Prayagraj Flood News : खतरे के निशान से ऊपर बह रहीं गंगा-यमुना का विकराल रूप, बाढ़ से 3.5 लाख आबादी प्रभावित
Prayagraj Flood प्रयागराज में रविवार को गंगा और यमुना का जल स्तर खतरे के निशान से 70 सेमी ऊपर हो गया। 24 घंटे में गंगा नदी 81 सेमी और यमुना का पानी 84 सेमी बढ़ा है। दोनों नदियां यहां उफान पर हैं। 16 बाढ़ राहत शिविरों में 7 हजार से ज्यादा लोगों ने शरण ली है।

जागरण संवाददाता, प्रयागराज। Prayagraj Flood गंगा और यमुना अब विकराल रूप धारण कर चुकी हैं। खतरे का निशान पार कर चुकीं दोनों नदियों से लगभग साढ़े तीन लाख की आबादी प्रभावित हो चुकी है। जिले के 77 गांवों के साथ ही शहर की 59 बस्तियों में पानी घुस चुका है। शहर और गांवों के 16 हजार से ज्यादा घरों में पानी घुस गया गया है तो 65 हजार के करीब लोग अब तक बेघर हो गए हैं। जनपद में 16 बाढ़ राहत शिविरों में सात हजार से ज्यादा लोग शरण लिए हैं।
खतरे के निशान से 70 सेमी ऊपर बह रहीं गंगा-यमुना
Prayagraj Flood रविवार को गंगा और यमुना का जल स्तर खतरे के निशान से 70 सेमी ऊपर हो गया। पिछले 24 घंटे में गंगा का 81 सेमी तो यमुना का 84 सेमी जल स्तर बढ़ा है। चंबल, केन और बेतवा नदियों में पानी आगरा, औरैया, हमीरपुर में भले ही कम होने लगा है, मगर बांदा के अप स्ट्रीम में अब भी बाढ़ के हालत हैं। गंगा और यमुना में रविवार सुबह लगभग 18 लाख क्यूसेक पानी आ रहा है। अभी जल स्तर और भी बढ़ने की आशंका है।
घरों में घुसा पानी, सड़कें व गलियां जलमग्न
प्रयागराज में बाढ़ का कहर बस्तियों पर बरपने लगा है। गंगा व यमुना के तटीय इलाकों में घरों में पानी घुस गया है तो सड़कें व गलियां जलमग्न हो गई हैं। बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में जिला प्रशासन की ओर से एनडीआरएफ व एसडीआरएफ की आठ टीमें उतार दी गई हैं। इसी तरह जल पुलिस के साथ ही पीएसी बाढ़ राहत की पूरी कंपनी लगा दी गई है। कुल आठ टीमें पीएसी व जल पुलिस की लगाई गई हैं। ये टीमें शनिवार रात भर बाढ़ में फंसे लोगों को रेस्क्यू की हैं।
घरों में फंसे 600 लोग किए गए रेस्क्यू
Prayagraj Flood घरों में फंसे लगभग 600 लोगों को बाहर निकाल कर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। एनडीआरएफ समेत सभी टीमों को 36 मोटर बोट दी गई हैं। इसके अलावा शहर के विभिन्न मोहल्लों और तटीय क्षेत्रों के गांवों में 162 नावें लगाई गई हैं, जिससे लोगों को बाहर निकालकर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने का कार्य किया जा रहा है।
यमुना किनारे के 112 गांवों की फसलें जलमग्न
बाढ़ से फसलें भी डूब गई हैं। विशेष तौर पर धान की रोपी गई फसल को भारी नुकसान हुआ है। गंगा और यमुना के किनारे के 112 गांवों में धान की फसल डूब गई है। जिला प्रशासन ने कृषि विभाग नुकसान के आंकलन के निर्देश दिए हैं। धान की फसल के अलावा गंगा और यमुना के तटीय क्षेत्रों में सब्जियों की फसल को भी भारी नुकसान हुआ है। पिछले तीन-चार दिनों से सब्जियों की फसल पानी में डूबी है, जिससे आशंका जताई गई है कि ये फसलें सड़ जएंगी।
बाढ़ राहत शिविरों में वरिष्ठ अधिकारी तैनात
डीएम मनीष कुमार वर्मा के निर्देश पर बाढ़ राहत शिविरों में एडीएम स्तर के वरिष्ठ अधिकारियों और नोडल अधिकारियों को तैनात किया गया है। शिविरों में किसी तरह की अव्यवस्था हुई तो इसकी ही जिम्मेदारी एडीएम की होगी। इसके लिए डीएम ने मातहत अफसरों को कड़े निर्देश दिए हैं।
किस अधिकारी को कहां की मिली है जिम्मेदारी
एडीएम सिटी को एनीबेसेंट, एडीएम नजूल को कंपोजिट स्कूल, एडीएम आपूर्ति को मैरिज हाल, सीआरओ को ऋषिकुल, बंदोबस्त अधिकारी को महबूब अली, एडीएम वित्त को सेंट जोसेफ, एडीएम नमामि गंगे को रीगल गेस्ट हाउस, एडीएम प्रशासन को वाईएमसीए की जिम्मेदारी मिली है।
इनकी भी हुई है तैनाती
सिटी मजिस्ट्रेट को विवेकानंद कालेज, आबकारी अधिकारी को यूनिटी स्कूल की जिम्मेदारी दी गई है। कृषि अधिकारी को एनीबेसेंट, कार्यक्रम अधिकारी को कैंट मैरिज हाल, युवा कल्याण अधिकारी को ऋषिकुल, मलेरिया अधिकारी को महबूब अली, उप श्रमायुक्त को रीगल, जिला खादी अधिकारी को सेंट जोसेफ गर्ल्स हाईस्कूल, जिला कृषि रक्षा अधिकारी को वाईएमसीए का नोडल अधिकारी बनाया गया है।
शहर के 12 ट्रांसफार्मर से बिजली आपूर्ति बंद
शहर के 12 ट्रांसफार्मर से आपूर्ति बंद है। ऊंचाई पर जो मकान है वहां पर दूसरी लाइन से बिजली दी जा रही है। यमुना बैंक रोड उपकेंद्र में पानी भरने की वजह से आपूर्ति बंद की गई है। यहां गऊघाट और कीडगंज उपकेंद्र से आपूर्ति चालू हुई है। ग्रामीण इलाकों में लेडियारी, थरवई के गोड़वा उपकेंद्र में पानी भरा है। ग्रामीण इलाकों के करीब 70 मजरों में बिजली आपूर्ति बंद है।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।