Prayagraj Junction नौ मंजिला आधुनिक इमारत में तब्दील होगा, यात्रियों को विश्व स्तरीय सुविधाएं व अत्याधुनिक सुरक्षा मिलेगी
प्रयागराज जंक्शन को 960 करोड़ रुपये की लागत से देश का माडल रेलवे स्टेशन बनाया जा रहा है। वर्ष 2026 तक पूरा होने वाला यह प्रोजेक्ट सुरक्षा सुविधा और तकनीक में हवाई अड्डे जैसा होगा। टिकट ही बोर्डिंग पास होगा और बिना टिकट प्रवेश नहीं मिलेगा। हाईटेक बैगेज स्कैनर और सुरक्षाकर्मी तैनात होंगे।

जागरण संवाददाता, प्रयागराज। भारतीय रेलवे के इतिहास में एक नया अध्याय जोड़ते हुए, प्रयागराज जंक्शन को देश का मॉडल रेलवे स्टेशन बनाने की दिशा में कदम बढ़ाए जा रहे हैं। वर्ष 2026 तक इस स्टेशन का पूर्ण पुनर्विकास पूरा हो जाएगा। इसके बाद यह सुरक्षा, सुविधा और तकनीक के मामले में किसी हवाई अड्डे से कम नहीं होगा।
960 करोड़ रुपये की लागत से तैयार हो रहा यह प्रोजेक्ट देश के रेलवे स्टेशनों के लिए एक नया मानक स्थापित करेगा। इस महत्वाकांक्षी परियोजना के तहत स्टेशन को नौ मंजिला आधुनिक इमारत में तब्दील किया जाएगा, जिसमें यात्रियों को विश्व स्तरीय सुविधाएं और अत्याधुनिक सुरक्षा व्यवस्था मिलेगी।
प्रयागराज जंक्शन पर लागू होने वाली नई व्यवस्था में सबसे उल्लेखनीय बदलाव होगा टिकट प्रणाली में। अब यात्री का टिकट ही उसका बोर्डिंग पास होगा, जैसा कि हवाई यात्रा में होता है। स्टेशन पर प्रवेश के लिए वैध टिकट अनिवार्य होगा, और बिना टिकट के किसी भी व्यक्ति को परिसर में प्रवेश की अनुमति नहीं दी जाएगी।
प्रत्येक प्रवेश द्वार पर हाईटेक बैगेज स्कैनर और प्रशिक्षित सुरक्षाकर्मी तैनात होंगे, जो एयरपोर्ट की तर्ज पर यात्रियों के सामान और टिकट की गहन जांच करेंगे। यह व्यवस्था न केवल स्टेशन की सुरक्षा को मजबूत करेगी, बल्कि अवैध प्रवेश और भीड़भाड़ को भी नियंत्रित करेगी।
इस परियोजना की खासियत यह है कि यह देश भर के अन्य रेलवे स्टेशनों के लिए एक माडल के रूप में काम करेगी। प्रयागराज मॉडल को कानपुर, ग्वालियर और अन्य जोनल रेलवे स्टेशन अपने यहां लागू कर सकेंगे। इस प्रोजेक्ट के तहत स्टेशन पर आधुनिक सुविधाओं जैसे विशाल प्रतीक्षालय, स्वचालित टिकट वेंडिंग मशीन, डिजिटल सूचना बोर्ड, और हाई-स्पीड वाई-फाई जैसी सुविधाएं उपलब्ध होंगी। स्टेशन को पर्यावरण के अनुकूल बनाने के लिए सौर ऊर्जा और रेनवाटर हार्वेस्टिंग जैसी तकनीकों का उपयोग किया जाएगा।
उत्तर मध्य रेलवे (एनसीआर) के सीनियर डीसीएम हिमांशु शुक्ला ने बताया, प्रयागराज जंक्शन का पुनर्विकास भारतीय रेलवे की प्रगति का प्रतीक होगा। यह स्टेशन न केवल यात्रियों को सुरक्षित और आरामदायक यात्रा अनुभव प्रदान करेगा, बल्कि तकनीकी और सुरक्षा के मामले में भी एक नया कीर्तिमान स्थापित करेगा।
960 करोड़ रुपये का बजट इस परियोजना को देश के सबसे महंगे रेलवे पुनर्विकास प्रोजेक्ट्स में से एक बनाता है। यह प्रयागराज की सांस्कृतिक और धार्मिक महत्ता को देखते हुए भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि कुंभ मेला जैसे आयोजनों के दौरान लाखों यात्री यहां आते हैं। इस माडल स्टेशन के बनने से न केवल स्थानीय यात्रियों को लाभ होगा, बल्कि देश-विदेश से आने वाले पर्यटकों को भी विश्व स्तरीय सुविधाएं मिलेंगी। यह परियोजना भारतीय रेलवे के आधुनिकीकरण की दिशा में एक बड़ा कदम है, जो यात्रियों के अनुभव को और बेहतर बनाएगा।
पुनर्विकास की विशेष बातें
- 934.4 करोड़ रुपये पुनर्विकास में खर्च होंगे।
- 90,374 वर्ग मीटर में पुनर्विकास।
- 42 लिफ्ट और 29 एस्केलेटर लगेंगे।
- 75-75 मीटर के दो कांकोर्स (हालनुमा परिसर)
- 100 यात्रियों की क्षमता वाले डारमेट्री।
- 188 x 250 वर्गमीटर की अतिरिक्त टिकट खिड़की और कतार क्षेत्र।
प्रयागराज जंक्शन पर होने वाले विशेष बदलाव
- सात सीएस अवधारणा पर दोनों तरफ निर्माण व अलग आवागमन की व्यवस्था।
- स्टेशन भवन दिव्यांग फ्रेंडली और बिल्डिंग मैनेजमेंट सिस्टम से लैस होगा, स्थानीय कला-संस्कृति दिखेगी।
- सौर ऊर्जा के इस्तेमाल वाली ग्रीन बिल्डिंग होगी और आधुनिक प्रतिक्षालय।
- भव्य प्रवेश द्वार, एक ही छत के नीचे यात्रियों के ठहरने, खाने-पीने व खरीदारी के लिए दुकानें, फूड प्लाजा होंगे।
- लिफ्ट, एस्केलेटर और सीढ़ी से हर प्लेटफार्म पर जाने की व्यवस्था।
- प्राकृतिक प्रकाश से रोशन होगा बहुमंजिला भवन, छत पर लगेंगे सोलर पैनल
- सिविल लाइंस साइड के तीसरे मार्ग से 10 वें मार्ग तक होगा पुनर्विकास
- सिविल लाइंस की ओर बहुमंजिला भवन बनेगा।
- प्लेटफार्म पर साधारण टिकट, पिकअप और ड्राप प्वाइंट लेन, प्रीपेड टैक्सी बूथ, वाहन पार्किंग होगी।
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