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    Mamta Kulkarni ने छोड़ा किन्नर अखाड़े का महामंडलेश्वर पद, वीडियो पोस्ट कर हुईं भावुक... इन्हें बताया जिम्मेदार

    Updated: Mon, 10 Feb 2025 06:03 PM (IST)

    बॉलीवुड अभिनेत्री रहीं ममता कुलकर्णी ने 10 फरवरी को किन्नर अखाड़े के महामंडलेश्वर पद से इस्तीफा दे दिया। जब से ममता को महामंडलेश्वर बनाया गया तब से नया विवाद खड़ा हो गया था जिसके बाद अब उन्होंने इस्तीफे का एलान कर दिया। इस्तीफा देते हुए कहा कि मैं किन्नर अखाड़े की महामंडलेश्वर के पद से इस्तीफा दे रही हूं। मैं बचपन से ही साध्वी रही हूं और आगे भी रहूंगी।

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    ममता कुलकर्णी ने किन्नर अखाड़े के महामंडलेश्वर पद से इस्तीफा दे दिया। (तस्वीर जागरण)

    जागरण संवाददाता, महाकुंभनगर। फिल्मी दुनिया छोड़कर अध्यात्म की राह पकड़ने वालीं श्रीयामाई ममतानंद गिरि (पूर्व का नाम ममता कुलकर्णी) ने किन्नर अखाड़ा की महामंडलेश्वर की उपाधि छोड़ने की घोषणा कर दी है। वीडियो संदेश जारी करके बताया कि उनके महामंडलेश्वर बनने से किन्नर अखाड़ा व परी अखाड़ा की जगदगुरु हिमांगी सखी में विवाद चल रहा था।

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    उनके लोगों में मारपीट की सूचना मिलने से आहत थीं, जिसकी वजह से महामंडलेश्वर की उपाधि त्यागने का निर्णय लिया है। वहीं, किन्नर अखाड़ा ने उसे स्वीकार करने से इनकार कर दिया है।

    किन्नर अखाड़ा में बीती 24 जनवरी को ममता कुलकर्णी का महामंडलेश्वर पद पर पट्टाभिषेक हुआ था। अखाड़े की आचार्य महामंडलेश्वर डॉ. लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी ने उन्हें नया नाम श्रीयामाई ममतानंद गिरि दिया था। ममता के महामंडलेश्वर बनने का शांभवी पीठाधीश्वर स्वामी आनंद स्वरूप, हिमांगी सखी सहित कई संतों ने मुखर विरोध किया।

    कहा कि उनका अंडरवर्ल्ड से संबंध है। देशद्रोह का केस लगा है। ऐसे व्यक्ति को महामंडलेश्वर की उपाधि प्रदान करना अनुचित है। वहीं, शनिवार की रात हिमांगी सीख से मारपीट होने का मामला सामने आया। आरोप लगा कि लक्ष्मी नारायण के शिष्यों ने ममता कुलकर्णी का विरोध करने पर उन्हें पीटा है। सोमवार की दोपहर अचानक ममता ने वीडियो संदेश जारी पदवी छोड़ने की घोषणा करके सबको चौंका दिया।

    हमेशा साध्वी रहूंगी- ममतानंद गिरी 

    ममतानंद गिरि ने अपने संदेश में कहा कि मैं 25 वर्षों से साध्वी की तरह तप कर रही हूं। हमेशा साध्वी रहूंगी। श्रीचैतन्य गगन गिरि के सानिध्य में मैंने तपस्या की है। वह सिद्ध पुरुष थे। उनके आस-पास कोई धर्मगुरु नहीं हैं। सब अहंकार में डूबे हैं। एक-दूसरे से झगड़ रहे हैं। इससे मन आहत हो गया। कहा कि हिमांगी सखी के बारे में मैं कुछ नहीं कहना चाहती। ब्रह्म विद्या से उनका कोई लेना-देना नहीं है। मैं डॉ. लक्ष्मी नारायण का सम्मान करती हूं।

    करोड़ों रुपये देने की बात गलत

    ममतानंद ने कहा कि आरोप लगाया जा रहा है कि महामंडलेश्वर बनाने के लिए मैंने किन्नर अखाड़ा को पांच से 10 करोड़ रुपये दिया है। यह आरोप गलत है। महामंडलेश्वर की उपाधि संस्कार के लिए दो लाख रुपये खर्च के लिए मांगा गया था, उसे मैंने नहीं जूना अखाड़ा की महामंडलेश्वर जय अंबानंद गिरि ने दिया था।

    किन्नर अखाड़ा की आचार्य महामंडलेश्वर डॉ. लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी ने कहा कि किन्नर अखाड़ा को ममतानंद गिरि द्वारा पद छोड़ने का कोई पत्र नहीं मिला है। अगर मिलेगा भी तो उसे स्वीकार नहीं किया जाएगा। आततायियों से वह महिला डर गई है, जिसकी वजह से ऐसा निर्णय लिया है।

    हम लोगों को जोड़कर उनका कर्म व जीवन बदलने की मुहिम चला रहे हैं। जब कोई व्यक्ति सही मार्ग पर चलने की सोचता है, तब सनातन धर्म के तथाकथित ठेकेदार उसे पचा नहीं पाते। ममता अगर इस्लाम अथवा ईसाई धर्म स्वीकार कर लेती, तब सबके मुंह सिल जाते। वह महामंडलेश्वर बन गई तो अनर्गल बयानबाजी करके विवाद खड़ा कर दिया। इसी सोच के कारण सनातन धर्म का स्वरूप सिकुड़ रहा है।

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