सरकारी तंत्र की अनोखी कहानी, पैदा हुए 1900 में, साल 2024 में लिया मुख्यमंत्री आवास
प्रयागराज के पूरा घीसन गाँव में एक अजीब मामला सामने आया है जहाँ अभिलेखों के अनुसार 1900 में जन्मे लोगों को 2024 में मुख्यमंत्री आवास आवंटित किए गए। लगभग 20 लाभार्थियों की जन्मतिथि 1 जनवरी 1900 दर्ज है जबकि उनकी वास्तविक उम्र कुछ और है। आवासों की जियोटैगिंग में भी अनियमितता पाई गई है। परियोजना निदेशक ने जांच का आश्वासन दिया है।

सूर्य प्रकाश तिवारी, प्रयागराज। एक जनवरी 1900 में जन्में व्यक्ति को क्या 2024 में मुख्यमंत्री आवास मिल सकता है? आपका जवाब होगा नहीं, लेकिन सरकारी तंत्र ने यह असंभव कार्य संभव किया है। एक-दो बल्कि दर्जनों लोग ऐसे हैं जिनके जन्म का सन अभिलेखों में 1990 लिखा है।
ऐसे लोगों को 2024 में मुख्यमंत्री आवास दिया गया। इससे भी बड़ा आश्चर्यजनक यह है कि सभी एक ही गांव के रहने वाले हैं। सब एक ही साल, एक ही महीने और एक ही दिन जन्मे। मामला करछना ब्लाक क्षेत्र के पूरा घीसन ग्राम पंचायत का है।
पूरा घीसन गांव में लगभग 20 लोगों को मुख्यमंत्री आवास मिला है। गांव की कचरहिया, कमला देवी, कंचन देवी, कमलेश, दिव्य कुमारी, चंपा, शीला देवी, राजाराम और राजेंद्री भी इन्हीं लाभार्थियों में शामिल हैं। इनमें से कुछ ने बनवा लिया है तो कुछ के आवासों में काम चल रहा है।
आवास स्वीकृत होने के साथ ही लाभार्थियों की ग्रामीण विकास मंत्रालय के प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण के पोर्टल पर एक आइडी बन जाती है। इस आइडी पर उनकी व्यक्तिगत जानकारी के साथ ही आवास के निर्माण की प्रगति का पूरा ब्योरा रहता है।
जन्मतिथि भी दर्ज रहती है। इन सभी 10 लाभार्थियों की जन्मतिथि एक जनवरी 1900 दर्ज है। जन्मतिथि में गड़बड़ी की जानकारी लाभार्थियों को भी नहीं। इस गांव में कुछ लाभार्थी ऐसे हैं, जो ओबीसी वर्ग के हैं, लेकिन आइडी पर इन्हें एससी की कैटेगरी में डाल दिया गया है।
125 साल की जगह 67 की निकलीं कचरहिया
कचरहिया ने जागरण की टीम को अपना आधार कार्ड दिखाया और कहा कि मेरी उम्र 67 साल है। 125 वर्ष नहीं। नई तारीख कहां से दर्ज हो गई, यह पता नहीं। राजाराम, चंपा और कमला घर में परिजन मिले। अपनों की नई जन्मतिथि के बारे में जानकर वह भी चौक गए थे।
ग्राम पंचायत सचिव दीपेश का कहना है कि आधार कार्ड के आधार पर जन्मतिथि दर्ज है। तमाम गांव ऐसे हैं, जहां लोगों की एक ही जन्मतिथि डाल दी गई है।
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एक मुख्यमंत्री आवास और लाभार्थी दो-दो
पूरा घीसन में आवासों की जियोटैगिंग में भी जमकर मनमानी हुई। लाभार्थी कचरहिया और कमला देवी की आइडी पर एक ही आवास की तस्वीर अपलोड है। इसी तरह कंचन देवी व कमलेश की आइडी पर एक ही तस्वीर दिख रही है। राजाराम और राजेंद्री की आइडी पर भी एक ही मकान की फोटो दिख रही है।
मामला संज्ञान में नहीं है। अगर ऐसा है तो उसकी जांच कराई जाएगी। इसमें जो दोषी मिलेगा, उसके खिलाफ कार्रवाई होगी।
-भूपेंद्र सिंह, परियोजना निदेशक, ग्राम्य विकास अभिकरण
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