महाकुंभ ने बनाया महारिकॉर्ड, 45 दिन में क्या-क्या हुआ? 66 करोड़ श्रद्धालुओं ने किया पुण्य स्नान
महाशिवरात्रि पर 1.53 करोड़ श्रद्धालुओं ने संगम में डुबकी लगाई जबकि 45 दिनों में 66 करोड़ श्रद्धालु पहुंचे। सनातन संस्कृति का वैभव दुनियाभर ने देखा। प्रधानमंत्री मोदी ने 7000 करोड़ की परियोजनाओं का लोकार्पण किया। सुरक्षा के लिए 404 केस दर्ज हुए जिनमें मोबाइल चोरी के मामले अधिक रहे। 6.30 लाख मरीजों का इलाज हुआ। योगी सरकार ने भव्य महाकुंभ को ऐतिहासिक बनाया।

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13 दिसंबर को आए प्रधानमंत्री
13 जनवरी को शुभारंभ
घाट पर किया अभिषेक
हर सम्प्रदाय के संत बने साक्षी
मोदी की संकल्पना को योगी ने किया सिद्ध
45 दिन के महाकुंभ मेले में दर्ज हुए 404 केस
महाकुंभ में चोर, झपटमार और अपराधी भी सक्रिय रहे। देश-विदेश से आने वाले किसी श्रद्धालु के गले में झपट्टा मारकर सोने की चेन गायब की तो किसी का बैग और मोबाइल पार किया। अपराधियों ने कई महामंडलेश्वर और संतों को भी शिकार बनाया। साइबर अपराधियों ने भी हेलीकाप्टर और काटेज बुकिंग के नाम पर ठगी की।
मेले मारपीट और झगड़े की भी कई घटनाएं हुईं। इस तरह 45 दिन के महाकुंभ मेले में कुल 404 मुकदमे दर्ज किए हैं। इसमें सबसे ज्यादा मोबाइल चोरी का केस है। दिव्य और भव्य महाकुंभ में श्रद्धालुओं, स्नानार्थियों, कल्पवासियों और पर्यटकों की सुरक्षा, सहायता, सेवा के लिए अस्थायी रूप से 56 पुलिस थाना और 155 चौकी बनाई गई थी।
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इसके अलावा साइबर थाना और स्वाट टीम का भी गठन किया गया था। मेला क्षेत्र के सभी पुलिस थाना क्षेत्र में होने वाली घटना, दुर्घटना से संबंधित प्राथमिकी दर्ज करने के लिए केवल कोतवाली थाने में व्यवस्था की गई थी। इसी थाने में आनलाइन जीटी चलती रही। यहां दर्ज आंकड़े बता रहे हैं कि थाना के क्रियाशील होने पर पहला मुकदमा मोबाइल चोरी का लिखा गया था। इसके बाद 26 फरवरी को भी आखिरी एफआइआर भी मोबाइल चोरी की रही।
गंभीर मरीजों के लिए अस्पतालों में 'देवदूत' बने डाक्टर
केंद्रीय, उप केंद्रीय और सेक्टर अस्पतालों में जनवरी 2025 के पहले सप्ताह से महाशिवरात्रि तक छह लाख 30 हजार 864 मरीजों का इलाज किया गया, जबकि संदर्भित (रेफर) केवल 2422 किए गए। ओपीडी से लेकर माइनर और बड़े आपरेशन तक इन्हीं टेंट में बने अस्पतालों में हुए। केंद्रीय अस्पताल में 87601 मरीजों को चिकित्सा परामर्श दिया गया, 4888 मरीज भर्ती किए गए और 18 बच्चों के जन्म हुए। दो बच्चों के जन्म सेक्टर अस्पतालों में हुए थे।
- 704 लोगों का केंद्रीय अस्पताल के आइसीयू में हुआ इलाज।
- 03 गंभीर मरीजों को एयर एंबुलेंस से भेजा दिल्ली।
- 339 की जान हृदयाघात होने पर बचाई गई।
- 57 की जान ब्रेन स्ट्रोक की स्थिति में बचाई गई।
- 34 की जान सीपीआर देकर बचा ली गई।
- 125 एंबुलेंस की सेवाएं 24 घंटे जारी रहीं।
400 डाक्टरों की रही तैनाती
लगभग 400 डाक्टरों, 182 नर्सिंग स्टाफ, 150 वार्ड ब्वाय, 354 फार्मासिस्ट और 60 लैब टेक्नीशियन की तैनाती की गई थी। अस्पतालों में तीन पालियों में स्वास्थ्य कर्मियों की तैनाती की गई और 40 विशेषज्ञ डाक्टरों को लगाया गया था।
45 दिनों में 66 करोड़ श्रद्धालुओं के पहुंचने का महारिकार्ड
आध्यात्मिकता की नई ऊंचाइयों को छुने के साथ महाकुंभ ने भव्यता और दिव्यता के मामले में दुनियाभर में अनूठा उदाहरण प्रस्तुत किया। योगी सरकार ने प्रयागराज का कायाकल्प कराया। आम से लेकर खास तक, हर किसी ने इस पवित्र अवसर पर अपनी आस्था को साकार किया।

13 जनवरी को पौष पूर्णिमा पर 1.70 करोड़, 14 जनवरी मकर संक्रांति पर 3.50 करोड़, 29 जनवरी मौनी अमावस्या को 7.64 करोड़, 3 फरवरी बसंत पंचमी को 2.57 करोड़, 12 फरवरी माघ पूर्णिमा को 2.04 करोड़ और 26 फरवरी महाशिवरात्रि को 1.53 करोड़ से ज्यादा श्रद्धालु रिकार्ड किए गए।
15 फरवरी से 26 फरवरी तक एक भी दिन ऐसा नहीं रहा, जब संख्या एक करोड़ से कम रही हो। यहां पर 45 दिनों में 66 करोड़ से अधिक श्रद्धालु पहुंचे, जो अपने आप में सबसे बड़ा इतिहास बन गया है। भारत और चीन की जनसंख्या ही इससे ज्यादा है। अब तक दुनिया में किसी भी धार्मिक, सांस्कृतिक या अन्य आयोजनों में इतनी भीड़ नहीं जुटी है।

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