महाकुंभ में श्रद्धालुओं को ठगने के लिए साइबर ठगों ने बिछाया जाल, पुलिस ने तैयार की लिस्ट; जारी किया हेल्पलाइन नंबर
महाकुंभ मेला के मद्देनजर श्रद्धालुओं को साइबर ठगों के जाल से बचाने के लिए यूपी पुलिस ने एक्स पर पोस्ट किया है। इसमें 83 होटल लॉज धर्मशाला व कॉटेज की सूची है। बता दें कि पिछले दिनों पुलिस ने महाकुंभ में फर्जी वेबसाइट से टेंट कॉटेज और होटल बुकिंग के नाम पर कई लोगों से ठगी करने वाले चार साइबर अपराधियों को गिरफ्तार किया था।

जागरण संवाददाता, प्रयागराज। महाकुंभ मेला के मद्देनजर श्रद्धालुओं को साइबर ठगों के जाल से बचाने के लिए यूपी पुलिस ने एक्स पर पोस्ट किया है। इसमें 83 होटल, लॉज, धर्मशाला व कॉटेज की सूची है। इसमें नाम, पता, मोबाइल नंबर व अधिकृत वेबसाइट शामिल हैं। यह सूची स्थानीय प्रशासन एवं पर्यटन विभाग के सहयोग से पुलिस ने तैयार की है। साथ ही श्रद्धालु किसी भी जानकारी के लिए कुंभ मेला की हेल्पलाइन 1920 पर फोन कर सकते हैं।
पिछले दिनों पुलिस ने महाकुंभ में फर्जी वेबसाइट से टेंट, कॉटेज और होटल बुकिंग के नाम पर कई लोगों से ठगी करने वाले चार साइबर अपराधियों को गिरफ्तार किया था। इनमें पंकज निवासी चोरसुआ नालंदा, यश चौबे निवासी मुरीदपुर चौबेपुर वाराणसी, अंकित गुप्ता निवासी कादीपुर छीतमपुर वाराणसी व अमन निवासी ठेकमा खुर्द लसड़ा बरदा आजमगढ़ शामिल थे।
पर्यटकों को ठगी का शिकार बनाता था पंकज
पंकज मास्टरमाइंड था। वह अपने तीन साथियों संग मिलकर पर्यटकों को ठगी का शिकार बनाता था। ये महाकुंभ से मिलते-जुलते नामों से फर्जी वेबसाइट बनाकर कम रुपये में लग्जरी रूम, वीआइपी स्नान व दर्शन कराने का लालच देकर एडवांस के तौर पर रकम लेते थे। 100 से अधिक लोगों से करीब 36 लाख रुपये की ठगी की थी।
60 से अधिक वेबसाइट कराई गई हैं बंद
टेंट बुकिंग आदि के नाम पर महाकुंभ से मिलते-जुलते नामों से फर्जी वेबसाइट बनाकर ठगी की शिकायत मिलने पर साइबर थाना पुलिस ने कई मामले दर्ज किए हैं। वहीं, अब तक 60 से अधिक फर्जी वेबसाइट को बंद कराया जा चुका है।
ऐसे रहें सतर्क
- यूआरएल की अच्छी तरह से जांच कर लें।
- वेबसाइट का यूआरएल "https://" से शुरू हो रहा हो, लाक आइकन हो।
- केवल सरकारी या प्रमाणित एजेंसियों से ही बुकिंग करें।
- वेबसाइट या वाट्सएप से मिले एपीके फाइल को डाउनलोड नहीं करें।
तीर्थयात्री ले जा सकेंगे महाकुंभ की निशानी
महाकुंभ में ओड़ीसा से आई एक टीम वहां के बने ऐसे उत्पादों की प्रदर्शनी किले के पास लगाई है, जिसमें महाकुंभ के लोगो की प्राथमिकता है। उद्देश्य है कि यहां आने वाले तीर्थयात्री अपने साथ महाकुंभ की यादें सहेज कर ले जाएं।
रंगीन गमछे, शाल, दुपट्टा, बैग और टोपियां लेकर आए प्रभात महापात्र और सुब्रजीत महापात्र ने बताया कि उनका गैर सरकारी संगठन धार्मिक प्रचार-प्रसार में भी आगे रहता है। उन्होंने जो भी सामग्री महाकुंभ के लोगो के साथ बनवाई है, वह बायो डिग्रेडेबल काटन से तैयार हैं यानी खराब होने के बाद भी किसी तरह से पर्यावरण के लिए नुकसानदेह नहीं हैं। गमछे, बैग, शाल और टोपी में प्राकृतिक रंगों का इस्तेमाल किया गया है। इसके दाम निर्धारित हैं।
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