10 वर्षों से जिसे ढूंढ रही थी GRP, प्रयागराज जंक्शन पर पकड़ा गया, चलती ट्रेनों में यात्रियों का सामान उड़ाने में माहिर था
प्रयागराज जंक्शन पर जीआरपी ने इंद्रेश कुमार पटेल नामक एक शातिर चोर को गिरफ्तार किया है जो पिछले 10 वर्षों से पुलिस को चकमा दे रहा था। वर्ष 2015 में पहली बार चोरी के आरोप में पकड़ा गया था। जमानत पर छूटने के बाद उसने लखनऊ से प्रयागराज तक आतंक मचा रखा था। उसके खिलाफ चोरी के नौ मामले दर्ज हैं।

जागरण संवाददाता, प्रयागराज। 10 साल से जीआरपी की आंखों में धूल झोंक रहा शातिर चोर इंद्रेश कुमार पटेल आखिरकार प्रयागराज जंक्शन पर जीआरपी के हत्थे चढ़ गया। उसकी चालाकी ही उसके लिए घातक बन गई और जंक्शन पर रेकी के दौरान सटीक सूचना पर उसे दबोच लिया गया।
रायबरेली का रहने वाला इंद्रेश पहली बार 2015 में चोरी के मामले में पकड़ा गया था, जमानत पर बाहर निकला तो लखनऊ से लेकर प्रयागराज तक उसने आतंक मचा रखा था। उसके विरुद्ध नौ मुकदमे अब तक दर्ज हो चुके हैं, कई बार प्रयागराज में उसे पकड़ने के लिए जाल बिछाया गया, लेकिन हर बार वह भागने सफल रहा था।
19 सितंबर को सुबह 10:40 बजे, क्षेत्राधिकारी अरुण कुमार पाठक के पर्यवेक्षण में प्रभारी निरीक्षक अकलेश कुमार सिंह की टीम को सूचना मिली की इंद्रेश जंक्शन पर किसी बड़ी घटना को अंजाम देने वाला है। जीआरपी ने घेराबंदी की और प्लेटफार्म नंबर एक के दिल्ली एंड पर इंद्रेश को धर दबोचा। उसके पास से चोरी का मोबाइल और नगदी बरामद हुए। इस मोबाइल की चोरी का मुकदमा जीआरपी प्रयागराज ने ही दर्ज किया था।
इंस्पेक्टर एके सिंह ने बताया कि इंद्रेश का अपराधी इतिहास लंबा है, जिसमें रायबरेली, लखनऊ, बाराबंकी और उन्नाव में चोरी के नौ मुकदमे दर्ज हैं। वह कई बार जेल गया, लेकिन जमानत पर छूटते ही फिर चोरी शुरू कर देता है।
उन्होंने बताया कि इंद्रेश रेलवे स्टेशनों और चलती ट्रेनों में यात्रियों के मोबाइल और सामान चुराकर बेचता था और ऐशो-आराम की जिंदगी जीता है। गिरफ्तारी में एसआइ संजय तिवारी, एएसआइ लाखन सिंह और हे. कांस्टेबल मनोज कुमार भारती की भूमिका सराहनीय रही।
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