Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    'अस्पताल में एंबुलेंस से कितनी देर में लाए जाते रहे भगदड़ में घायल श्रद्धालु...', न्यायिक आयोग ने डाॅक्टरों से की पूछताछ

    Updated: Sat, 12 Apr 2025 08:59 AM (IST)

    प्रयागराज में महाकुंभ के दौरान मौनी अमावस्या पर संगम तट पर हुई भगदड़ की जांच कर रहे न्यायिक आयोग ने डॉक्टरों और पैरामेडिकल स्टाफ से पूछताछ की। आयोग ने डॉक्टरों से भगदड़ के बाद घायलों को लाने में लगने वाले समय इलाज के दौरान हुई बातचीत और अपनाई गई तकनीकों के बारे में जानकारी मांगी। इस घटना में 30 से अधिक श्रद्धालुओं की जान गई थी।

    Hero Image
    महाकुंभ हादसे को लेकर डॉक्टरों से हुई पूछताछ। सांकेतिक तस्वीर

    जागरण संवाददाता, प्रयागराज। महाकुंभ में मौनी अमावस्या की रात संगम तट पर मची भगदड़ की जांच कर रहे न्यायिक आयोग ने डाॅक्टरों व पैरामेडिकल स्टाफ से पूछताछ की। परेड ग्राउंड में बने सेंट्रल हाॅस्पिटल में तैनात रहे डाॅ. वीएन गुप्ता, डाॅ. विनय यादव व डाॅ. आशुतोष यादव सहित पांच पैरामेडिकल कर्मचारी शुक्रवार को लखनऊ में आयोग के समक्ष पेश हुए।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    आयोग ने डाॅक्टरों से पूछा-भगदड़ के बाद कितनी-कितनी देर में घायल श्रद्धालु लाए जाते रहे? इलाज के दौरान घायलों से क्या बातें हुईं? इलाज में किस तरह की तकनीकी अपनाई गई? आदि प्रश्न पूछे गए।

    मौनी अमावस्या पर 28/29 जनवरी की रात संगम तट पर भगदड़ मच गई थी। इसमें 30 से अधिक श्रद्धालुओं की मौत हो गई थी, जबकि काफी संख्या में घायल हुए थे। रात लगभग सवा दो बजे से भगदड़ में प्रभावित श्रद्धालु एंबुलेंस से सेंट्रल अस्पातल लाए जाने लगे। मरीजों के त्वरित इलाज और गंभीर स्थिति में रेफर करने का क्रम सुबह होने तक चला। कई मरीजों की जान डाॅक्टर नहीं बचा सके।

    इसे भी पढ़ें- महाकुंभ में 3 करोड़ कमाई, फिर स्टेट GST को चपत लगाकर फुर्र हो गई ये हेलीकॉप्टर कंपनी; अधिकारियों ने ऐसे की वसूली

    आपाधापी ऐसी रही कि डाॅक्टर, पैरामेडिकल कर्मचारी, नर्सें, चिकित्साधिकारी और यहां तक कि महाकुंभ मेला प्रशासन के अधिकारी तक स्थिति को नियंत्रित करने में जुटे रहे। घटना के पीछे षड्यंत्र की आशंका हुई। सत्यतता का पता लगाने के लिए प्रदेश सरकार ने अध्यक्ष न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) हर्ष कुमार के नेतृत्व में न्यायिक आयोग का गठन किया है।

    आयोग के सदस्य प्रयागराज में आकर घटना स्थल का निरीक्षण करने के साथ पुलिस-प्रशासन के अधिकारियों का बयान ले चुके हैं। अब लखनऊ में बुलाकर बयान लिया जा रहा है। इसी क्रम में आयोग में डाॅक्टरों, पैरामेडिकल कर्मचारियों के बयान दर्ज हो रहे हैं।

    इसे भी पढ़ें- UP में बड़ा भूमि घोटाला! साजिश से गायब की गई बेतिया राज की 20 एकड़ संपत्ति

    अपर निदेशक चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण डाॅ. राकेश शर्मा ने बताया कि बयान के लिए आयोग ने तत्कालीन मेला पुलिस अधिकारियों के सहयोग से डाॅक्टरों, पैरामेडिकल कर्मचारियों की सूची बनाई थी। उसी के अनुसार जैसे आयोग से निर्देश प्राप्त हो रहे हैं, यहां से डाॅक्टरों व कर्मचारियों को भेजा जा रहा है।