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    Maha Kumbh 2025: ग्रह नक्षत्रों का दोष मिटाने को राशियों के नाम पर बनाए गए अनाेखे शिविर, बनाई गई है 47 कुटिया

    Maha Kumbh Mela 2025 में गंगा महासभा के शिविर राशियों और ग्रहों के नाम पर हैं। इन शिविरों का उद्देश्य लोगों को राशियों और ग्रहों के बारे में जागरूक करना है। शिविरों में रहने वाले कल्पवासियों और संतों पर ग्रहों और राशियों की स्थिति के अनुसार सकारात्मक असर पड़ता है। इसमें भीतर प्रवेश करने के बाद तिरपाल की 47 कुटिया बनी हैं।

    By amardeep bhatt Edited By: Vivek Shukla Updated: Sat, 01 Feb 2025 04:54 PM (IST)
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    Maha Kumbh 2025: महाकुंभ 2025: ग्रह-नक्षत्रों के नाम पर बना शिविर। जागरण

    जागरण संवाददाता, महाकुंभ नगर। Maha Kumbh Mela 2025: ज्योतिषीय गणना में 12 राशियों और नवग्रहों की स्थितियों को मूल आधार बनाया जाता है। इनका जनजीवन पर असर पड़ता है। संगम तट पर लगे महाकुंभ में गंगा महासभा का शिविर इस मामले में अनोखा है।

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    इस संस्था ने अपने यहां जितने भी शिविर लगवाए हैं वह सब राशियों और ग्रहाें के नाम से हैं। जैसे कुंभ कुटी, वृश्चिक कुटी, तुला कुटी, मेष कुटी आदि। इसके पीछे कल्पना है कि राशियां और ग्रह सभी की स्मृतियों में रहे, यदि किसी पर ग्रह नक्षत्रों का दोष है तो उनकी दशा ठीक हो जाए।

    गंगा महासभा के संतों ने झूंसी में अपना अस्थाई प्रवास किया है। इसमें भीतर प्रवेश करने के बाद तिरपाल की 47 कुटिया बनी हैं। इनके अलग-अलग नाम हैं।

    Maha Kumbh Mela 2025 के सेक्टर 20 में भ्रमण करते श्रद्धालु।-गिरीश श्रीवास्तव


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    मेष, वृष, मिथुन, कर्क, सिंह, कन्या, तुला, वृश्चिक, धनु, मकर, कुंभ, मीन। इनके अलावा चारों वेद के नाम पर कुटिया, ग्रह नक्षत्रों में दिवाकर, शशि, मंगल, बुध, बृहस्पति, भार्गव, शनैश्चर, सैंहिकेय, ऋग, यजु, साम, अथर्व, अरुण, गरुण, भागीरथी, गंगोत्री, यमुनोत्री, त्रिवेणी, प्रयाग, मन्यु, मनु, मनिहस, महान, शिव, ऋतध्वज, उग्ररेता, भव, काल, श्री अखिलानंद गुरुकुलम, वामदेव और धूतव्रत के नाम से कुटिया बनी हैं।

    न्यायमूर्ति गिरिधर मालवीय के नाम पर बनाया सभागार

    पूर्व न्यायमूर्ति स्व. गिरिधर मालवीय जन-जन के प्रिय थे। गंगा महासभा के महामंत्री महामंडलेश्वर स्वामी जीतेंद्रानंद सरस्वती से उनका विशेष लगाव था। इस नाते शिविर में गिरिधर मालवीय के नाम को भी बड़ा स्थान दिया गया है। उनके नाम पर सभागार बनाया गया है जिसमें बैठकर संत किसी विषय पर मंत्रणा करते हैं।

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    नैमिषारण्य कुटिया में होती है बैठक

    शिविर में नैमिषारण्य के नाम पर एक कुटिया बनी है। नैमिषारण्य सीतापुर जिले में गोमती नदी किनारे बसा हिंदुओं का प्रमुख तीर्थ स्थल है। इस कुटिया में संत बैठक करके धार्मिक और समसामयिक दृष्टिकोण पर विचार विमर्श करते हैं। शिविर में ही संत प्रसाद के नाम से कुटिया है जहां भोजन भंडारा होता है।

    राशियों और ग्रहों के नाम पर शिविर लगवाने का प्रमुख उद्देश्य इनके बारे में जागरूक करना है। राशियों के नाम पर बने शिविरों में इनसे संबंधित लोगों के रहने की कोई बाध्यता या सोच नहीं है। इतना जरूर है कि शिविरों में जो भी कल्पवासी या संत रह रहे हैं उन पर ग्रहों और राशियों की स्थिति के अनुसार सकारात्मक असर पड़े, गंगा महासभा की यह कामना है। -गोविंद शर्मा, राष्ट्रीय महासचिव, गंगा महासभा