इलाहाबाद हाई कोर्ट का आदेश, फिरोजाबाद में बुजुर्ग के मकान पर ध्वस्तीकरण पर लगी रोक
इलाहाबाद हाई कोर्ट ने फिरोजाबाद के शिकोहाबाद में 85 वर्षीय राम बहादुर को 41 साल पुराने मकान से बेदखल करने के आदेश पर रोक लगा दी है। अधिवक्ता सुनील यादव ने बताया कि मकान गाटा संख्या 18 पर नहीं बल्कि 17 और 19 पर बना है जिसे 1984 में खरीदा गया था। कोर्ट ने सरकार से चार सप्ताह में जवाब मांगा है।

विधि संवाददाता, प्रयागराज। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने फिरोजाबाद जिले के शिकोहाबाद तहसील स्थित गढ़िया शिकमी खैरगढ़ गांव में 85 वर्षीय राम बहादुर को 41 साल पुराने मकान से बेदखल करने और मकान को ध्वस्त करने के आदेश पर रोक लगा दी है। अदालत ने सरकार से चार सप्ताह में जवाब दाखिल करने को कहा है। यह आदेश न्यायमूर्ति रोहित रंजन अग्रवाल की पीठ ने राम बहादुर की याचिका पर दिया।
याची की ओर से अधिवक्ता सुनील यादव ने दलील दी कि मकान विवादित भूमि गाटा संख्या 18 (चकमार्ग) पर नहीं, बल्कि गाटा संख्या 17 और 19 पर बना है, जिसे याची ने वर्ष 1984 में खरीदा था। उस समय से उनका नाम राजस्व अभिलेखों में दर्ज है।
मामला तब शुरू हुआ जब लेखपाल की रिपोर्ट के आधार पर तहसीलदार शिकोहाबाद ने 26 मार्च 2018 को बेदखली और जुर्माना वसूली का आदेश पारित किया। इसके खिलाफ याची ने पुनर्स्थापना अर्जी और अपील दायर की, जिसे जिलाधिकारी ने खारिज कर दिया।
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इसके बाद राजस्व निरीक्षक ने मकान ध्वस्तीकरण का नोटिस जारी किया। हाई कोर्ट ने मामले को विचारणीय मानते हुए तहसीलदार और जिलाधिकारी फिरोजाबाद के आदेशों पर अंतरिम रोक लगा दी।
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