Indian Railways News: प्रयागराज से दिल्ली-मुंबई रूट की 42 ट्रेनें फुल, दीपावली के बाद वापसी की भीड़
दीपावली के बाद प्रयागराज से दिल्ली-मुंबई लौटने वालों की भारी भीड़ है। 42 ट्रेनें फुल हो चुकी हैं, जिससे यात्रियों को परेशानी हो रही है। टिकट काउंटर और ऑनलाइन बुकिंग में भी टिकट मिलना मुश्किल है। रेलवे ने कुछ अतिरिक्त कोच जोड़ने की घोषणा की है, लेकिन यह पर्याप्त नहीं है। यात्रियों को अन्य विकल्पों का सहारा लेने की सलाह दी गई है।

तस्वीर का इस्तेमाल प्रतीकात्मक प्रस्तुतीकरण के लिए किया गया है। जागरण
जागरण संवाददाता, प्रयागराज। दीपावली का त्योहार खत्म होते ही लोगों की घर वापसी का सिलसिला शुरू हो गया है। अब काम पर लौटने की बारी है। दूसरे राज्यों में नौकरी करने वाले मजदूर, कर्मचारी और अन्य लोग बड़ी संख्या में ट्रेनों से सफर कर रहे हैं। इससे प्रयागराज से दिल्ली और मुंबई रूट की ट्रेनें पूरी तरह भर गई हैं। रेलवे के अनुसार, अब तक 42 ट्रेनें रिग्रेट हो चुकी हैं। यानी इनमें एक भी सीट खाली नहीं है। वेटिंग टिकट भी नहीं मिल रहा। यात्रियों को भारी परेशानी हो रही है।
रेलवे सूत्रों ने बताया कि दीपावली के बाद यह भीड़ हर साल की तरह बढ़ी है। लोग छुट्टियां मनाकर अपने कामकाज पर लौट रहे हैं। प्रयागराज जंक्शन और आसपास के स्टेशनों पर सुबह से शाम तक लंबी कतारें लगी हैं। टिकट काउंटर पर लोग घंटों इंतजार कर रहे हैं, लेकिन निराश लौट रहे हैं। आनलाइन बुकिंग भी फेल हो रही है। आईआरसीटीसी ऐप और वेबसाइट पर जैसे ही टिकट खुलते हैं, सेकंडों में बुक हो जाते हैं।
यह स्थिति पूरे अक्टूबर महीने तक जारी रहेगी। रेलवे अधिकारियों का कहना है कि 26 अक्टूबर को सबसे ज्यादा भीड़ होगी। यह दिन रविवार है और अगले दिन सोमवार से लोग अपना काम शुरू करेंगे। इसलिए उस दिन सबसे ज्यादा ट्रेनें रिग्रेट हैं। यात्रियों को सलाह दी गई है कि जल्दी प्लानिंग करें या बस, फ्लाइट जैसी दूसरी सुविधाओं का सहारा लें।
रिग्रेट ट्रेनों में कई प्रमुख एक्सप्रेस शामिल हैं। हमसफर एक्सप्रेस, वंदे भारत, राजधानी एक्सप्रेस, बाबाधाम एक्सप्रेस, शिवगंगा एक्सप्रेस, गोड्डा दिल्ली एक्सप्रेस, नंदन कानन, पुरुषोत्तम, पूर्वा एक्सप्रेस, महाबोधी एक्सप्रेस, स्वतंत्रता सेनानी, पूर्वोत्तर संपर्क क्रांति, स्वर्णजयंती एक्सप्रेस, सीमांचल, नार्थ ईस्ट, ब्रह्मपुत्र मेल, जम्मू मेल, नेताजी एक्सप्रेस और अमृत भारत एक्सप्रेस जैसी ट्रेनें पूरी तरह पैक हैं। इनमें स्लीपर, थर्ड एसी, सेकंड एसी सभी कोच फुल हैं।
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यात्रियों की परेशानी का अंदाजा स्टेशन पर मौजूद लोगों से लगाया जा सकता है। दिल्ली जाने वाले रामू यादव नाम के एक यात्री ने बताया, "मैं पिछले तीन दिनों से टिकट बुक करने की कोशिश कर रहा हूं। हमसफर एक्सप्रेस में जाना चाहता हूं, लेकिन हर बार रिग्रेट दिखाता है। वेटिंग भी नहीं मिल रही। मजदूरी का काम है, देर हो रही है तो नौकरी पर असर पड़ेगा। रेलवे को और स्पेशल ट्रेनें चलानी चाहिए।"
इसी तरह, दिल्ली रूट पर जाने वाली एक महिला यात्री प्रिया सिंह ने कहा, "दीपावली में घर आई थी, अब लौटना है। पूर्वा एक्सप्रेस देखी, लेकिन कुछ नहीं मिला। बच्चे साथ हैं, बस में सफर मुश्किल होगा।आनलाइन बार-बार ट्राई किया, पर सफलता नहीं मिली।"
रेलवे ने कुछ अतिरिक्त कोच जोड़ने की घोषणा की है, लेकिन यह पर्याप्त नहीं। यात्रियों से अपील है कि तत्काल टिकट या प्रीमियम सुविधाओं का इस्तेमाल करें। फिर भी, भीड़ कम होने के आसार नवंबर तक नहीं हैं। प्रयागराज जैसे बड़े जंक्शन पर यह समस्या हर त्योहार के बाद दोहराई जाती है। रेलवे को पहले से तैयारी करनी चाहिए ताकि आम आदमी को इतनी तकलीफ न हो।
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