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    CSC की फर्जी ID बनाकर किया 16 लाख का रिचार्ज, बिजली बिल जमा करा 11 लाख निकाले, दो लोगों के खिलाफ FIR

    Updated: Thu, 01 Jan 2026 12:02 AM (IST)

    जालसाजों ने फर्जी मोबाइल नंबर और ई-मेल आइडी का इस्तेमाल कर जनसेवा केंद्र (सीएससी) की नकली पहचान बनाकर 16 लाख रुपये का टॉपअप और बिजली बिल के नाम ...और पढ़ें

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    जागरण संवाददाता, प्रयागराज। फर्जी मोबाइल नंबर और ई-मेल आइडी के सहारे जनसेवा केंद्र (सीएससी) की नकली पहचान बनाकर जालसाजों ने 16 लाख रुपये का टापअप करा लिया और बिजली बिल भुगतान के नाम पर 11 लाख रुपये उड़ा दिए। जिस व्यक्ति के नाम पर आइडी बनी उसे इसकी भनक तक नहीं थी। मामला तब खुला जब हरियाणा के एक टेंट और कैटरिंग कारोबारी ने अपने खाते से संदिग्ध लेनदेन की शिकायत की।

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    अब ई-गवर्नेस सर्विसेज इंडिया लिमिटेड के जिला प्रबंधक ने दो लोगों के खिलाफ साइबर थाने में एफआइआर कराई है।सीएससी ई-गवर्नेंस सर्विसेज इंडिया लिमिटेड की ओर से जनसेवा केंद्रों का संचालन किया जाता है। जहां प्रमाणपत्र से लेकर, योजनाओं में आवेदन और बिजली के बिल तक जमा होते हैं। 15 दिसंबर को हरियाणा के फरीदाबाद नचौली निवासी टेंट व कैटरिंग कारोबारी सुरेश नागर ने कंपनी के दिल्ली स्थित मुख्यालय में शिकायत दर्ज कराई।

    2.05 लाख कंपनी के खाते में किए ट्रांसफर

    बताया कि उनके तीन बैंक खातों से पेटीएम के सहारे जालसाजी कर 2.05 लाख रुपये कंपनी के बैंक खाते में ट्रांसफर किए गए हैं। छानबीन में पता चला कि इस धनराशि से प्रयागराज के फूलपुर के हनुमानगंज निवासी प्रिंस कुमार की एक सीएससी की आइडी पर टाप-अप हुआ है। इस केंद्र की आइडी में जो मोबाइल नंबर व ई-मेल आइडी लगाई गई है, वह भी फर्जी निकली। केंद्र की आइडी पर कुल 16 लाख रुपये का टाप अप किया गया था।

    इसमें से 11,04,029 रुपये का बिजली का बिल जमा कराकर रुपये निकाल भी लिए गए। सीएससी ई-गवर्नेंस सर्विसेज इंडिया लिमिटेड के जिला प्रबंधक शैलेंद्र कुमार ने साइबर थाने में प्रिंस और कुलदीप के खिलाफ एफआइआर दर्ज कराई है। आरोपित प्रिंस ने कहा कि सीएससी संचालक कुलदीप कुमार यादव के माध्यम से आवेदन कराया था, लेकिन आइडी ही नहीं मिली। वहीं, फोन पर जोधपुर के पप्पू राम मेघवाल ने अफसरों को बताया कि वह 20 साल से यह नंबर उपयोग कर रहे हैं।

    उन्होंने किसी को नंबर दिया ही नहीं। सीएससी ई-गवर्नेंस सर्विसेज इंडिया लिमिटेड के जिला प्रबंधक शैलेंद्र कुमार सिंह ने बताया कि जालसाजी करके इसके वालेट में टाप-अप कराया गया। मामले में दो लोगों के खिलाफ एफआइआर दर्ज कराई गई है। जिले के 3200 अन्य केंद्रों का भी सत्यापन कराया जा रहा है।