डेंगू नहीं... एंटीबायोटिक दवाएं घटा रहीं राेगियों की प्लेटलेट, डाक्टरों के समक्ष आ चुके हैं केस, बुखार में खुद न बनें 'डाक्टर'
इन दिनों के मौसम में बुखार से पीड़ित लोग डाक्टर से परामर्श किए बिना दवाएं ले रहे हैं जिससे प्लेटलेट काउंट कम हो रहा है। एंटीबायोटिक दवाओं के अनावश्यक सेवन से प्लेटलेट में कमी हो रही है जिससे 20 रोगियों को प्लेटलेट चढ़ाने की आवश्यकता पड़ी। प्रयागराज के डाक्टरों का कहना है कि एंटीबायोटिक दवाओं के अत्यधिक उपयोग से शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली उत्तेजित होने से प्लेटलेट नष्ट होते हैं।

जागरण संवाददाता, प्रयागराज। संक्रामक रोग के सीजन में बुखार पीड़ितों पर स्व-चिकित्सा यानी डाक्टर से परामर्श लिए बिना दवाओं का सेवन भारी पड़ रहा है। प्लेटलेट 50 हजार या इससे कम होने पर इलाज के लिए आ रहे लोगों में पता चल रहा है कि एंटीबायोटिक टैबलेट कई दिनों से खा रहे हैं। प्लेटलेट में कमी डेंगू से तो कम, एंटीबायोटिक के बेवजह सेवन से अधिक हो रही है। ऐसे 20 मरीज डाक्टरों के सामने आ चुके हैं जिन्हें प्लेटलेट की पूर्ति कर जान बचाई गई। कुछ लोगों का इलाज सरकारी और प्राइवेट अस्पतालों में चल रहा है।
सरकारी अस्पतालों में तीन दिनों में ऐसे 12 मरीज आए
छावनी परिषद सामान्य अस्पताल, स्वरूपरानी नेहरू चिकित्सालय और टीबी सप्रू चिकित्सालय 'बेली अस्पताल' में बीते तीन दिनों में ऐसे 12 मरीज पहुंचे जिनकी प्लेटलेट में अत्यधिक कमी पाई गई लेकिन उन्हें डेंगू नहीं हुआ था। आमतौर पर माना जाता है कि डेंगू बुखार में प्लेटलेट तेजी से घटती है। ताजा मामलों में प्लेटलेट एंटीबायोटिक दवाओं के बेवजह सेवन से कम हो रही है। प्रभावित लोगों में चार की जान प्लेटलेट चढ़ाकर बचाई गई। शेष को दवाओं से राहत मिली।
पांच दिन तक बिना डाक्टर की सलाह के खा लिए दवा
प्रयागराज में नवाबगंज के रहने वाले व्यापारी विकास मिश्रा को एक सप्ताह पहले बुखार हो गया था। पहले दो दिन पैरासीटामाल का सेवन किया। उसके बाद पांच दिनों तक एंटीबायोटिक डाक्टर के परामर्श के बिना ही करते रहे। परिणाम दुष्प्रभाव के रूप में सामने आया। अस्पताल में जांच हुई तो प्लेटलेट की मात्रा 52 हजार पाई गई।
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इन्हें गांव के डाक्टर की दवा से आने लगी सुस्ती
स्वरूपरानी नेहरू चिकित्सालय (एसआरएन) में भर्ती रामनरेश ने बताया कि गांव में एक क्लीनिक पर डाक्टर से सुझाव लेकर एंटीबायोटिक लेने लगे थे। तीन दिन बाद ही शरीर में सुस्ती आने लगी। अस्पताल में आकर जांच कराई तो प्लेटलेट घटी हुई मिली।
कहते हैं थ्रोम्बोसाइटोपेनिया
एंटीबायोटिक अनावश्यक रूप से लेने के चलते प्लेटलेट घटती है। इसे थ्रोम्बोसाइटोपेनिया कहते हैं। इन मामलों में शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली दवा के अत्यधिक सेवन से उत्तेजित हो जाती है और प्लेटलेट नष्ट होने लगती है।
दूसरे अंग भी होते हैं प्रभावित
एसआरएन अस्पताल के फिजीशियन डा. सुजीत वर्मा कहते हैं कि अक्सर लोग बीमारी को बढ़ाकर अस्पताल आते हैं, आजकल देखा जा रहा है कि बुखार होने के बाद लोग एंटीबायोटिक अपने से लेने लगते हैं। इससे दूसरी बीमारियां जन्म लेती हैं। प्लेटलेट तो इससे घटती है, दूसरे अंगा्ें पर भी विपरीत प्रभाव पड़ता है।
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