प्रयागराज जंक्शन ने रचा इतिहास, NCR का सबसे ज्यादा कमाई वाला स्टेशन बना, कानपुर को पछाड़ा
प्रयागराज जंक्शन ने उत्तर मध्य रेलवे में इतिहास रच दिया है। यह कानपुर सेंट्रल को पछाड़कर सबसे अधिक कमाई करने वाला स्टेशन बन गया है। 2024-25 में इसकी कमाई 551 करोड़ रुपये रही, जिसका मुख्य कारण 2025 का महाकुंभ है, जिससे करोड़ों श्रद्धालु संगम नगरी पहुंचे। प्रयागराज छिवकी स्टेशन ने भी 147 करोड़ रुपये कमाए। महाकुंभ ने क्षेत्र के रेलवे स्टेशनों को नया जीवन दिया है और प्रयागराज रेलवे के नक्शे पर मजबूत हो रहा है।

प्रयागराज जंक्शन NCR का सबसे अधिक कमाई वाला स्टेशन बन गया है, इसमें महाकुंभ का भी योगदान है।
जागरण संवाददाता, प्रयागराज। उत्तर मध्य रेलवे (NCR) के लिए यह वर्ष कुछ अलग साबित हुआ है। पहली बार प्रयागराज जंक्शन ने कानपुर सेंट्रल को पीछे छोड़ते हुए पूरे जोन में सबसे ज्यादा कमाई करने वाले स्टेशन का तमगा अपने नाम कर लिया है। वित्तीय वर्ष 2024-25 में प्रयागराज जंक्शन ने 551 करोड़ रुपये की कमाई की, जबकि कानपुर सेंट्रल ने 488 करोड़ रुपये की आय हुई। यह सिर्फ आंकड़ों की जीत नहीं, बल्कि प्रयागराज की बढ़ती रेल चमक की कहानी है।
एक ही वर्ष में 140 करोड़ रुपये की छलांग लगाई
पिछले वर्ष यानी 2023-24 में प्रयागराज जंक्शन ने 411.98 करोड़ रुपये कमाए थे। इस बार एक ही वर्ष में 140 करोड़ रुपये की छलांग लगाई है। रेलवे के अधिकारियों का कहना है कि इसका सबसे बड़ा कारण 2025 का महाकुंभ रहा। करोड़ों श्रद्धालु संगम नगरी आए और ट्रेनें दिन-रात भरकर दौड़ती रहीं। स्पेशल ट्रेनें, अतिरिक्त कोच, भीड़ प्रबंधन सब कुछ इतने बड़े पैमाने पर हुआ कि कमाई अपने आप रिकार्ड बनाने लगी।
प्रयागराज छिवकी स्टेशन ने तो सबको हैरान कर दिया
महाकुंभ का जादू सिर्फ प्रयागराज जंक्शन तक सीमित नहीं रहा। छोटे स्टेशन भी चमक उठे। प्रयागराज छिवकी स्टेशन ने तो सबको हैरान कर दिया। इसने 147 करोड़ रुपये की कमाई कर ली। पिछले वर्ष तक यह स्टेशन आम दिनों में भी खाली रहता था, लेकिन इस बार महाकुंभ की वजह से यहां भी ट्रेनों की लंबी कतारें लगी रहीं। अब रेलवे ने छिवकी को नया सम्मान भी दे दिया है। इसे एनएसजी-2 कैटेगरी में रखा गया है। इस श्रेणी में पहले कानपुर सेंट्रल, प्रयागराज जंक्शन, झांसी, ग्वालियर, आगरा कैंट और मथुरा जैसे बड़े स्टेशन ही थे। अब छिवकी भी उनके साथ है।
सूबेदारगंज स्टेशन ने भी कमाल कर दिखाया
इसी तरह सूबेदारगंज स्टेशन ने भी कमाल कर दिखाया। इसने 87 करोड़ रुपये कमाए और एनएसजी-3 कैटेगरी में जगह बना ली। चित्रकूट और फतेहपुर भी इसी ग्रेड में शामिल हुए हैं। यानी महाकुंभ ने पूरे इलाके के रेलवे स्टेशनों को नया जीवन दिया।
पूरे जोन के टाप कमाने वाले स्टेशन
प्रयागराज जंक्शन सबसे ऊपर 551 करोड़ के साथ रहा। कानपुर सेंट्रल 488 करोड़ की आय कर दूसरे नंबर पर खिसक गया है। तीसरे नंबर पर छिवकी 147 करोड़, सूबेदारगंज 87 करोड कमाई करके चौथा स्थान प्राप्त किया। फिर टूंडला 75 करोड़, इटावा 56 करोड़ और मीरजापुर 52.87 करोड़ रुपये के साथ सातवें स्थान पर है। फतेहपुर ने भी 40 करोड़ का आंकड़ा पार किया है।
प्रयागराज क्षेत्र में करीब 450 से ज्यादा स्पेशल ट्रेनें चलाई गईं
रेलवे अधिकारियों ने बताया कि महाकुंभ के दौरान प्रयागराज क्षेत्र में करीब 450 से ज्यादा स्पेशल ट्रेनें चलाई गईं। लाखों यात्री रोज़ाना आते-जाते रहे। टिकट काउंटरों पर लाइनें, प्लेटफार्म पर भीड़ और ट्रेनों में सीट नहीं, यह नजारा कई हफ्तों तक चला। इसी का नतीजा है कि कमाई के सारे पुराने रिकार्ड ध्वस्त हो गए।
रेलवे के नक्शे पर और मजबूत हो रहा प्रयागराज
रेलवे के जानकार कहते हैं कि आने वाले सालों में प्रयागराज की यह चमक और बढ़ेगी, क्योंकि अब स्टेशन का इंफ्रास्ट्रक्चर भी तेजी से अपग्रेड हो रहा है। नई ट्रेनें, बेहतर सुविधाएं और बढ़ता यात्री भार सब कुछ प्रयागराज को रेलवे के नक्शे पर और मजबूत कर रहा है।

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