सैन्य अधिकारी हत्याकांड: पिस्टल लेकर 50 मिनट तक एयरफोर्स स्टेशन परिसर में टहलता रहा शूटर, किसी की नहीं पड़ी नजर?
प्रयागराज में सेंट्रल एयर कमांड में कमांडर वर्क्स इंजीनियर सत्येंद्र नारायण मिश्रा की शुक्रवार रात गोली मारकर हत्या कर दी गई। शूटर करीब 50 मिनट तक पिस्टल लेकर बमरौली एयरफोर्स स्टेशन के परिसर में टहलता रहा लेकिन संतरी या सुरक्षाकर्मियों को इसकी भनक नहीं लगी। पुलिस ने कई पहलुओं पर गौर कर रही है जिनमें ठेकेदारों से विवाद और कर्मचारियों पर कार्रवाई भी शामिल है।

जागरण संवाददाता, प्रयागराज। सेंट्रल एयर कमांड की बाहर दीवारों पर स्पष्ट लिखा हुआ है कि घुसपैठियों को गोली मार दी जाएगी। बाउंड्रीवाल पर कंटीले तार लगे हैं। मजबूत सुरक्षा घेरा का दावा किया जाता है। मगर शुक्रवार रात दुस्साहसिक अंदाज में कमांडर वर्क्स इंजीनियर (सीडब्ल्यूई) सत्येंद्र नारायण मिश्रा की गोली मारकर हत्या कर दी गई।
चौंकाने वाली बात यह है कि बमरौली एयरफोर्स स्टेशन के परिसर में शूटर करीब 50 मिनट तक पिस्टल लेकर टहलता रहा, लेकिन न तो संतरी को कुछ पता चला और न ही दूसरे सुरक्षाकर्मियों को भनक लगी।
ऐसे में सुरक्षा को लेकर बड़े सवाल उठ रहे हैं कि आखिरकार जिस एयरफोर्स स्टेशन में तमाम लड़ाकू विमान से लेकर दूसरे हथियार मौजूद रहते हैं, वहां के सुरक्षा घेरे में चूक कैसे हुई?
पेड़ पर चढ़कर आवास में घुसा हत्यारा!
सूत्रों का कहना है कि सीसीटीवी फुटेज की जांच में पता चला है कि शुक्रवार रात करीब 2:40 बजे एक युवक इंजीनियरिंग कालोनी के पास पहुंचा। वह बाहर लगे पेड़ पर चढ़ा और पेड़ में रस्सी बांधकर आवास में दाखिल हो गया।
इसके बाद गोली मारकर हत्या करता है और उसी रस्सी के सहारे पेड़ पर चढ़ता है। रस्सी खोलकर नीचे आता है और फिर धीरे-धीरे पैदल आगे निकलता है। बाउंड्री से सटकर वह सेंट्रल एयर कमांड के मुख्य द्वार होकर बाहर निकलता है। वह लगभग देर रात 3:30 बजे के आसपास बाहर निकलता है।
हैरानी की बात यह है कि मुख्य द्वार से करीब 50 मीटर की दूरी पर ही इंजीनियरिंग कालोनी है। कालोनी के बाहर खड़े किसी भी व्यक्ति पर मुख्य द्वार पर मौजूद संतरी अथवा सुरक्षाकर्मी की नजर आसानी से पड़ सकती है, मगर आश्चर्य कि ऐसा नहीं हुआ।
शूटर बहुत ही आसानी से हाई सिक्योरिटी जोन तक पहुंचा और हत्या कर सुरक्षित बाहर निकल गया। इस दौरान न तो उसे कहीं रोका-टोका जाता है और न ही किसी तरह की जांच होती है। पेट्रोलिंग करने वाले सुरक्षाकर्मी भी कहीं नहीं दिखाई देते हैं।
सेंट्रल एयर कमांड में ऐसी है सुरक्षा व्यवस्था
सेंट्रल एयर कमांड परिसर के प्रवेश और निकास के सभी गेट सशस्त्र जवानों की निगरानी में होते हैं। सीसीटीवी से कंट्रोल रूम में अलग से निगरानी रखी जाती है। आने-जाने के लिए सभी कर्मियों का ड्यूटी पास बना हुआ है।
आईडी से मिलान की प्रक्रिया पूरी होने पर प्रवेश मिलता है। इसका पूरा रिकार्ड रजिस्टर में दर्ज किया जाता है। यह पूरी प्रक्रिया भी सीसीटीवी की निगरानी में होती है। वहीं, बाहरी व्यक्ति के प्रवेश के लिए उस अधिकारी की अनुमति जरूरी है, जिससे वह मिलने आया हो। बाहरी व्यक्ति की भी आइडी समेत अन्य जानकारी दर्ज की जाती है।
ठेकेदारों से विवाद, कर्मचारियों पर कार्रवाई पर भी पुलिस की नजर
पुलिस टीम किसी ठेकेदार से विवाद या कर्मचारी को दंड देने सहित अन्य कारणों की भी जांच कर रही है। पुलिस को पता चला है कि सत्येंद्र नारायण ने गोरखपुर के एक कर्मचारी को वाहनों से डीजल चोरी के आरोप में निलंबित किया था। इसी तरह पटना के एयरफोर्स में तैनात दो कर्मचारियों के विरुद्ध विभागीय कार्रवाई की थी। एक कर्मचारी के विरुद्ध सत्येंद्र ने चार्जशीट दी थी।
आवास सील, शव लेकर गए गांव
कमांडर वर्क्स इंजीनियर की हत्या के बाद उनके आवास को सील कर दिया है। शनिवार शाम पोस्टमार्टम के बाद शव को लेकर परिवार के सभी सदस्य गांव चले गए। पोस्टमार्टम से पता चला है कि सीने पर गोली लगी थी। सिर पर भी चोट थी, जो जमीन पर गिरने के कारण मानी जा रही है।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।