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    MahaKumbh: रोको-रोको दादी हैं मेरी... इन शब्दों का बार बार दोहराव, बाकी आंखों से बहते रहे आंसू

    Updated: Wed, 15 Jan 2025 05:41 PM (IST)

    प्रयागराज के नागवासुकी मंदिर के पास मासूम मुस्कान अपनी दादी से बिछड़कर रोते हुए नजर आई। एएचटीयू प्रभारी ने सांत्वना देकर उसके पिता से संपर्क किया। इसी बीच मुस्कान ने अपनी दादी को देखा और दौड़कर उनसे लिपट गई। यह मिलन भावुक कर देने वाला था। पुलिस की मदद से मुस्कान और उसकी दादी सुरक्षित घर लौटे। मुस्कान की सूझबूझ की सराहना करते हुए पुलिस ने उसे उपहार भी दिए।

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    महाकुंभ में आई भीड़ को दिखाता ड्रॉन शोट - सीएमओ।

    जागरण संवाददाता, प्रयागराज। अम्मा....अम्मा......कहां अहा.....? ए मोरी अम्मा हो..... बस इतने ही शब्द थे, बार बार दोहराव था, बाकी नेत्रजल की धारा। ये शब्द नहीं विलाप था। यह वियोग था अपनों से बिछुड़ने का, दादा-दादी कहां गए ? नागवासुकी मंदिर के पास उसकी करुण पुकार, चेहरे का भाव जिसने भी देखा, सुना या पढ़ा ठिठक गया। ठीक उसी क्षण एएचटीयू प्रभारी परेड का दलबल आया।

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    बेटी क्या हुआ ? हमाय अम्मा-बाबू (दादा-दादी) नाहीं मिलत अहै.... बस इसके बाद अश्रु की बूंदों ने बाकी की पूरी पीड़ा, व्यथा कह दी। कुछ क्षण सांत्वना दी गई, साहस जगा तो उसने अपने पिता सुरेश का मोबाइल नंबर बताया। दिल्ली में हलवाई का काम करने वाले सुरेश से बात हो रही थी कि अचानक मुस्कान की आवाज गूंजी......ऊ देखा, ऊ देखा, हमाय दादी जात अहै.....। रोके रोके दादी हैं मेरी...।

    हाथ छुड़ाकर मुस्कान दौड़ी

    मार्ग पर मौजूद जितने भी लोग थे, सबकी दृष्टि सामने पड़ी। हाथ छुड़ाकर मुस्कान दौड़ी और बिलखते हुए दादी से लिपट गई। यह भेंट गंगा-यमुना की त्रिवेणी ही थी। नेत्रवारि बह चली। वहां खड़े लोगों के साथ पुलिसकर्मियों ने राहत की सांस ली। इंस्पेक्टर संजय उपाध्याय ने सुरेश को वीडियो काल किया।

    पिता वीडियो कॉल पर रो पड़े

    व्याकुल पिता ने बेटी और मां को एक साथ देखा तो वह भी रो पड़े। पिता, मुस्कान और मां सुनीता के पीड़ामय अक्षुनीर हर्ष में बदल चुके थे। दादी सुनीता ने बताया कि वह पुटिया थाना पिलुआ जिला एटा की रहने वाली हैं। पड़ोसियों के साथ वह अपनी पोती को लेकर आई थीं।

    मुस्कान दादा के पास सोई थी, अचानक उठकर बाहर आई और रास्ता भटक गई। मैं तो यहीं प्राण त्याग देती लेकिन घर न जाती। अब अथाह खुशी है, प्रयागराज महराज की कृपा है। पुलिसकर्मियों ने मोबाइल नंबर बताने पर मुस्कान की खूब सराहना की और बिस्किट चिप्स के पैकेट खरीद कर दिए। एलकेजी की छात्रा मुस्कान दादी के साथ उछलती-कूदती चली जा रही थी, पुलिस वाले बाय-बाय करते अब हंस रहे थे।

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