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    Prayagraj Pollution: हवा बही तो उड़ गया संगम नगरी से प्रदूषण, AQI का स्तर जानकर नहीं होगा यकीन

    Updated: Thu, 05 Dec 2024 11:44 AM (IST)

    Prayagraj Pollution Drops प्रयागराज में बुधवार को चली हवाओं ने पिछले दस दिनों से लोगों को परेशान करने वाले प्रदूषण को उड़ा दिया। एक सप्ताह से 200 के पार रहने वाले वायु गुणवत्ता सूचकांक बुधवार को घटकर 51 रह गया। मौसम विज्ञानियों का कहना है कि अगले चार दिनों में ठंड तेजी से बढ़ेगी। अब तेज हवाओं के चलने से प्रदूषण का स्तर लगातार कम होगा।

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    प्रयागराज में प्रदूषण कम होने के बाद संगम पर सुंदर नजारा।-जागरण

    जागरण संवाददाता, प्रयागराज। पिछले दस दिनों लोगों की नाक में दम करने वाले प्रदूषण को बुधवार चली हवाओं ने उड़ा दिया। एक सप्ताह से 200 के पार रहने वाले वायु गुणवत्ता सूचकांक बुधवार को घटकर 51 रह गया।

    अभी दो दिन हवाएं और चलेंगी और इसकी वजह लोगों को वायु प्रदूषण से राहत मिलेगी। हालांकि अगले सप्ताह से ठंड फिर से बढ़ना शुरू होगी। ऐसे में फिर से वायु प्रदूषण शहर को चपेट में लेना शुरू करेगा।

    हवा में नमी की मात्रा बढ़ने के जहां छह दिन से वायु प्रदूषण काफी बढ़ गया था, वहीं तापमान में भी बढोत्तरी हो रही थी। बुधवार को न्यूनतम तापमान 12.6 डिग्री सेल्सियस और अधिकतम तापमान एक डिग्री बढ़कर 30.4 डिग्री सेल्सियस हो गया।

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    मौसम विज्ञानियों की माने तो अगले चार दिनों में ठंड तेजी से पांच पसारना शुरू करेगी।इवि के वायुमंडलीय एवं समुद्र अध्ययन केंद्र के प्रमुख प्रो. सुनीत द्विवेदी ने कहा कि सतही हवाएं चलने की वजह से तापमान बढ़ा है और सतह पर जमा प्रदूषण हटने के कारण वायु की गुणवत्ता बेहतर हुई है। यह हवाएं शुक्रवार तक चलेंगी।

    संगम का सुंदर नजारा।-जागरण


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    इसके बाद ही तापमान में कमी आनी शुरू होगी। मौसम विज्ञानियों का कहना है कि तापमान में गिरावट और बढ़ती नमी वायुमंडल में प्रदूषकों के जमा होने में योगदान दे रही थी।

    अब तेज हवाओं के चलने से प्रदूषण का स्तर लगातार कम होगा। हवा की गति बढ़ने से ठहरी हुई हवा का प्रवाह होगा, जिससे जहरीले कण और धूल कण वायुमंडल से साफ हो जाएंगे।

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    पौधारोपण स्थलों की की जाएगी आकस्मिक जांच

    प्रयागराज में पौधारोपण में मिले घपले के बाद अब वन विभाग ने पूरे प्रदेश में पौधारोपण स्थलों की आकस्मिक जांच का निर्णय लिया है। स्थलों का चयन कंप्यूटर के जरिये रैंडम तरीके से होगा। जांच के लिए वन विभाग की आडिट टीम के साथ मुख्यालय स्तर से बड़े अधिकारियों को भी भेजा जाएगा। विभाग ने पिछले वर्षों में हुए पौधारोपण की थर्ड पार्टी जांच कराने के भी निर्देश दे दिए हैं।

    पौधारोपण के घपलेबाजों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने के साथ ही विभाग उनसे आर्थिक नुकसान की भरपाई करेगा। सोरांव रेंज की जोगीपुर क्षेत्र में छह हेक्टेयर क्षेत्रफल में 15 हजार पौधे लगाने का दावा किया गया था। पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री डा.अरुण कुमार सक्सेना ने मंगलवार को जब मौके पर जाकर देखा तो यहां उन्हें 20 प्रतिशत पौधे भी लगे हुए नहीं मिले। जहां पौधे लगे थे, उनमें भी ज्यादातर मर चुके थे।

    कुछ पौधे तो बगैर पन्नी हटाए ही लगा दिए गए थे। पूरा क्षेत्र बंजर पड़ा हुआ था। मंत्री की नाराजगी के बाद वन विभाग ने यहां रेंजर, डिप्टी रेंजर व वन रक्षक को तत्काल हटा दिया था। इस बार मानसून सीजन में 36.51 करोड़ से अधिक पौधे लगाने का दावा किया गया है। इनमें से वन विभाग ने 14 करोड़ पौधे लगाए हैं।

    विभाग ने अब पौधारोपण स्थलों की आकस्मिक जांच कराने का निर्णय लिया है। प्रधान मुख्य वन संरक्षक एवं विभागाध्यक्ष सुनील चौधरी कहते हैं कि अब विभाग अन्य स्थानों पर भी जांच कराएगा। पौधारोपण स्थलों का चयन कंप्यूटर के जरिये किया जाएगा।

    वहीं, वन मंत्री डा. अरुण कुमार सक्सेना कहते हैं कि सरकार ‘पेड़ लगाओ, पेड़ बचाओ’ अभियान चला रही है। जिलों में अधिकारियों को पौधारोपण स्थल की जांच जरूर करने के निर्देश दिए गए हैं। जहां भी गड़बड़ी मिलेगी उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।