिया को शासन ने सिपाही बना दिया है। पुलिस आचरण नियमावली का उल्लंघन करने का दोषी पाए जाने पर यह कार्रवाई हुई है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    शासन ने उनको निलंबित करने के बाद विभागीय जांच का आदेश दिया था। वर्तमान में गोरखपुर की 26वीं वाहिनी पीएसी में तैनात कृपा शंकर को सिपाही बनाए जाने की पुष्टि कमांडेंट ने की है।

    इसे भी पढ़ें-आगरा में उमस ने किया परेशान, गोरखपुर में मानसून की दस्तक शुरू, जानिए आज यूपी के मौसम का हाल

    उन्नाव में क्षेत्राधिकारी बीघापुर के पद पर तैनात रहे कृपा शंकर एक दिन का अवकाश लेकर निकले और महिला सिपाही को लेकर कानपुर के होटल पहुंच गए। सीओ के घर न पहुंचने पर स्वजन ने शिकायत की। तलाश शुरू हुई तो सीओ होटल के कमरे में सिपाही के साथ मिले।

    इस कृत्य को पुलिस आचरण नियमावली के विपरीत मानते हुए शासन ने उन्हें निलंबित करते हुए उनके विरुद्ध विभागीय जांच के आदेश दिए। डीजीपी मुख्यालय ने सीओ के विरुद्ध रिपोर्ट शासन को भेज दी। विभागीय जांच रिपोर्ट के आधार पर शासन ने सीओ को उनके प्रथम नियुक्त आरक्षी (सिपाही) पद पर प्रत्यावर्तित करने का आदेश पारित किया।

    इसे भी पढ़ें-परिषदीय के गुरुजी पर बढ़ेगा ऑनलाइन का बोझ, स्कूल रजिस्टर होंगे डिजिटल, टैबलेट पर चेहरा दिखा हाजिरी

    पीएसी 26वीं वाहिनी के सेनानायक आनंद कुमार ने कहा कि शासन से प्राप्त आदेश के अनुपालन के क्रम में कृपा शंकर को उनकी प्रथम नियुक्ति पद आरक्षी पर प्रत्यावर्तित करते हुए एक दल में नियुक्त कर दिया गया है।