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    Prayagraj: अश्वमेध सेमिनार में PDA उपाध्यक्ष ने दिया सफलता का मंत्र, कहा- इन तीन चीजों से UPSC में पा सकते हैं कामयाबी

    Updated: Sun, 03 Mar 2024 09:11 PM (IST)

    Ashwamedh Seminar इलाहाबाद मेडिकल एसोसिएशन (आइएमए) सभागार में अनएकेडमी आइएएस एवं दैनिक जागरण प्रयागराज के संयुक्त प्रयासों से अश्वमेध सेमिनार का आयोजन हुआ। यहां यूपीएससी में सफलता पाने की उम्मीद लेकर आए सैकड़ों युवाओं की अनंत जिज्ञासाओं का उचित समाधान मिला। इसमें साफ प्रतिध्वनित हुआ कि मेहनत का कोई विकल्प नहीं होता है। जिनके पैरों में छाले होते हैं वहीं पोजीशन वाले होते हैं।

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    अश्वमेध सेमिनार में PDA उपाध्यक्ष ने युवाओं से साझा की यूपीएससी में सफलता की रणनीति

    जागरण संवाददाता, प्रयागराज। यूपीएससी में सफलता पाने की उम्मीद लेकर आए सैकड़ों युवाओं की अनंत जिज्ञासाओं का रविवार को उचित समाधान मिला। यह महत्वपूर्ण अवसर था इलाहाबाद मेडिकल एसोसिएशन (आइएमए) सभागार में अनएकेडमी आइएएस एवं दैनिक जागरण प्रयागराज के संयुक्त प्रयासों से हुए अश्वमेध सेमिनार का। इसमें साफ प्रतिध्वनित हुआ कि जिनके पैरों में छाले होते हैं वहीं पोजीशन वाले होते हैं।

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    मुख्य अतिथि प्रयागराज विकास प्राधिकरण (पीडीए) के उपाध्यक्ष अरविंद चौहान ने कहा कि मेहनत का कोई विकल्प नहीं होता है, लेकिन जिस तरह यूपीएससी पैटर्न बदला है, उसमें तैयारी की कुशल रणनीति, ज्ञान के साथ समझ और विश्लेषण क्षमता का भी महत्वपूर्ण योगदान है।

    उन्होंने कहा कि जो सफल होने वाले हमारे और आपके बीच के ही होते हैं। जो लक्ष्य को पास से देखते हैं वही सफल होते हैं। प्रयास किस दिशा में हो? उसे समझना होगा। कुछ लोग परीक्षा देने के एक्सपर्ट होते हैं, लेकिन वह सफल नहीं होते हैं। जो सफल होते हैं वह लक्ष्य पर केंद्रित होते हैं। ऐसे में किसी की असफलता को खुद पर मत ओढ़िए। अपनी क्षमता का स्वयं आंकलन करिए और सफलता की रात पर बढ़ जाइए।

    उन्होंने इन पंक्तियों से प्रेरणा दी- 'मंजिलें क्या हैं रास्ता क्या है हौंसला हो जो फासला क्या है...।' इसके साथ जिम्मेदारी का अहसास कराया कि आइएएस की परीक्षा पास करना आसान है पर आएएस की ड्यूटी करना मुश्किल।

    अनएकेडमी में सीसैट, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के विशेषज्ञ मधुकर कोटवे ने यूपीएससी को मैराथन बताते हुए कहा कि इसमें तेजी से दौड़ने वाले थक जाते हैं। इसलिए तैयारी धीमी गति से शुरू करिए और अंतिम चरण में गति बढ़ाकर विजय का स्वाद चखिए। इकोनामी के विशेषज्ञ रमेश सिंह ने इकोनामी से घबराइए नहीं, यह कोई राकेट साइंस नहीं है। आप अर्थशास्त्री न बने पर बेसिक जानकारी रखें।

    इतिहास के विशेषज्ञ जावेद फारुकी ने अश्वमेध को परिभाषित करते हुए कहा कि अश्व शक्ति का प्रतीक और मेध बुद्धि का। इसलिए तैयारी में शक्ति के साथ बुद्धि का प्रयोग करें। कोई बहाना न बनाएं और राष्ट्र निर्माण में अपना सर्वस्व दें। भूगोल के विशेषज्ञ अपूर्व मेहरोत्रा ने सफलता के तीन मूल मंत्र एटीट्यूड, इंफारर्मेशन और रणनीति पर विस्तार से जानकारी दी। जितने सफल हुए उनके इच्छा शक्ति समान रूप से देखने को मिलती है। निश्चय दृढ़ होना चाहिए और लक्ष्य से किंचित भी डगमगाना नहीं है।

    पालिटी-एआर के विशेषज्ञ दीपक कुमार ने सीसैट में एप्टीट्यूट पर विस्तार से जानकारी दी और बताया कि किस तरह से एप्टीट्यूड सफलता का मार्क प्रशस्त कर सकता है। सर्वप्रथम पीडीए वीसी अरविंद चौहान, दैनिक जागरण के क्षेत्रीय विज्ञापन प्रबंधक विशाल श्रीवास्तव, विज्ञापन प्रबंधक कमलेश मिश्र व अनएकेडमी आइएएस के क्षेत्रीय प्रमुख आयुष राय ने दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। संचालन डा. रंजना त्रिपाठी ने किया।

    दबाव में बेहतरी प्रदर्शन की कला विकसित करें युवा

    पालिटी एआर के विशेषज्ञ दीपक कुमार ने कहा कि यूपीएससी का पैटर्न पूरी तरह से बदल गया है। ऐसे में अब तैयारी में ज्ञान के साथ ही समझ की बड़ी भूमिका है। इसमें आत्मविश्वास भी महत्वपूर्ण है। अपनी कमजोरियों और क्षमताओं को परखते हुए तैयारी करें।

    एमएस धोनी का उदाहरण देते हुए समझाया कि प्रेशर के समय धोनी जैसा प्रदर्शन करने की योग्यता विकसित करें तभी आखिरी समय में भारी दबाव के बीच आप सफलता का सिक्स मार सकते हैं। युवाओं से सवाल पूछा कि आखिर आइएएस क्यों बनना चाहते हैं? यह नौकरी कमिटमेंट की है। यह जाब नहीं है यह सर्विस है, ऐसे में राष्ट्र निर्माण का जज्बा लेकर इस नौकरी की तैयारी करेंगे तो हतोत्साहित नहीं होंगे।

    उन्होंने जीएस-जीके के अंतर को समझाया। कहा कि तैयारी में क्या पढ़ा और क्या समझा यह महत्वपूर्ण नहीं है। महत्वपूर्ण यह है कि आप इसका क्या करोगे? उन्होंने संक्षिप्त को विस्तार और विस्तार को संक्षिप्त करने की जानकारी दी।

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