महाकुंभ 2025 ने रेलवे को कर दिया मालामाल! अकेले प्रयागराज में रिकॉर्ड तोड़ टिकट बिके; स्पेशल ट्रेनों से भी हुई कमाई
Maha Kumbh 2025 Railwaysछ महाकुंभ 2025 के दौरान प्रयागराज में रेलवे ने टिकट बिक्री का कीर्तिमान बनाया। प्रयागराज जिले के नौ रेलवे स्टेशनों से कुल 186.99 करोड़ के टिकट बिके। उत्तर मध्य रेलवे के चार स्टेशनों से 159.20 करोड़ उत्तर रेलवे लखनऊ मंडल के तीन स्टेशनों से 21.79 करोड़ और पूर्वोत्तर रेलवे वाराणसी मंडल के दो स्टेशनों से छह करोड़ के टिकट बिके।

जागरण संवाददाता, प्रयागराज। महाकुंभ के दौरान जब प्रयागराज के आठ रेलवे स्टेशनों पर भीड़ उमड़ी तो सिर्फ ट्रेनों और यात्रियों के आवागमन के साथ ही रेलवे ने टिकट बेचने का भी कीर्तिमान बना दिया। टिकट बिक्री की जगह भीड़ प्रबंधन भले ही प्राथमिकता रही, लेकिन यह पर्व रेलवे के आर्थिक दृष्टिकोण से काफी लाभकारी रहा। महाकुंभ अवधि में प्रयागराज जिले में तीन जोन के नौ रेलवे स्टेशनों से कुल 186.99 करोड़ के टिकट बिके।
महाकुंभ में उत्तर मध्य रेलवे के चार स्टेशन प्रयागराज जंक्शन, सूबेदारगंज, नैनी और छिवकी में 11 जनवरी से 28 फरवरी तक 159.20 करोड़ के टिकट बिके, जबकि अर्धकुंभ 2019 में 86.65 करोड़ रुपये के टिकट ही बिके थे। वहीं, उत्तर रेलवे लखनऊ मंडल के फाफामऊ, प्रयाग, संगम स्टेशन से 21.79 करोड़ के टिकट बेचे गए। वहीं, पूर्वोत्तर रेलवे के वाराणसी मंडल के रामबाग, झूंसी रेलवे स्टेशन से छह करोड़ के टिकट बिके।
रेलवे की टिकट बिक्री में अनारक्षित टिकटिंग सिस्टम (यूटीएस), स्वचालित टिकट वेंडिंग मशीन (एटीवीएम), पैसेंजर रिजर्वेशन सिस्टम (पीआरएस) काउंटर के अलावा सबसे बड़ी भूमिका मोबाइल अनारक्षित टिकटिंग सिस्टम (एमयूटीएस) ने निभाई।
जनवरी माह में पूरे प्रयागराज मंडल की कुल कमाई 306.06 करोड़ रुपये हुई है, जबकि लखनऊ मंडल ने कुल 358.07 करोड़ रुपये की कमाई की। कुल कमाई में यात्रियों के किराये के अलावा विज्ञापन, गुड्स, कैटरिंग, पार्किंग व अन्य यात्री सुविधाओं को भी शामिल किया गया है।
पूर्वोत्तर रेलवे वाराणसी मंडल के पीआरओ अशोक कुमार ने कहा कि टिकटिंग के विशेष इंतजाम इस दिशा में अहम रहे।
दोगुनी चली महाकुंभ विशेष ट्रेन
रेलवे ने तीन हजार महाकुंभ विशेष ट्रेनों के संचालन की योजना बनाई थी, लेकिन भीड़ का दबाव बढ़ा तो सात हजार से अधिक ट्रेनें चलाई गईं। प्रयागराज जंक्शन, सूबेदारगंज, नैनी, छिवकी, रामबाग, झूंसी, फाफामऊ व प्रयागराज संगम (महाकुंभ में कुछ दिन ही संचालन हुआ) से इन ट्रेनों का संचालन हुआ।
इनमें 4,540 विशेष ट्रेनें प्रयागराज से श्रद्धालुओं को लेकर रवाना हुईं और टिकट की बिक्री में इनमें बैठने वाले यात्रियों ने सबसे बड़ी भूमिका निभाई। इसके अलावा यहां 9,543 दैनिक ट्रेनों का संचालन हुआ और 415 रिंग रेल चलाई गईं। महाकुंभ की अवधि में 16,870 कुल ट्रेनों का संचालन किया गया।
संगम क्षेत्र में 1.65 लाख यात्रियों ने खरीदे टिकट
टिकट खरीदने में संगम क्षेत्र भी खूब आगे रहा। यहां त्रिवेणी रोड और किला रोड पर सात यूटीएस, चार एटीवीएम और दो पीआरएस काउंटर बनाए गए थे। यहां 1.65 लाख श्रद्धालुओं ने 3.11 करोड़ का टिकट खरीदा। वहीं 4.41 लाख यात्रियों को ट्रेन के अंदर टीटीई द्वारा एमयूटीएस से 6.03 करोड़ का टिकट दिया गया।
टिकट नहीं बल्कि भीड़ प्रबंधन और यात्री सुविधाएं देना हमारा प्रमुख उद्देश्य था। एसी प्रतीक्षालय, बाटल क्रसर मशीन, यात्री सुविधा केंद्र, बेबी फीडिंग पाड, गेमिंग जोन और यूटीएस काउंटर की संख्या बढ़ाई गई ताकि यात्रियों को महाकुंभ के दौरान सुगम आवागमन मिल सके।
-हिमांशु शुक्ल, सीनियर डीसीएम प्रयागराज मंडल
महाकुंभ के दौरान हर स्टेशन पर विशेष सुविधा दी गई। प्रयागराज के अलावा भी कई स्टेशनों से महाकुंभ के टिकट अधिक संख्या में खरीदे गए। इसमें लखनऊ से 71.77 करोड़, वाराणसी जंक्शन से 110.40 करोड़, अयोध्या कैंट से 20.36 करोड़, अयोध्या जंक्शन से 23.83 करोड़ रुपये की टिकट बिक्री हुई। फाफामऊ, संगम और प्रयाग का भी आंकड़ा जोड़ दें तो 247.71 करोड़ रुपये की टिकट बिक्री हुई।
-कुलदीप तिवारी, सीनियर डीसीएम, लखनऊ मंडल
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