Circle Rate Hike : प्रयागराज में नए सर्किल रेट से 200 करोड़ रुपये बढ़ेगा राजस्व, संपत्ति का वैल्यू भी अधिक होगा
प्रयागराज में नए सर्किल रेट (New circle rate in Prayagraj) से पहली अगस्त से संपत्तियों की रजिस्ट्री का काम शुरू हो जाएगा। प्लाट दुकान मकान फ्लैट के साथ ही अन्य संपत्तियों की खरीदने और बेचने पर सर्किल रेट बढ़ने से स्टांप शुल्क अब ज्यादा मिलेगा। मौजूदा वित्तीय वर्ष में 1064 करोड़ रुपये का लक्ष्य जिले में बैनामों से होने वाली आय पर रखा गया है।

जागरण संवाददाता, प्रयागराज। नए सर्किल रेट (New circle rate in Prayagraj) से सरकार खजाना तो बढ़ेगा ही, साथ ही पारदर्शिता भी कायम होगी। यही नहीं हर अपार्टमेंट के फ्लैट के रेट खोल देने से खरीदने वाले को कई तरह से लाभ भी होगा। उसे बैंक लोन लेने से लेकर उसकी संपत्ति का वैल्यू बढ़ेगा।
इसके साथ ही ब्लैक मनी पर भी अंकुश लग सकेगा। नए सर्किल रेट (New circle rate in Prayagraj) से जिले के राजस्व में इस वर्ष लगभग 200 करोड़ रुपये की बढ़ोतरी होने की संभावना है। एक अगस्त से बढ़े हुए सर्किल रेट से संपत्तियों की रजिस्ट्री होगी।
सर्किल रेट बढ़ने से प्लाट, दुकान, मकान, फ्लैट व अन्य संपत्तियों की खरीद-फरोख्त में स्टांप शुल्क ज्यादा लगेगा, जिससे राजस्व की वृद्धि होगी। जनपद में सबसे ज्यादा सिविल लाइंस का सर्किल रेट 30 से 40 प्रतिशत बढ़ाया गया है। शहर के अन्य क्षेत्रों में भी 30 से 35 प्रतिशत तक सर्किल रेट बढ़ा है।
इसी तरह गंगापार और यमुनापार की तहसीलों के मुख्यालयों, ब्लाक मुख्यालयों, मुख्य मार्गों, बाजारों व नगर पंचायतों में सर्किल रेट की अलग-अलग हिसाब से बढ़ोतरी की गई है। शहर से सटे नैनी, झूंसी, फाफामऊ में 30 प्रतिशत तो शहर पश्चिमी क्षेत्र में 30 से 35 प्रतिशत तक सर्किल रेट बढ़ाया गया है।
शहर के अलग-अलग मुहल्लों में मार्गों व गलियों के हिसाब से सर्किल रेट में बढ़ोतरी की गई है। उदाहरण के तौर पर सिविल लाइंस में एक करोड़ दो लाख रुपये के टूबीएचके फ्लैट की खरीद में सरकार को आठ लाख 16 हजार रुपये स्टांप ड्यूटी तथा पंजीयन शुल्क के रूप में मिलेंगे।
पहले छह लाख रुपये के करीब मिलते थे। सिविल लाइंस में ही 100 वर्ग मीटर के प्लाट पर सात लाख रुपये से ज्यादा स्टांप और रजिस्ट्रेशन के मिलेंगे, जबकि पुराने सर्किल रेट अनुसार साढ़े पांच लाख रुपये ही मिलते थे।
सर्किल रेट में बढ़ोतरी (New circle rate in Prayagraj) से राजस्व में भी काफी वृद्धि होगी। पिछले वित्तीय वर्ष 2024-25 में जनपद को निबंधन विभाग का 1070 करोड़ रुपये लक्ष्य रखा गया था मगर तब लक्ष्य नहीं पूरा हो सका था।
पिछले वित्तीय वर्ष में लक्ष्य से 32 प्रतिशत कम की आय हुई थी। इस पर वित्तीय वर्ष 2025-26 का लक्ष्य छह करोड़ रुपये घटाकर 1064 करोड़ कर दिया गया।
माना जा रहा है कि इस वित्तीय वर्ष में जनपद भर में 20 प्रतिशत की अतिरिक्त वृद्धि होगी, जो लगभग 200 करोड़ रुपये हो जाएगी। इस वित्तीय वर्ष में सबसे ज्यादा उप निबंधक कार्यालय सदर प्रथम व द्वितीय को 239-239 करोड़ रुपये का दिया गया है।
इसी तरह करछना को 164 करोड़, फूलपुर को 150 करोड़, सोरांव को 124 करोड़, हंडिया को 49 करोड़, बारा को 48 करोड़, मेजा को 28 करोड़ व कोरांव को 21 करोड़ रुपये का लक्ष्य दिया गया है।
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