Nutrition Garden: प्रदेश के 70,228 स्कूलों में ही किचेन गार्डेन, लक्ष्य 1,41,832 का, कई को पर्याप्त स्थान नहीं मिल रहा
Nutrition Garden प्रदेश के 1,41,832 स्कूलों में न्यूट्रीशन गार्डन बनाने का लक्ष्य है, लेकिन अभी तक केवल 70,228 स्कूलों में ही यह व्यवस्था हो पाई है। प्रयागराज के 113 स्कूलों को न्यूट्रीशन गार्डन के लिए पांच हजार रुपये मिले हैं। स्थान की कमी के कारण कुछ स्कूलों में गमलों और थैलों में ही सब्जियां उगाई जा रही हैं। इन पोषण वाटिकाओं का उद्देश्य मध्याह्न भोजन को पौष्टिक बनाना है।

Nutrition Garden यूपी के स्कूलों में पोषण वाटिका लक्ष्य से पीछे, प्रयागराज में इस सत्र में 113 स्कूलों में बनेगा।
अमलेन्दु त्रिपाठी, प्रयागराज। Nutrition Garden पीएम पोषण योजना से आच्छादित समस्त विद्यालयों में न्यूट्रीशन गार्डन विकसित करने का लक्ष्य है। शासन स्तर से प्रदेश के 1,41,832 स्कूलों में न्यूट्रीशन गार्डेन बनाया जाना है, लेकिन अब तक सिर्फ 70,228 स्कूलों में यह व्यवस्था हो सकी है।
62,347 स्कूलों में पर्याप्त स्थान नहीं है
62,347 परिषदीय/राजकीय विद्यालय ऐसे चिह्नित किए गए हैं जहां पर्याप्त स्थान नहीं है। इस स्थिति से निपटने के लिए इन विद्यालयों में पाली/ग्रो बैग, मटके, बोरे, जूट के थैले, क्यारी व गमलों में छोटे आकार के किचेन गार्डेन विकसित किए जाने का निर्देश है। अतिरिक्त विकल्प के रूप में विद्यालय की दीवार के सहारे बेल वाली मौसमी सब्जियां जैसे लौकी, तोरई आदि लगाना है।
गमलों में मौसमी सब्जियां लगा सकेंगे
Nutrition Garden गमलों में मौसमी सब्जियां जैसे टमाटर, हरी मिर्च, धनिया, भिंडी, बैंगन आदि के पौधे भी लगाए जा सकते हैं, जिससे बिना किसी अतिरिक्त लागत के पर्याप्त सब्जियां प्राप्त की जा सकती हैं। इनका उपयोग मध्याह्न भोजन को छात्रों के लिए अतिरिक्त पौष्टिक तत्व उपलब्ध कराए जाने में किया जाएगा।
अपर मुख्य सचिव बेसिक शिक्षा ने जारी किया पत्र
Nutrition Garden अपर मुख्य सचिव, बेसिक शिक्षा की ओर से जारी पत्र में कहा गया है कि सभी जनपदों के विद्यालयों में शत-प्रतिशत किचेन गार्डेन विकसित कराया जाए। पूर्व में विकसित किए गये स्कूल न्यूट्रीशन गार्डन का समुचित रखरखाव भी हो।
किन जिलों में कितने बने किचन गार्डेन?
आगरा में 1,056, अलीगढ़ में 1,710, प्रयागराज में 791, अंबेडकर नगर में 1,307, औरैया, प्रतापगढ़, आजमगढ़ में 610, बदायूं में 806, बागपत में 634, बहराइच में 1,232, बलिया, बांदा, वाराणसी, फरूखाबाद, जालौन, जौनपुर, इटावा, झांसी, ललितपुर, बरेली, अमेठी, भदोही और बिजनौर जैसे जिलों में 610 स्कूलों में किचेन गार्डेन बने हैं, जबकि लक्ष्य कहीं अधिक है। चित्रकूट, हापुड़ में 410, संभल में 570, कौशांबी में 799, फतेहपुर में 1393 स्कूलों में किचेन गार्डेन बन चुके हैं।
बीएसए बोले- 113 स्कूलों में किचेन गार्डेन बनेगा
प्रयागराज के बीएसए देवव्रत सिंह ने बताया कि वर्तमान सत्र में 113 विद्यालयों को पांच हजार रुपये देकर किचेन गार्डेन का विकास कराया जाएगा। इन स्कूलों में पर्याप्त स्थान है। पूर्व में 791 स्कूलों में किचेन गार्डेन का विकास हो चुका है।
न्यूट्रीशन गार्डेन के लिए स्कूलों को दो हजार रुपये
जनपद के 1,957 स्कूलों को दो हजार रुपये दिए जा रहे हैं, जिससे वहां न्यूट्रीशन गार्डेन बन सके। इसके अतिरिक्त जितने भी मान्यता प्राप्त विद्यालय हैं और वहां मिड डे मील योजना चल रही है, उन्हें भी किचेन गार्डेन से आछादित करना है। सभी मदरसों, समाज कल्याण विभाग के स्कूल भी इस योजना में शामिल हैं लेकिन उन्हें अपने संसाधन से इस दिशा में बढ़ना है।
प्रयागराज के 1,957 स्कूलों में स्थान का अभाव
बागपत, बाराबंकी, जीबी नगर, कानपुर देहात, कानपुर नगर, मैनपुरी और शामली ही ऐसे जिले हैं जहां के सभी स्कूलों में किचेन गार्डेन के लिए स्थान हैं। दूसरी तरफ आगरा के 1,443, अलीगढ़ के 421, प्रयागराज के 1,957, अंबेडकर नगर के 279, औरैया के 662, आजमगढ़ के 2,103, बदायूं 1,363, बहराइच के 1,578, बलिया के 1,645 स्कूलों में पर्याप्त स्थान नहीं है जिससे किचेन गार्डेन का विकास किया जा सके। हापुड़ के 94, संभल के 728, वाराणसी के 542, उन्नाव के 1,094, सुल्तानपुर के 1,164, पीलीभीत के 725, लखनऊ के 256, मेरठ के 475 स्कूल में भी स्थान का अभाव है।

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