रेलवे ट्रैक पार करने पर 1000 रुपये जुर्माना लगेगा या फिर छह माह की जेल होगी, चुनार हादसा के बाद NCR ने उठाया सख्त कदम
चुनार में हुए दुखद हादसे के बाद उत्तर मध्य रेलवे (NCR) ने 'ट्रैस पासर' अभियान शुरू किया है। रेलवे ट्रैक पार करने पर अब 1000 रुपये जुर्माना या 6 महीने की जेल हो सकती है। RPF जोन में यह अभियान चलाएगा। इसके तहत जागरूकता लाने के साथ ही कानूनी कार्रवाई भी की जाएगी। रेलवे स्टेशनों पर CCTV से निगरानी रखी जाएगी और नियमों का उल्लंघन करने वालों पर सख्त होगी।

प्रयागराज में इस तरह रेलवे ट्रैक पार करने वाले लोगों के खिलाफ NCR में आरपीएफ सख्त कार्रवाई करेगा। फोटो जागरण
जागरण संवाददाता, प्रयागराज। उत्तर मध्य रेलवे (NCR) जोन में अब रेलवे ट्रैक पार करना महंगा पड़ने वाला है। चुनार रेलवे स्टेशन पर बुधवार को हुई दिल दहला देने वाली दुर्घटना ने रेलवे प्रशासन को सख्त कदम उठाने पर मजबूर कर दिया है। कालका मेल की चपेट में आकर छह यात्रियों की जान चली गई थी।
आरपीएफ जोन में 'ट्रैस पासर' अभियान शुरू शुरू करेगा
इस हादसे के बाद आरपीएफ ने पूरे जोन में 'ट्रैस पासर' अभियान शुरू करने का फैसला किया है। यह अभियान सिर्फ जागरूकता फैलाने तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि सख्त कानूनी कार्रवाई भी करेगा। प्रयागराज, झांसी व आगरा मंडल में ट्रैक पार करते पकड़े जाने पर 1000 रुपये तक का जुर्माना या छह महीने की कैद की सजा हो सकती है।
आइजी आरपीएफ का सख्त निर्देश
लोग समय बचाने या सुविधा के लिए ट्रैक पार करते हैं, लेकिन यह कितना खतरनाक है, चुनार हादसा इसका उदाहरण है। आइजी आरपीएफ रेनू पुष्कर छिब्बर ने पूरे जोन में 'ट्रैस पासर' अभियान चलाने के सख्त निर्देश दिए। अभियान का मतलब है 'ट्रैक पर अनधिकृत घुसपैठ' को रोकना। अब ट्रैक पार करना कोई सामान्य बात नहीं मानी जाएगी। इसे 'अतिक्रमण' या 'अवैध प्रवेश' का दर्जा दिया जाएगा।
जुर्माना और जेल दोनों की सजा का प्रविधान
रेलवे एक्ट की धारा 147 के तहत रेलवे ट्रैक पार करना अपराध है, जिसमें जुर्माना और जेल दोनों की सजा का प्रविधान है। सबसे पहले उन खास स्थानों की पहचान की जाएगी जहां लोग सबसे ज्यादा ट्रैक पार करते हैं। जैसे किसी प्लेटफार्म, स्टेशन के पास, गांवों के किनारे या व्यस्त इलाकों में।
सीसीटीवी से भी रखी जाएगी नजर
इन जगहों पर आरपीएफ नजर रखेगी, सीसीटीवी कैमरों का भी इस्तेमाल होगा। पकड़े गए लोगों को मौके पर ही चालान काटा जाएगा। 1000 रुपये का जुर्माना भरना पड़ेगा, और अगर कोई बार-बार पकड़ा गया तो कोर्ट के जरिए छह महीने की सजा भी हो सकती है।
रेलवे स्टेशनों पर कैंपेन चलाए जाएंगे
इसके अलावा रेलवे स्टेशनों पर पोस्टर, अनाउंसमेंट और लोकल भाषाओं में कैंपेन चलाए जाएंगे। स्कूलों, गांवों और बाजारों में जाकर लोगों को समझाया जाएगा कि फुट ओवरब्रिज या अंडरपास का इस्तेमाल क्यों जरूरी है। ट्रेन की स्पीड 100-130 किलोमीटर प्रति घंटा होती है, और लोकोपायलट को रुकने में सैकड़ों मीटर लग जाते हैं। ऐसे में ट्रैक पर कोई दिखे तो बचाना नामुमकिन है।
पूरे जोन में चलेगा अभियान
आइजी आरपीएफ रेनू पुष्कर छिब्बर ने कहा, यह अभियान एक साथ पूरे जोन में चलेगा। निर्देश जारी कर दिए गए हैं। हमारी कोशिश है कि ऐसी दुर्घटनाएं दोबारा न हों। लोग समझें कि ट्रैक पार करना उनकी जान जोखिम में डालता है।

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