इंजीनियर-डॉक्टर तो कोई सलाहकार... Mahakumbh में सनातन की दीक्षा ले चुके हैं 200 से ज्यादा विदेशी
फ्रांस में सॉफ्टवेयर इंजीनियर ओलिवियर गिउलिरी संयुक्त राज्य अमेरिका में वास्तुकार मैथ्यू लॉरेंस कनाडा के चिकित्सक आंद्रे अनात समेत 61 विदेशियों ने बुधवार को महाकुंभ में सनातन धर्म की दीक्षा प्राप्त की। शक्तिधाम आश्रम में वैदिक मंत्रोच्चार के बीच श्रद्धालुओं के सनातन अंगीकार की दीक्षा जगद्गुरु साईं मां लक्ष्मी देवी ने पूरी कराई। महाकुंभ में अब तक 200 से अधिक विदेशियों ने सनातन की दीक्षा प्राप्त की है।
जागरण संवाददाता, महाकुंभ नगर। महाकुंभ की आध्यात्मिक हिलोर से बुधवार को विश्व का कई कोना सनातनी हुआ। अलग-अलग देशों से आए महिला-पुरुषों ने स्वयं को खोकर स्वयं का साक्षात्कार किया।
फ्रांस में सॉफ्टवेयर इंजीनियर ओलिवियर गिउलिरी, संयुक्त राज्य अमेरिका में वास्तुकार मैथ्यू लॉरेंस, कनाडा के चिकित्सक आंद्रे अनात समेत 61 विदेशियों ने बुधवार को महाकुंभ में सनातन धर्म की दीक्षा प्राप्त की।
मंत्रोच्चार के बीच दिलाई गई दीक्षा
सेक्टर 17 स्थित शक्तिधाम आश्रम में वैदिक मंत्रोच्चार के बीच श्रद्धालुओं के सनातन अंगीकार की दीक्षा जगद्गुरु साईं मां लक्ष्मी देवी ने पूरी कराई। शिविर में शिव धुन पर थिरकते श्रद्धालुओं से जगद्गुरु सांई मां ने कहा कि हजारों साल पुराना सनातन धर्म अपने आप में अद्भुत है।
मानसिक तनाव में डूबे लोगों को सही राह दिखाता सनातन
उन्होंने कहा कि युद्धग्रस्त देशों के साथ नशा, मानसिक तनाव में डूबे युवाओं को सनातन सही राह दिखा रहा है। दीक्षा लेने वाली बेल्जियम में अस्थि रोग चिकित्सक कैथरीन गिल्डेमिन कहती हैं कि काम, परिवार और परिस्थितियों के बोझ से हार मान चुकी थीं। अब नई दिशा ऊर्जा से भरी हैं।
सनातन की सरलता से भारत खिंचे चले आए विदेशी
इसके अलावा आयरलैंड डेविड हैरिंगटन, फ्रांस में सॉफ्टवेयर इंजीनियर ओलिवियर गिउलिरी, संयुक्त राज्य अमेरिका में वास्तुकार मैथ्यू लारेंस कहते हैं कि सनातन की सरलता ने उन्हें भारत की ओर आकर्षित किया है। इस जीवन पद्धति में सम्मोहन है, शांति है, आनंद है। हमारा अधूरापन खत्म हुआ। स्वयं की तलाश पूरी हुई।
महाकुंभ में शामिल होना ही गौरव का विषय
यूएसए की ही जेनी मिलर, कनाडा में चिकित्सक आंद्रे अनात, मैथ्यू सावोई, बेल्जियम में स्वास्थ्य एवं सुरक्षा सलाहकार क्रिस्टेल डी कैट ने दीक्षा के बाद अपने अनुभव साझा किए। उन्होंने कहा कि महाकुंभ में शामिल होना ही गौरव का विषय है। अब हमें यहां सनातन की दीक्षा मिल गई, यह जीवन का उद्धार करने वाला क्षण है।
200 से अधिक विदेशी ले चुके हैं दीक्षा
इस मौके पर जगद्गुरु सांई मां ने बताया कि शक्ति धाम के शिविर में महाकुंभ की अब तक कि अवधि में 200 से अधिक विदेशियों ने सनातन की दीक्षा प्राप्त की है। शिविर में विदेशी मूल के 9 शिष्य हैं जो महामंडलेश्वर हैं। इसमें तीन महिला संत भी हैं। जापान, अमेरिका, इजरायल, फ़्रांस समेत लगभग 12 देशों के शिष्य शिविर से जुड़े हैं।
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