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    प्रयागराज का ऐसा भी स्कूल... जहां अक्सर भरा रहता है पानी, कई दिन छात्र-छात्राएं नहीं पहुंच पाते विद्यालय

    Updated: Mon, 04 Aug 2025 05:25 PM (IST)

    प्रयागराज के प्राथमिक विद्यालयों में शिक्षा व्यवस्था बदहाल है। भरारी द्वितीय में जलभराव भारतगंज में पानी की कमी सिकंदरपुर में टपकती छत और हरिसेनगंज में जर्जर भवन की समस्या है। छात्रों को मूलभूत सुविधाओं का अभाव है जिससे पठन-पाठन में बाधा उत्पन्न हो रही है। जर्जर भवनों के कारण दुर्घटना का खतरा भी बना हुआ है।

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    प्रयागराज के प्राथमिक विद्यालय भरारी द्वितीय के परिसर में भरा पानी। जागरण

    जागरण संवाददाता, प्रयागराज। प्राथमिक विद्यालय भरारी द्वितीय के विद्यार्थियों के लिए बारिश ढेरों कठिनाई लेकर आती है। पानी निकासी का प्रबंध न होने के कारण परिसर में पानी भर जाता है। इससे कई दिन तक छात्र छात्राएं स्कूल नहीं आ पाते। समस्या के समाधान के लिए परिसर में मिट्टी डालकर ऊंचा करने की आवश्यकता है।

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    विद्यालय में कुल 66 विद्यार्थी हैं। पांच शिक्षक शिक्षण कर रहे हैं। पांच कक्ष, शौचालय और बिजली की व्यवस्था है लेकिन साफ सफाई का नितांत अभाव है। सबमर्सिबल खराब होने से रनिंग वाटर नहीं है। चहारदीवारी की ऊंचाई बहुत कम है जिससे कोई भी प्रवेश कर जाता है। छात्रों की दृष्टि से परिसर असुरक्षित है। पशु और अराजक तत्व कभी भी चले आते हैं और खिड़की दरवाजों को भी नुकसान पहुंचाते हैं।

    इनकी भी सुनें 

    कार्यवाहक प्रधाध्यापक नीलम कहती हैं कि कई बार विद्यालय में चोरी हुई। पौधे लगवाए गए लेकिन उन्हें नष्ट कर दिया गया। चहारदीवारी ऊंची होनी चाहिए। कक्षा पांच के छात्र विकास मौर्या बोले कि बरसात में पानी भर जाता है जिससे स्कूल नहीं जा पाते हैं। मैदान में गंदगी और घास की वजह से खेल नहीं पाते हैं। अभिभावक बल्ला देवी  का कहना है कि बहुत पुराना विद्यालय है। इसे नए सिरे से बनवाने की जरूरत है नहीं तो जलभराव से मुक्ति नहीं मिलेगी।

    पीने को पानी और खेल का मैदान नहीं

    उच्च प्राथमिक विद्यालय भारतगंज पहले गोला बाजार के पास किराए के मकान में चलता था। 1997 से चिकान मोहल्ले में विद्यालय का निर्माण कराया गया। यहां पीने के पानी की समस्या है। खेल का मैदान भी नहीं है। यहां कुल चार कमरे हैं। 120 विद्यार्थी पंजीकृत हैं। तीन अध्यापक और एक अनुदेशक शिक्षण की जिम्मेदारी उठा रहे हैं। स्कूल में तीन बार चोरी हो चुकी है। कुछ दिन पहले ही अराजकतत्व खिड़की उखाड़ ले गए। स्थान के अभाव में दिव्यांग शौचालय नहीं बन सका है। भवन में सीलन की भी समस्या है। यहां कमरों में टाइल्स नहीं लग पाई है।

    बोले प्रधानाध्यापक, अभिभावक व छात्र

    उच्च प्राथमिक विद्यालय भारतगंज प्रधानाध्यापक रेनू द्विवेदी ने कहा कि स्कूल में हैंडपंप खराब पड़ा है। इससे छात्रों को दिक्कत होती है। नगर पंचायत से जब पानी सप्लाई होता है तभी पानी मिलता है। अभिभावक कृष्णमनी का कहना है कि छात्रों को बैठने के लिए बेंच मेज की व्यवस्था है। पढ़ाई ठीक होती है लेकिन खेलने के लिए मैदान नहीं है। कक्षा आठ के छात्र अजय कुमार सोनकर ने बताया कि  हैंडपंप खराब होने से पानी की दिक्कत होती है। मैदान नहीं है इसलिए सिर्फ कैरम, लूडो खेल पाते हैं।

    टपकती है छत, भीगती हैं किताबें

    मऊआइमा विकासखंड का संविलियन विद्यालय सिकंदरपुर का भवन जर्जर हो चुका है। बारिश में छत से पानी टपकता है। बच्चों की कापी किताबें भीग जाती हैं। यह भवन 2005 में बना था। विद्यालय में 137 छात्र छात्राएं पंजीकृत हैं। उन्हें पढ़ाने के लिए आठ शिक्षक हैं। परिसर में शौचालय एवं पानी की व्यवस्था ठीक है। यहां की इंचार्ज प्रधानाध्यापक शोभा देवी ने कहा कि भवन पुराना हो चुका है। छत से प्लास्टर भी गिरता रहता है। भवन का मरम्मतीकरण बहुत जरूरी हो चुका है। छात्रा उजाला देवी बोली कि गर्मी में तो काम चल जाता है, बारिश में बस्ता और कापी किताब भीग जाता है। छत से पानी टपकना रोकना जरूरी है।

    जर्जर छत के नीचे बैठ रहे नौनिहाल

    मऊआइमा के प्राथमिक विद्यालय हरिसेनगंज का भवन जर्जर हो चुका है। जहां मिड डे मील बनता है वह रसोईघर भी खस्ताहाल है। उसकी दीवारें फट चुकी हैं। कई बार विभागीय अधिकारियों को सूचना दी गई लेकिन अब तक कोई कदम नहीं उठाया गया। बच्चे इसी जर्जर भवन के नीचे बैठ रहे हैं। कभी कभी प्लास्टर भी उखड़कर गिरता रहता है। यह लगभग 60 वर्ष पूर्व बना था। यहां 93 विद्यार्थी पंजीकृत हैं। इंचार्ज प्रधानाध्यापक डा. प्रवीण कुमार शुक्ल का कहना है कि भवन जर्जर होने के कारण प्लास्टर गिर रहा है। यदि भवन जल्द न बना तो बड़ी दुर्घटना भी हो सकती है। छात्र अर्जुन बोले कि कक्षा में बैठकर डर लगता है। कभी भी वह गिर सकता है। एक बार प्लास्टर गिरा था लेकिन सब बच गए थे।वहीं अभिभावक अंजलि सोनी ने कहा कि कम से कम भवन अच्छा होना चाहिए। प्राथमिक स्तर पर ही व्यवस्था धड़ाम है। यह सब लापरवाही की वजह से है।