प्रयागराज के डायट में कब बनेगी डिजिटल लाइब्रेरी व सेंटर आफ एक्सीलेंस की बिल्डिंग? जानकारी देने वाला कोई नहीं...
प्रयागराज के डायट परिसर में डिजिटल लाइब्रेरी और सेंटर ऑफ एक्सीलेंस के भवन निर्माण में देरी हो रही है। छात्रों को जानकारी देने वाला कोई नहीं है। स्मार्ट सिटी परियोजना के तहत बन रही डिजिटल लाइब्रेरी में 500 छात्रों के लिए सीटें होंगी। निर्माण कार्य डेढ़ वर्ष पहले शुरू हुआ था, लेकिन अभी भी अधूरा है। लापरवाही के कारण परियोजना में देरी हो रही है और गुणवत्ता पर भी सवाल उठ रहे हैं।

प्रयागराज डायट परिसर में बनने वाली डिजिटल लाइब्रेरी और सेंटर आफ एक्सीलेंस के निर्माण में विलंब होने से विद्यार्थियों को इसका लाभ नहीं मिल पा रहा है।
जागरण संवाददाता, प्रयागराज। शहर के सिविल लाइंस में हनुमान मंदिर चौराहे के पास स्थित डायट परिसर में डिजिटल लाइब्रेरी व सेंटर आफ एक्सीलेंस के भवन कब बनेंगे, यह रोज ही छात्र पूछ रहे हैं, लेकिन इसकी जानकारी देने वाला कोई नहीं है। डिजिटल लाइब्रेरी में 500 छात्र-छात्राएं अध्ययन कर सकेंगे, जहां उनकी जेब भी नहीं ढीली होगी। डिजिटल लाइब्रेरी के लिए उन्हें अभी 500 रुपये महीने देने पड़ रहे हैं।
कार्य में लापरवाही के चलते इस परियोजना में देरी
दोनों प्रोजेक्ट का कार्य अब तक पूरा हो जाना चाहिए मगर अभी इसमें और समय लगेगा। डायट में इस परियोजना में अभी कितना समय और लगेगा, इसका अधिकारी जवाब नहीं दे पा रहे हैं। कार्य में लापरवाही के चलते इस परियोजना में देरी हुई है। कार्यदायी संस्था अब एस्टीमेट बढ़ाने के लिए विभाग से मांग कर रही है।
खास-खास
- 7.66 करोड़ रुपये से सेंटर आफ एक्सीलेंस व हास्टल निर्माण का एस्टीमेट
-07 करोड़ रुपये से स्मार्ट सिटी परियोजना के तहत बन रही डिजिटल लाइब्रेरी
डिजिटल लाइब्रेरी निर्माण डेढ़ वर्ष पूर्व शुरू हुआ था
डायट परिसर में प्रवेश करते ही दाहिने तरफ इस डिजिटल लाइब्रेरी का निर्माण कार्य लगभग डेढ़ वर्ष पहले शुरू हुआ था। महाकुंभ के पहले इसका काम पूरा हो जाना था मगर लापरवाही के कारण अब भी इसका काम अधूरा है। अभी दूसरी मंजिल की छत भी नहीं प़ड़ सकी है। यही नहीं भूतल और प्रथम मंजिल पर फिनिशिंग का कार्य शुरू भी नहीं हो सका है।
डिजिटल लाइब्रेरी में 500 सीटें होंगी
स्मार्ट सिटी प्राइवेट लिमिटेड के बजट से बन रहे डिजिटल लाइब्रेरी में 500 सीटें होंगी, जिसमें छात्र-छात्राएं पढ़ाई कर सकेंगे। लगभग सात करोड़ रुपये की लागत से बन रहे डिजिटल लाइब्रेरी भवन के निर्माण में गुणवत्ता पर भी सवाल उठे हैं। ईंट दोयम दर्जे की लगाई जा रही हैं तो फर्श पर टाईल्स अलग-अलग लग रही हैं। यही नहीं सीढ़ी पीछे से बनाई गई है जो ऊपर जाकर आगे निकलती है। इससे लंबे दायरे में हर मंजिल पर चढ़ना व उतरना पड़ेगा।
अब काम तेजी से शुरू हुआ है
स्मार्ट क्लास रूम, इंटरनेट कनेक्टीविटी, आडियो-विजुअल उपकरण वेबसाइट, सीसीटीवी सर्विलांस, सौर ऊर्जा व रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगेगा। स्मार्ट सिटी प्राइवेट लिमिटेड के मिशन मैनेजर नीरज गुप्ता का कहना है कि जैसे ही इसका कार्य शुरू हुआ था तो अनापत्ति प्रमाण पत्र को लेकर काफी दिनों तक कार्य रुका था। अब काम तेजी से शुरू हुआ है जो जल्दी ही कार्य को पूरा कराया जाएगा।
काम पिछड़ता ही चला गया
वहीं डायट परिसर में सीएंडडीएस द्वारा एकेडमिक बिल्डिंग बनाई जा रही है। इसका नाम सेंटर आफ एक्सीलेंस होगा, जो 7.66 करोड़ रुपये से बनाया जा रहा है। इसमें लाइब्रेरी रूम, कंप्यूटर रूम, प्रयोगशाला, सेमिनार हाल, स्पेशल एजूकेशन यूनिट व इनोवेशन सेंटर बनाया जा रहा है। शुरुआत में ही कार्यदायी संस्था की ओर से देरी करने से इसका का काम पिछड़ता ही चला गया। अभी इसमें फिनिशिंग कार्य शुरू भी नहीं हो सका है। इसके भी गुणवत्ता को लेकर सवाल उठाए जा रहे हैं। सीएंडडीएस के परियोजना प्रबंधक रोहित राना ने बताया कि कार्य तेजी से कराया जा रहा है। अगले वर्ष में इसे संचालित कर दिया जाएगा।
लापरवाही पर नगर आयुक्त को भेजा पत्र : डायट प्राचार्य
डायट प्राचार्य राजेंद्र कुमार का कहना है कि डिजिटल लाइब्रेरी के कार्य की प्रगति काफी धीमी है। इसके कारण इसका कार्य अभी 50 प्रतिशत भी पूरा नहीं हो सका है, जबकि इसे महाकुंभ के पहले तैयार हो जाना था। लापरवाही को लेकर नगर आयुक्त को पत्र भेजा गया है।

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