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    दक्षिण भारत के प्रसिद्ध मीनाक्षी मंदिर की झलक अब प्रयागराज में, 80 फीट ऊंचे दुर्गापूजा पंडाल में बालाकोट-कारगिल भी आएगा नजर

    Updated: Fri, 12 Sep 2025 07:09 PM (IST)

    प्रयागराज के कटरा स्थित समिया माई दुर्गा पूजा कमेटी इस बार मीनाक्षी मंदिर की तर्ज पर पंडाल बना रही है। 80 फीट ऊंचे इस पंडाल में बच्चों के लिए जंगल थीम भी होगी जिसमें जानवरों की आवाजें सुनाई देंगी। भारतीय सेना के शौर्य को भी प्रदर्शित किया जाएगा। माता की मूर्ति जिस शेर पर विराजमान होगी वह दहाड़ेगा।

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    प्रयागराज के कटरा में समिया मांई दुर्गा पूजा पंडाल मीनाक्षी मंदिर की तर्ज पर बनाया जा रहा है। जागरण

    जागरण संवाददाता, प्रयागराज। प्रयागराज के भव्य और आकर्षक दुर्गापूजा की बात ही निराली है। एक से बढ़कर एक मां दुर्गा की आकर्षक प्रतिमाओं के साथ ही आकर्षक पूजा पंडाल भी लोगों को आकर्षित करते हैं। इस बार भी शहर के एक मुहल्ले में ऐसा पंडाल बनाया जा रहा है जो शारदीय नवरात्र में लोगों को लभाएगा।

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    दक्षिण भारत के विश्व प्रसिद्ध मीनाक्षी मंदिर को कौन नहीं जानता। इस शारदीय नवरात्र में मीनाक्षी मंदिर का प्रतिरूप देखने को मिलेगा। शहर के कटरा स्थित समिया माई मंदिर के विशाल पार्क में दुर्गापूजा पंडाल हूबहू मीनाक्षी मंदिर के जैसा बनाया जा रहा है। वह भी साधारण तरीके से नहीं, 80 फीट ऊंचा होगा इसका द्वार।

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    कटरा में लक्ष्मी टाकीज के सामने बन रहा पूजा पंडाल 

    द्वार चक्र, गदा, शंख और नक्काशी से भरपूर होगा। समिया माई दुर्गा पूजा कमेटी ने पंडाल की थीम मीनाक्षी मंदिर तय करते हुए इसके निर्माण की जिम्मेदारी बंगाल के कुशल कारीगरों को सौंपी है।लक्ष्मी टाकीज के सामने वाली बस्ती में समिया माई दुर्गा पूजा हर साल होती है। इस बार 25वां वर्ष है। थीम आधारित पंडाल में यह कमेटी भी पीछे नहीं है। इसमें कई अन्य खूबसूरती दी जा रही है। जैसे बच्चों के लिए जंगल की थीम पर एक अलग हिस्से की बनावट कार्ययोजना में है।

    बांस, लकड़ी की बीट, कपड़े और फाइवर का इस्तेमाल

    प्रवेश द्वार को बनाने के लिए 25 कारीगरों की टीम लगी है। इसमें बांस से ढांचा तैयार किया गया है, बाहरी हिस्से को मंदिर का रूप देने के लिए थर्माकोल और फाइवर का काम शुरू कर दिया गया है। मीनाक्षी मंदिर रात में भी दूर-दूर तक दिखे इसके लिए रंगीन प्रकाश के विशेष प्रबंध किए जाएंगे। लकड़ी की बीट और फाइवर से ढांचा तैयार करने के बाद रंग रोगन होगा।

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    बच्चों को लुभाएंगे जंगली जानवर

    बच्चों को आकर्षित करने के लिए परिसर के एक हिस्से को जंगल का स्वरूप दिया जा रहा है। शेर, चीता, हाथी, खरगोश, जिराफ आदि के मॉडल बनाए जा रहे हैं। इन जानवरों की आवाजें सुनाई पड़ेंगी, साथ में हरियाली एक अलग अनुभव होगा।

    दिखेगा भारतीय सेना का शौर्य

    कमेटी ने इस बार भारतीय सेना के शौर्य को भी प्रदर्शित करने की तैयारी की है। इसके तहत पूजा पंडाल परिसर में बालाकोट और कारगिल में सैन्य कार्रवाई को माडल के जरिए दिखाया जाएगा। इसके लिए कारीगरों की एक अलग टीम लगाई गई हे।

    दहाड़ेगा माता का शेर

    कमेटी के उपाध्यक्ष शिवबाबू गुप्ता ने बताया कि अध्यक्ष आनंद अग्रवाल के नेतृत्व में संपूर्ण तैयारियां चल रही हैं। हर वर्ग के लोगों का ध्यान रखा गया है ताकि एक ही स्थान पर उन्हें तमाम रोचक चीजें देखने को मिलें। बताया कि पंडाल के भीतर माता की मूर्ति ध्वनि प्रकाश के जरिए भक्तों को मुग्ध करेगी। जिस शेर पर माता विराजमान रहेंगी उसके जबड़े को हिलता हुआ दिखाया जाएगा और शेर के दहाड़ने की आवाज सुनाई पड़ती रहेगी।