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    दिल्ली से मिल्कीपुर तक हिलोरें उठाएगी पीएम मोदी की डुबकी, आज प्रयागराज आ रहे प्रधानमंत्री

    Updated: Wed, 05 Feb 2025 07:11 AM (IST)

    प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी बुधवार को प्रयागराज आ रहे हैं। आध्यात्मिक महत्व यह है कि वह माघ की अष्टमी को पुण्य काल में त्रिवेणी में स्नान करेंगे। उसी समय दिल्ली विधानसभा चुनाव और अयोध्या के मिल्कीपुर में उपचुनाव के लिए मतदान का राजनीतिक मुहूर्त भी चल रहा होगा। कांग्रेस नेता राहुल गांधी और आफ संयोजक अरविंद केजरीवाल की संगम से दूरी के भी निहितार्थ निकाले जा रहे हैं।

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    प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी बुधवार को प्रयागराज आ रहे हैं (फोटो- एक्स)

     जितेंद्र शर्मा, जागरण, महाकुंभ नगर। महाकुंभ में मौनी अमावस्या की पूर्व संध्या पर मची भगदड़ को लेकर संसद तक गरमाई राजनीति के बीच प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी बुधवार को प्रयागराज आ रहे हैं। उनकी डुबकी का समय बहुत महत्वपूर्ण है।

    आध्यात्मिक महत्व यह है कि वह माघ की अष्टमी को पुण्य काल में त्रिवेणी में स्नान करेंगे। उसी समय दिल्ली विधानसभा चुनाव और अयोध्या के मिल्कीपुर में उपचुनाव के लिए मतदान का राजनीतिक मुहूर्त भी चल रहा होगा।

    अरविंद केजरीवाल की संगम से दूरी

    माना जा रहा है कि पीएम की संगम में डुबकी से राजनीतिक हिलोरें भी उठेंगी, जो दिल्ली से अयोध्या तक पार्टी के हिंदुत्व और सांस्कृतिक राष्ट्रवाद के एजेंडे को काफी कुछ अभिसिंचित कर सकती हैं, वहीं कांग्रेस नेता राहुल गांधी और आफ संयोजक अरविंद केजरीवाल की संगम से दूरी के भी निहितार्थ निकाले जा रहे हैं।

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    भाजपा के लिए महाकुंभ का महत्व इसलिए भी बढ़ जाता है, क्योंकि जातिगत जनगणना को लेकर मुखर कांग्रेस, सपा और राजद जैसे दल अनुसूचित जाति और ओबीसी वोट खींचना चाहते हैं। भगवा खेमा हिंदुओं को सनातन की डोर से इस तरह बांध देना चाहता है कि उनके बीच जाति का कोई भेद ही उभर न पाए।

    प्रधानमंत्री ने महाकुंभ को एकता के महाकुंभ कहा था

    प्रधानमंत्री महाकुंभ को एकता के महाकुंभ की संज्ञा दे चुके हैं। इसके महत्व को राजनीतिक फलक पर प्रकाशमय बनाने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंत्रियों सहित संगम में डुबकी लगाई औऱ कैबिनेट बैठक भी की। भाजपा शासित राज्यों के कई मुख्यमंत्री, मंत्री, सांसद, विधायक अनवरत यहां आए।

    गृह मंत्री अमित शाह और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ भी पुण्य स्नान कर चुके हैं। दिल्ली और मिल्कीपुर में जब मतदान चल रहा होगा, तब पीएम मोदी सुबह 10.05 बजे प्रयागराज पहुंचेंगे और 12.30 बजे यहां से प्रस्थान करेंगे। वह त्रिवेणी में डुबकी लगाने के बाद 13 अखाड़ों के आचार्य महामंडलेश्वरों सहित कुल 26 संतों के साथ गंगा पूजन करेंगे।

    विपक्ष ने साधा निशाना

    कुछ यूं ही विपक्ष ने भी अपने समीकरण साधने का प्रयास किया है। दरअसल, राहुल और प्रियंका के महाकुंभ आने की चर्चा तो थी, लेकिन अब तक न आने के पीछे दिल्ली चुनाव को भी कारण माना जा रहा है। भाजपा का अपना मतदाता वर्ग है, जबकि आप और कांग्रेस के बीच मुस्लिम मतों की हिस्सेदारी को लेकर भी संघर्ष है।

    महाकुंभ से दूरी बनाकर शायद उस वर्ग को संदेश देने का प्रयास है। वहीं, मिल्कीपुर की परिस्थिति अलग है। सपा यदि लोकसभा चुनाव में अयोध्या और विधानसभा चुनाव में मिल्कीपुर जीती तो दलित वोट के कारण। चूंकि, इस सीट पर मुस्लिम मतदाता भी अच्छी संख्या में हैं, इसलिए महाकुंभ की व्यवस्थाओं पर सतत प्रहार कर अखिलेश ने एक पाले को साधने का प्रयास किया।

    आप का मुकाबला भाजपा से

    हिंदू कोई धारणा न बना लें, इसलिए गंगा स्नान पर व्यंग्य के बावजूद स्वयं पहले हरिद्वार और फिर महाकुंभ में स्नान कर गए। यहां मुस्लिम वर्ग की नाराजगी का जोखिम इसलिए भी नहीं है, क्योंकि प्रतिस्पर्धा सिर्फ भाजपा से है और मुस्लिम मतदाता विकल्पहीन।

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