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    Maha Kumbh 2025: महाकुंभ में एटीएस की महिला कमांडो भी संभालेंगी मोर्चा, संदिग्ध महिलाओं की गतिविधि पर रखेंगी नजर

    महाकुंभ में श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए आतंकवाद निरोधक दस्ता (एटीएस) की महिला कमांडो तैनात की जा रही हैं। यह महिला कमांडो टीम महिला श्रद्धालुओं की सुरक्षा का विशेष जिम्मा संभालेगी और संदिग्ध आतंकियों से मोर्चा लेने के लिए 24 घंटे मुस्तैद रहेगी। इसके अलावा बम निरोधक दस्ता (बीडीडीएस) की टीम और डाग स्क्वाड भी महाकुंभ मेला क्षेत्र में सक्रिय हैं।

    By Jagran News Edited By: Shivam Yadav Updated: Wed, 08 Jan 2025 06:00 AM (IST)
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    मेला क्षेत्र में महिला कमांडो की एक टीम तैनात की जा रही है।

    जागरण संवाददाता, महाकुंभ नगर। महाकुंभ में श्रद्धालुओं की सुरक्षा आतंकवाद निरोधक दस्ता (एटीएस) की महिला कमांडो भी करेंगी। मेला क्षेत्र में महिला कमांडो की एक टीम तैनात की जा रही है, जो महिला श्रद्धालुओं की सुरक्षा का विशेष जिम्मा संभालेगी। संदिग्ध आतंकियों से मोर्चा लेने के लिए 24 घंटे मुस्तैद रहेंगी। संदिग्ध महिलाओं की गतिविधि पर नजर रखेंगी। 

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    महाकुंभ मेला क्षेत्र में एटीएस कमांडो की कुल तीन टीमें तैनात की गई हैं। इसमें एक महिला और दो पुरुष कमांडो की टीमें हैं। पुरुष कमांडो की टीम ने मेला क्षेत्र में अपना मोर्चा संभाल लिया है, महिला कमांडो की टीम आने वाली है। 

    महिला कमांडो के जिम्मे महिला श्रद्धालुओं की सुरक्षा की रहेगी। ये पूरे मेला क्षेत्र में भ्रमण करते हुए अलग-अलग प्वाइंट पर स्थिति का जायजा लेते हुए सुरक्षा घेरा मजबूत करेंगी। संगम तट, वीआइपी घाट, बड़े हनुमान मंदिर सहित अन्य प्रमुख स्थलों पर मूवमेंट करते हुए इनपुट जुटाएंगी। 

    बीडीडीएस टीम के साथ डाग स्क्वाड

    महाकुंभ मेला क्षेत्र में बम निरोधक दस्ता (बीडीडीएस) की टीम भी सक्रिय है। प्रत्येक बीडीडीएस टीम के साथ डाग स्क्वाड भी है, जो पूरे मेला क्षेत्र में संदिग्ध वस्तुओं की जांच में जुटी हुई है। इसके अलावा कई अन्य सुरक्षा एजेंसियां भी महाकुंभ मेला क्षेत्र में सक्रिय है। 

    महाकुंभ मेला क्षेत्र में एटीएस की महिला विंग भी तैनात की जा रही है। इससे जहां महिला श्रद्धालुओं में सुरक्षा का भाव बढ़ेगा, वहीं सुरक्षा घेरा भी मजबूत होगा। 

    -राजेश कुमार द्विवेदी, एसएसपी महाकुंभ

    तीर्थयात्री ले जा सकेंगे महाकुंभ की निशानी

    महाकुंभ में ओड़ीसा से आई एक टीम वहां के बने ऐसे उत्पादों की प्रदर्शनी किले के पास लगाई है, जिसमें महाकुंभ के लोगो की प्राथमिकता है। उद्देश्य है कि यहां आने वाले तीर्थयात्री अपने साथ महाकुंभ की यादें सहेज कर ले जाएं। 

    रंगीन गमछे, शाल, दुपट्टा, बैग और टोपियां लेकर आए प्रभात महापात्र और सुब्रजीत महापात्र ने बताया कि उनका गैर सरकारी संगठन धार्मिक प्रचार-प्रसार में भी आगे रहता है। उन्होंने जो भी सामग्री महाकुंभ के लोगो के साथ बनवाई है, वह बायो डिग्रेडेबल काटन से तैयार हैं, यानी खराब होने के बाद भी किसी तरह से पर्यावरण के लिए नुकसानदेह नहीं हैं। गमछे, बैग, शाल और टोपी में प्राकृतिक रंगों का इस्तेमाल किया गया है। इसके दाम निर्धारित हैं।

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