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    PM Kisan Yojana: किसान निधि का दोहरा लाभ ले रहे थे 28 हजार पति-पत्नी, अब ऐसे होगी रिकवरी

    Updated: Mon, 22 Sep 2025 05:35 PM (IST)

    प्रयागराज में पीएम किसान सम्मान निधि में बड़ी गड़बड़ी सामने आई है। लगभग 28 हजार ऐसे लाभार्थी पाए गए हैं जो पति-पत्नी हैं और दोनों इस योजना का लाभ उठा रहे हैं। कृषि विभाग ने इन अपात्र लाभार्थियों की सूची केंद्र सरकार को भेज दी है। जांच में यह भी पता चला कि कुछ लाभार्थी माता-पुत्र या पिता-पुत्र भी हैं। राशन कार्ड के ई-केवाईसी से इस गड़बड़ी का पता चला।

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    नियमों को ताक पर रखकर 28 हजार पति-पत्नी ले रहे किसान सम्मान निधि।

    जागरण संवाददाता, प्रयागराज। सरकारी नियम कहते हैं कि भले पति-पत्नी दोनों के नाम खेती की जमीनें हों। दोनों खेती करते हों, लेकिन पीएम किसान सम्मान निधि का हकदार दंपती में से कोई एक होगा।

    इसके विपरीत प्रयागराज में लगभग 28 हजार लाभार्थी ऐसे हैं, जो पति-पत्नी हैं और सम्मान निधि भी ले रहे हैं। अपात्र मिले इन लाभार्थियों की सूची केंद्र सरकार को भेजी गई है।

    गंगापार व यमुनापार में लगभग आठ लाख किसान हैं। इनमें से 6.32 लाख किसानों को पीएम किसान सम्मान निधि का लाभ मिल रहा है। कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय की ओर से जून में 28628 लाभार्थियों की सूची जिले को भेजी गई थी। आशंका थी कि यह लाभार्थी अपात्र हैं।

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    उप कृषि निदेशक पवन कुमार विश्वकर्मा ने इन संदिग्ध लाभार्थियों की जांच कराई। इसमें ज्यादातर लाभार्थी पति-पत्नी निकले। इसके अलावा कुछ लाभार्थियों के बीच माता-पुत्र या पिता-पुत्र का भी रिश्ता पाया गया।

    नियमों के अनुरूप माता या पिता के साथ पुत्र भी पीएम किसान सम्मान निधि ले सकते हैं, लेकिन तब जब उनके नाम जमीन वर्ष 2019 के पहले चढ़ी हो। इसके बाद जिसके नाम भी जमीन ट्रांसफर हुई है, वह योजना का लाभार्थी नहीं हो सकता।

    जबकि, 28628 में से कुछ लाभार्थी ऐसे भी पाए गए। फिलहाल सत्यापन कराकर महकमे ने इसकी रिपोर्ट वापस केंद्र सरकार को भेज दी है। अब आगे का निर्णय शासन स्तर से ही लिया जाएगा।

    राशन कार्ड ने खोल दी पोल

    पीएम किसान सम्मान निधि की किश्तें आधार से लिंक बैंक खाते में भेजी जाती है। इनकी ई-केवाइसी कराई गई है। उधर, राशन कार्ड का भी ई-केवाइसी हुआ है। राशन कार्ड भी आधार से लिंक है। शासन ने जब इनका मिलान कराया तो पति-पत्नी दोनों के नाम राशन कार्ड में मिले। इससे संदेह हुआ।

    केंद्र सरकार की ओर से संदिग्ध लाभार्थियों की सूची भेजी गई थी। इनका सत्यापन कराया गया है। इसमें लाभार्थी पति-पत्नी व पिता-पुत्र निकले। नियमों के अनुरूप इन्हें लाभ नहीं मिल सकता। जांच रिपोर्ट मुख्यालय भेज दी गई है।

    -पवन कुमार विश्वकर्मा, उप कृषि निदेशक