पुरातात्विक महत्व के सिक्कों का प्रयागराज कोषागार में कोई रिकार्ड ही नहीं, एक पत्र से खुली पोल तो मची खलबली
प्रयागराज में पुरातात्विक महत्व के सिक्कों और मूर्तियों का कोई रिकार्ड नहीं मिला है। क्षेत्रीय पुरातत्व अधिकारी के पत्र के बाद हुई खोजबीन में यह जानकारी सामने आई है। कोषागार में केवल एक अष्टधातु की मूर्ति मिली है जिसका वजन लगभग चार किलो है। उत्तर प्रदेश मुद्रा समिति राज्य संग्रहालय ने इन सामग्रियों को लखनऊ भेजने का अनुरोध किया था।

जागरण संवाददाता, प्रयागराज। संगम नगरी में पुरातात्विक महत्व के सिक्कों और मूर्तियों का कोई रिकार्ड नहीं है। इसका पता तब चला जब क्षेत्रीय पुरातत्व अधिकारी प्रयागराज की ओर से पांडुलिपि अधिकारी को इस बाबत पत्र भेजा गया और फिर इसकी खोजबीन शुरू हुई। इससे खलबली मची है।
इस पत्र के मुताबिक उत्तर प्रदेश मुद्रा समिति राज्य संग्रहालय के निदेशक की ओर से कहा गया है कि जनपद कोषागार में संग्रहीत सिक्कों, दुर्लभ मूर्तियों एवं अन्य पुरातात्विक महत्व के सामान को जिला प्रशासन की ओर से राज्य संग्रहालय लखनऊ भेजा जाए।
कोषागार में सिक्के न पुरातात्विक महत्व की अन्य सामग्री है, जबकि खोदाई तथा अन्य कार्यवाही में सिक्कों समेत अन्य सामग्री रखा जाना बताया गया है। लगभग 10 सेमी ऊंचाई की सिर्फ एक अष्टधातु की मूर्ति है, जिसका वजन लगभग चार किलो है।
दरअसल, उत्तर प्रदेश मुद्रा समिति राज्य संग्रहालय की ओर से जनपद के कोषागार में संग्रहीत सिक्कों, दुर्लभ मूर्तियों व अन्य पुरातात्विक महत्व की सामानों को राज्य संग्रहालय में संरक्षित कराया जा रहा है। इसके लिए संग्रहालय के निदेशक ने क्षेत्रीय पुरातत्व अधिकारी की ओर से पांडुलिपि अधिकारी को पत्र लिखा गया है।
क्षेत्रीय पुरातत्व अधिकारी का कहना है कि पुरातात्विक महत्व के सिक्के उपलब्ध कराने के लिए पांडुलिपि अधिकारी को पत्र भेजा गया है। मुख्य कोषाधिकारी प्रत्युष कुमार का कहना है कि अष्टधातु की बताई जा रही एक प्रतिमा के अलावा पुरातात्विक महत्व के कोई सिक्के कोषागार में नहीं है।
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