प्रयागराज में बाढ़ का कहर, करोड़ों रुपये का नुकसान, जिन किसानों की फसलों का नुकसान हुआ, सर्वे के बाद मिलेगा मुआवजा
प्रयागराज में गंगा और यमुना नदियों में इस बारिश के मौसम में पांच बार आई बाढ़ से भारी नुकसान हुआ है। चार बार की बाढ़ की सर्वे रिपोर्ट के अनुसार तटीय क्षेत्रों के घरों और सामान को काफी क्षति पहुंची है। नदी किनारे के गांवों में फसलें बर्बाद हो गईं। सर्वे के बाद किसानों को फसल नुकसान का मुआवजा दिया जाएगा।

जागरण संवाददाता, प्रयागराज। गंगा और यमुना में दो माह में पांच बार आई बाढ़ से करोड़ों रुपये का नुकसान हुआ है। चार बार के बाढ़ के सर्वे की रिपोर्ट आ गई है जबकि पांचवीं बार की बाढ़ का सर्वे अभी चल रहा है। चार बार की बाढ़ की सर्वे रिपोर्ट में ही काफी नुकसान बताया गया है।
क्या कहती है चार बार आई बाढ़ की सर्वे रिपोर्ट
सर्वे रिपोर्ट के अनुसार सबसे ज्यादा शहर में तटीय क्षेत्रों स्थित घरों तथा उनमें रखे सामान को नुकसान हुआ है। खिड़कियों के शीशे से लेकर दीवार क्रैक हुई हैं। इसके अलावा गंगा, यमुना, टोस, बेलन, गोरमा नदियों के किनारे के गांवों की खेती चौपट हो गई। खड़ी धान व दलहन की फसलें हफ्तों पानी में डूबीं होने के कारण गल गईं। खेतों में कुछ बचा ही नहीं है।
फसल नुकसान का कराया जाएगा सर्वे
रिपोर्ट के मुताबिक करछना के 22, मेजा के 14, बारा के 12, कोरांव के 10, सोरांव के 11, फूलपुर के 18, हंडिया के चार व सदर के आठ गांवों की फसलें नष्ट हुई हैं। फसल नुकसान का सर्वे होने के बाद किसानों को इसका मुआवजा दिया जाएगा।
एडीएम ने कहा- अधिक नुकसान अगस्त के पहले सप्ताह में
एडीएम वित्त एवं राजस्व विनीता सिंह ने बताया कि सबसे ज्यादा नुकसान अगस्त के प्रथम सप्ताह में आई बाढ़ के दौरान हुआ था, तब गंगा और यमुना का जलस्तर खतरे का निशान पार कर गया था। उस दौरान फसलों को नुकसान हुआ था।
पांचवीं बार की आनी है सर्वे रिपोर्ट
एडीएम वित्त एवं राजस्व ने बताया कि पांचवी बार की बाढ़ के बाद सत्यापन रिपोर्ट के मुताबिक हर बाढ़ का मुआवजा दिया जाएगा। शहर में जिनके घर तथा अन्य संपत्तियों को नुकसान हुआ है, उसका भी मुआवजा दिया जाएगा।
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