Prayagraj Winter Update: गोशालाओं में गोवंशों को लगी ठंड, 29 की मौत, 368 बीमार
प्रयागराज में ठंड का कहर जारी है, जिससे गोशालाओं में गोवंश बुरी तरह प्रभावित हैं। ठंड लगने से 29 गोवंशों की मौत हो गई है, जबकि 368 बीमार हैं। पशु चिकि ...और पढ़ें

तस्वीर का इस्तेमाल प्रतीकात्मक प्रस्तुतीकरण के लिए किया गया है। जागरण
जागरण संवाददाता, प्रयागराज। जनपद के ज्यादातर गोआश्रय स्थल में जिम्मेदारों द्वारा बरती जा रही लापरवाही गोवंशों की जान पर बन आई है। रात में ठंड बढ़ने से गोवंश इसकी चपेट में आ रहे हैं। अब तक ठंड लगने से 29 गोवंशों की मौत हो चुकी है जबकि 368 गोवंश बीमार हैं। यह आंकड़ा सरकारी है, हकीकत में मृत गोवंशों की संख्या इसकी तीन गुना ज्यादा बताई जा रही है।
जिले में इस समय कुल 130 गोआश्रय केंद्र संचालित हैं, जिनमें 121 गांवों तो नौ शहरी क्षेत्र में हैं। इन आश्रय स्थलों में सरकारी लिखापढ़ी में 35858 गोवंश संरक्षित हैं। वहीं अब भी जिले भर 10 हजार से ज्यादा गोवंश बेसहारा हैं, जिनके लिए आश्रय स्थल नहीं हैं।इन गोवंशों के लिए ठंड से बचाव के उपाय ज्यादातर आश्रय केंद्रों में नहीं हो सके हैं।
दिन में धूप होने के चलते जिम्मेदार अफसर यह समझ ही नहीं सके कि रात में शीत के बढ़ने का असर इन बेजुबानों पर पड़ सकता है। जबकि दिन में भले ही उस तरह की ठंड न हो मगर रात में शीत का असर है, जिसकी चपेट में गोवंश दम तोड़ने लगे हैं। पशुधन विभाग का कहना है कि जिले की गोशालाओं में 29 गोवंशों की मौत हुई है। वहीं गांव के लोगों की मानें तो 100 से ज्यादा गोवंश ठंड की चपेट में आकर दम तोड़ चुके हैं।
ठंड की चपेट में आकर बीमार हुए कई गोवंश तो गंभीर हालत में हैं, जिनका इलाज चल रहा है। फूलपुर में सबसे ज्यादा आठ गोवंशों की मौत हुई है, जबकि करछना, मांडा, जसरा, बारा, सोरांव, श्रृंगवेरपुर, भगवतपुर, हंडिया, मेजा, कोरांव क्षेत्र में भी कुछ पशुओं की मौत हुई है।
यह भी पढ़ें- Indian Railways News: दिल्ली जाने वाली ट्रेनों में 'नो रूम', यात्रियों की मजबूरी बनी प्राइवेट बसें
मुख्य चिकित्साधिकारी डा.शिवनाथ यादव कहना है कि गोआशाला में ठंड से बचाव के उपाय कराए जा रहे हैं। मातहत अधिकारियों को गोवंशों को ठंड से बचाने के लिए कड़े निर्देश भी दिए गए हैं।
खास बातें
- 130 गोआश्रय केंद्र हैं जनपद में, जिनमें 35 हजार से ज्यादा गोवंश हैं संरक्षित
- 10 हजार के करीब अब भी बेसहारा, इनके संरक्षण के लिए आश्रय स्थल नहीं
गुरुवार और शुक्रवार को दो दिनों तक जिले की सभी गोशालाओं की जांच कराकर जहां भी तिरपाल नहीं लगाए जा सके हैं, वहां लगवाए जाएंगे। इसके अलावा बीमार गोवंशों के इलाज के लिए इन दो दिनों में बेहतर प्रबंध कराए जाएंगे।
-जीपी कुशवाहा, डीडीओ व प्रभारी सीडीओ।

कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।