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    Prayagraj News: एसआरएन अस्पताल में 26 घंटे बाद हड़ताल खत्म, तीन आरोपी गिरफ्तार; आधी रात बहाल हुईं सेवाएं

    Updated: Thu, 25 Sep 2025 07:00 AM (IST)

    प्रयागराज के स्वरूपरानी नेहरू अस्पताल में जूनियर डॉक्टर अनुराग पर हमले के बाद डॉक्टरों ने 26 घंटे बाद हड़ताल समाप्त कर दी। पुलिस ने तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है। ट्रामा सेंटर और इमरजेंसी सेवाएं फिर से शुरू होने से मरीजों को राहत मिली है। पूछताछ में पता चला कि एक आरोपी की बहन भी डॉक्टर है। आरोप है कि डॉक्टर अनुराग महिला डॉक्टर को परेशान करते थे।

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    डॉक्टरों पर हमले के विरोध में जारी हड़ताल 26 घंटे बाद खत्म।

    जागरण संवाददाता, प्रयागराज। स्वरूपरानी नेहरू अस्पताल में जूनियर डाक्टर अनुराग पर हुए हमले में तीन आरोपितों की गिरफ्तारी के बाद मंगलवार रात 26 घंटे बाद डाक्टरों ने हड़ताल समाप्त कर दी। ट्रामा सेंटर से लेकर दूसरी इमरजेंसी सेवा शुरू होने से मरीजों के साथ ही तीमारदारों ने भी राहत की सांस ली। 

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    पुलिस ने घटना में शामिल आरोपित सराय इनायत के शांतनु सिंह, सैनी के शौर्य केसरवानी और मंझनपुर कौशांबी के दिव्यांशु मिश्रा को गिरफ्तार करने के बाद एसआरएन पुलिस चौकी ले गई, जहां पीड़ित डाक्टर ने उनकी पहचान की। शुरुआती पूछताछ में पता चला है कि एक आरोपित की बहन भी एसआरएन में डाक्टर है। 

    आरोप है कि डाक्टर अनुराग महिला डॉक्टर पर अनावश्यक दबाव बनाते हुए परेशान करते थे। इसी के चलते मारपीट की घटना हुई थी।

    सोमवार शाम डाक्टर अनुराग पर कार सवार युवकों ने हमला किया था। शिकायत देने के बाद जब पुलिस ने कार्रवाई नहीं की तो नाराज डाक्टर मंगलवार रात 10 बजे हड़ताल पर उतर आए। ट्रामा सेंटर के बाहर धरने पर बैठ गए, जिससे मरीजों की परेशानी बढ़ गई थी। बुधवार शाम तक गिरफ्तारी का वादा कागजों तक सीमित रहा। 

    हालात संभालने कोई बड़ा अधिकारी मौके पर नहीं पहुंचा। प्रशासन की सुस्ती और संवेदनहीनता ने स्थिति को और बिगाड़ दिया। हमले के सीसीटीवी फुटेज सौंपने के बावजूद पुलिस की ढिलाई डाक्टरों के गुस्से की बड़ी वजह बनी। मरीजों और तीमारदारों की बेबसी चरम पर रही, जबकि अस्पताल परिसर में हड़ताल और गुस्से की गूंज प्रशासन की नाकामी को उजागर करती रही। 

    मोतीलाल नेहरू मेडिकल कालेज के जूनियर रेजीडेंट अनुराग कुमार के साथ सोमवार की शाम पांच बजे टैगोर टाउन स्थित तलवार अपार्टमेंट के गेट पर मारपीट हुई थी। पांच-छह लोगों ने उन पर हमला किया था। इसका सीसीटीवी फुटेज देकर अनुराग और साथी डाक्टरों ने जार्जटाउन थाना पुलिस से कार्रवाई की मांग की थी लेकिन पुलिस की कार्यप्रणाली शिथिल रही।

    इससे गुस्साए डाक्टरों ने मंगलवार रात 10 बजे से स्वरूपरानी नेहरू अस्पताल की सभी आकस्मिक चिकित्सा सेवाएं ठप कर दीं और हड़ताल की घोषणा कर धरने पर बैठ गए। बुधवार को पूरे दिन ट्रामा सेंटर, मेडिसिन इमरजेंसी, सर्जरी इमरजेंसी में किसी नए मरीज का इलाज नहीं हुआ। एंबुलेंस से लाए जाने वाले गंभीर मरीजों के परिवार के लोग हड़बड़ी में रहे। लगभग 250 गंभीर मरीज सुबह से शाम तक लौटाए गए और 2500 मरीजों के पंजीकरण नहीं हो सके। 

    वार्ड में भर्ती तमाम मरीजों के आपरेशन की तारीखें बढ़ा दी गईं। जरूरी आपरेशन ही हुए। इस तरह से मंडल के सबसे बड़े अस्पताल में मची अफरातफरी का संज्ञान लेने वाला कोई न था। मरीजों को आशा थी कि कमिश्नर, पुलिस कमिश्नर या जिलाधिकारी स्तर से कोई मध्यस्थता कर डाक्टरों का गुस्सा शांत करने की पहल करेगा, मगर कोई भी उच्चाधिकारी मौके पर नहीं पहुंचा। 

    हालांकि एडीएम सिटी सत्यम मिश्रा, डीसीपी सिटी मनीष शांडिल्य दोपहर में करीब 12 बजे पहुंचे। कालेज के प्राचार्य डा. वीके पांडेय के साथ डाक्टरों से वार्ता की, शाम तक आरोपितों की गिरफ्तारी का आश्वासन भी दिया। लेकिन हड़ताल खत्म न हीं की गई। प्रकरण में मेडिकल कालेज के प्राचार्य डा. वीके पांडेय ने कहा कि पुलिस ने तीन लोगों को गिरफ्तार किया है। पीड़ित डाक्टर ने दो आरोपितों की पहचान की है।

    वहीं, एडीसीपी सिटी पुष्कर वर्मा ने बताया कि तीन आरोपितों को गिरफ्तार करते हुए फार्च्युनर कार बरामद की गई है। शुरुआती पूछताछ में पता चला है कि एक आरोपित की बहन भी अस्पताल में डाक्टर है, जिसे परेशान किया जा रहा था। इसी से नाराज होकर उसके भाई ने साथियों के साथ मिलकर डाक्टर से मारपीट की थी। विस्तृत पूछताछ की जा रही है।