IIT बाबा से लेकर मोनालिसा तक... किसी को मिली फिल्म तो कोई पहुंचा टीवी शो, महाकुंभ से फेमस हुए ये चेहरे
अंतिम स्नान पर्व पर 1.53 करोड़ लोगों ने डुबकी लगाई और इसी के साथ महाकुंभ का समापन हो गया। महाकुंभ में सोशल मीडिया ने भी कमाल किया। हर्षा रिछारिया आईआईटीयन बाबा मोनालिसा आकाश यादव चाय वाला चिमटे वाले बाबा जैसे दर्जनों लोग हैं जो चर्चा का विषय बने। यूट्यूबर को गलत सवाल पर कूंटते चिमटा बाबा कई दिनों तक टाप ट्रेंड में रहे।

अमरीश मनीष शुक्ल, महाकुंभ नगर। महाकुंभ में सोशल मीडिया ने भी कमाल किया। हर्षा रिछारिया, आईआईटीयन बाबा, मोनालिसा, आकाश यादव, चाय वाला, चिमटे वाले बाबा जैसे दर्जनों लोग हैं, जो चर्चा का विषय बने।
यूट्यूबर को गलत सवाल पर कूंटते चिमटा बाबा कई दिनों तक टाप ट्रेंड में रहे। साध्वी के रूप में हर्षा रिछारिया छायी रहीं। मोनालिसा महाकुंभ में रुद्राक्ष की माला बेचने आई थी। अब वह बॉलीवुड पहुंच चुकी हैं और फिल्म मणिपुर डायरी की शूटिंग कर रही हैं।
आईआईटियन बाबा सोशल मीडिया पर छाए
आईआईटियन बाबा भी अपनी बातों से लोगों को उलझाकर सोशल मीडिया पर छाए रहे। प्रेमिका की सलाह पर दातून बेचने आए आकाश यादव को इतनी प्रसिद्धि मिली की वह मुंबई में टीवी शो तक में बुला लिए गए।
फायर अधिकारी और शिक्षिका के रूप में 37 साल पुराने दोस्तों की भेंट का वायरल वीडियो शायद ही ऐसा कोई होगा, जिसने नहीं देखा होगा। कांटे वाले बाबा की मार्मिक कहानी, अनाज बाबा के सिर पर हरी भरी फसल, संगम तट पर माथे पर चंदन लगाकर लखपति बनने की स्कीम, चना बेचकर लखपति बने युवक के वीडियो अब जाने कितने वर्षों तक देखे, सुने जाएंगे, उन पर चर्चा होती रहेगी।
महाकुंभ में आकर्षण का केंद्र रही ओडीओपी की प्रदर्शनी
पवित्र त्रिवेणी के तट पर 13 जनवरी से शुरू हुए दिव्य, भव्य महाकुंभ का 45 दिन बाद बुधवार को महाशिवरात्रि के स्नान के साथ समापन हो गया। ओडीओपी की लगाई गई प्रदर्शनी देश-विदेश से आए श्रद्धालुओं ने भ्रमण किया। प्रदर्शनी में बागपत की चादर, हाथरस की हींग और अलीगढ़ में बने पीतल के सामान आकर्षण का केंद्र रहे। उपायुक्त उद्योग शरद टंडन ने बताया कि 45 दिन में लाखों लोग प्रदर्शनी का भ्रमण करने चुके हैं। करोड़ों रुपये की बिक्री हुई। प्रदर्शनी में लगाए गए उत्पादों की गुणवत्ता को सराहा। खरीदारों को उपहार दिए गए। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने भी प्रदर्शनी का भ्रमण किया और उद्यमियों का हौसला बढ़ाया।
परंपरागत और आधुनिक ढंग 55 सौ खोई हुई महिलाओं को मिलाया
विश्वप्रसिद्ध महाकुंभ में परंपरागत और आधुनिक ढंग से खोई हुई 5500 महिलाओं और कई बच्चों को उनके स्वजन से मिलवाया गया। रणजीत पंडित शिक्षा समिति और हेमवती नंदन बहुगुणा स्मृति समिति की ओर से भूले-भटके शिविर को लगाया गया था। यहां प्रतिदिन बड़ी संख्या में मेला क्षेत्र में अपनों से बिछड़ने वाली महिलाओं और बच्चों को उनके घरवालों से मिलाया जाता रहा।
त्रिवेणी मार्ग पर इस शिविर की शुरुआत वर्ष 1954 में इंदिरा गांधी, मृदुला साराभाई (विक्रम साराभाई की माता) और कमला बहुगुणा द्वारा की गई थी। तब से यह शिविर लगातार कुंभ और अर्धकुंभ में महत्वपूर्ण सेवा प्रदान करता आ रहा है। अब इसका संचालन बहुगुणा परिवार द्वारा निजी संसाधनों से किया जाता है। शिविर के प्रबंधक संत प्रसाद पांडेय का कहना है कि 10 जनवरी से 15 फरवरी 2025 के बीच लगभग 5500 महिलाओं एवं दो दर्जन बच्चों को उनके परिजनों से मिलाया गया।
पुलिस व स्वयं सेवकों द्वारा लाई गई महिलाओं और बच्चों के हुलिया, नाम व जनपद का लाउडस्पीकर पर लगातार घोषणा सुनकर शिविर में परिजन आते और अपनों को ले जाते। इस बार छह वर्षीय बाबुल अपने घरवालों से नहीं मिल सका, जिसे चाइल्ड लाइन के माध्यम से बाल संरक्षण गृह में रखा गया है। संस्था द्वारा शिविर में लाए गये सभी बच्चे और महिलाओं को निरंतर भोजन, दवाएं एवं अन्य सुविधाएं प्रदान की गई। इसके साथ ही संस्था द्वारा 15 दिनों तक भंडारा भी चलाया गया।
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