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    दिल्ली-हावड़ा रूट पर 160 की रफ्तार से दौड़ेंगी ट्रेनें, प्रयागराज से DDU तक तीसरी लाइन तैयार

    Updated: Tue, 29 Jul 2025 10:59 PM (IST)

    दिल्ली-हावड़ा रूट पर ट्रेनों की गति बढ़ाने के लिए प्रयागराज-पीडीडीयू खंड पर तीसरी लाइन का निर्माण किया जा रहा है। हाल ही में 14.41 किमी लंबी जिवनाथपुर-कैलहट खंड का संरक्षा निरीक्षण पूरा हुआ। 120 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से सीआरएस स्पेशल ट्रेन चलाकर ट्रैक की जांच की गई। इस नई लाइन से रेल यातायात सुगम होगा यात्री और मालगाड़ियाँ समय पर चलेंगी और औद्योगिक विकास को भी बढ़ावा मिलेगा।

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    दिल्ली-हावड़ा रूट की तीसरी लाइन पर 120 की गति से दौड़ी ट्रेन

    जागरण संवाददाता, प्रयागराज। दिल्ली-हावड़ा रूट पर 160 किलोमीटर प्रति घंटा की गति से ट्रेन चलनी है। इसके लिए प्रयागराज से पीडीडीयू (पं. दीन दयाल उपाध्याय) जंक्शन के बीच तीसरी लाइन बिछाई जा रही है, ताकि ट्रेनों का दबाव कम किया जा सके और मुख्य लाइन पर ट्रेनों को गति से बढ़ाया जाए। उस दिशा में रेलवे ने मंगलवार को एक बड़ी उपलब्धि मिली।

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    इस रूट पर प्रयागराज के जिवनाथपुर-नारायनपुर बाजार-कैलहट खंड की 14.41 किमी लंबी तीसरी रेल लाइन पर रेल संरक्षा आयुक्त (पूर्वोत्तर परिमंडल) प्रणजीव सक्सेना ने संरक्षा निरीक्षण किया। इस दौरान सीआरएस स्पेशल ट्रेन को 120 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चलाकर ट्रैक की गुणवत्ता और तकनीकी मानकों की जांच की गई। ट्रैक ठीक पाया गया है और अब इस पर ट्रेन चलाई जा सकेगी।

    आयुक्त ने कैलहट और नारायनपुर बाजार स्टेशनों पर स्टेशन मास्टर कक्ष, रिलेरूम और इलेक्ट्रानिक इंटरलाकिंग सिस्टम का गहन निरीक्षण किया। मोटर ट्राली से ट्रैक, प्वाइंट्स और बाक्स की बारीकी से जांच हुई। इससे अब पं. दीनदयाल उपाध्याय-प्रयागराज खंड की तीसरी लाइन से रेल यातायात की क्षमता बढ़ेगी। भीड़भाड़ कम होने से यात्री और मालवाहक ट्रेनें समय पर चलेंगी।

    उत्तर प्रदेश और बिहार के बीच कनेक्टिविटी बेहतर होगी, खासकर प्रयागराज, वाराणसी, मीरजापुर और भदोही को फायदा मिलेगा। मालवाहक ट्रेनों की सुगम आवाजाही से औद्योगिक गतिविधियां तेज होंगी, जिससे वाराणसी, पटना और आसपास के इलाकों में व्यापार को बढ़ावा मिलेगा।

    मंडल पीआरओ अमित कुमार सिंह ने बताया कि आधुनिक इलेक्ट्रानिक इंटरलाकिंग और सिग्नलिंग सिस्टम से लैस यह लाइन संरक्षा और दक्षता को नया आयाम देगी। यात्रियों को समय की बचत होगी और मालवाहक ट्रेनों की बढ़ी आवृत्ति से आपूर्ति श्रृंखला मजबूत होगी। खासकर कुंभ मेला जैसे आयोजनों में पर्यटकों को सहूलियत मिलेगी।