Maha Kumbh 2025 से भरेगा सरकार का खजाना, आस्था के साथ अर्थव्यवस्था का भी होगा समागम
Maha Kumbh 2025 न केवल आध्यात्मिक चेतना का केंद्र है बल्कि यह सरकार के खजाने को भी भरने वाला है। अनुमान है कि इस आयोजन से लगभग दो लाख करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त होगा। रोडवेज रेलवे उड्डयन संचार पर्यटन जैसे प्रमुख विभागों को इससे खासी आमदनी होने जा रही है। इसके अलावा प्राइवेट सेक्टर से होने वाली आय से भी भारी मात्रा में टैक्स प्राप्त होगा।
जागरण संवाददाता, महाकुंभ नगर। महाकुंभ (Maha Kumbh 2025) आध्यात्मिक चेतना का केंद्र ही नहीं खजाना भी है। सरकार को इससे लगभग दो लाख करोड़ रुपये के राजस्व प्राप्त करने का अनुमान है। महाकुंभ मेला से जुड़ी व्यावसायिक गतिविधियों से यह आय होगी। इसमें रोडवेज, रेलवे, उड्डयन, संचार, पर्यटन प्रमुख विभाग हैं जिन्हें खासी आमदनी होने जा रही है।
इसके अलावा प्राइवेट सेक्टर से होने वाली आय से टैक्स भी भारी मात्रा मिलने जा रहा है। मुख्यमंत्री ने ऐसे ही नहीं आस्था के साथ अर्थव्यवस्था का समागम की जिक्र नहीं किया, यह मेला अर्थव्यवस्था बढ़ाने का बढ़ा केंद्र साबित होने जा रहा है। महाकुंभ 13 जनवरी से 26 फरवरी तक चलेगा।
दुनिया के सबसे बड़े धार्मिक जनसमागम के आयोजन के लिए केंद्र और प्रदेश सरकार की ओर से लगभग 34 हजार करोड़ रुपये निवेश किए गए हैं। प्रयागराज मेला प्राधिकरण में आबद्ध एजेंसी के अनुमान के अनुसार 10 से 12 करोड़ से ज्यादा श्रद्धालु रेलवे से तो चार से पांच करोड़ के करीब श्रद्धालु रोडवेज बसों से आएंगे।
Maha Kumbh Mela 2025 में पीपा पुल से गुजरते श्रद्धालुओं के वाहन।-जागरण
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इससे रेलवे में तथा स्टेशनों, रोडवेज बसों से लेकर बस अड़्डों तथा एयरलाइनों और हवाई अड्डों से लगभग दो लाख लोगों को रोजगार मिलने जा रहा है। टूर आपरेटरों को 45,000 के आसपास रोजगार मिल रहा है। अनुमानित रिपोर्ट के अनुसार टूर व ट्रैवेल सेक्टर में रोजगार की संख्या 85,000 हो सकती है।
Maha Kumbh Mela 2025 नगर सेक्टर 6 से गुजरते श्रद्धालुओं के वाहन।-जागरण
असंगठित क्षेत्र में लगभग एक लाख नई नौकरियां मिल चुकी हैं, जिनमें टूर गाइड, टैक्सी ड्राइवर, दुभाषिये, स्वयंसेवक, नाविक आदि शामिल हैं। महाकुंभ से प्रयागराज मेला प्राधिकरण की भी तिजोरी भरेगी। प्राधिकरण को लगभग 2000 करोड़ रुपये की आय होगी।
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विज्ञापन से 30 करोड़, पार्किंग स्थलों से 55 करोड़, यात्री निवासों से 30 करोड़, कामर्शियल प्लाटों की बिक्री से लगभग 100, दुकानों से 60 करोड़ रुपये की आय हो रही है। इसके अलावा विभिन्न होटल कंपनियों, रेस्टोरेंट, वेंडिंग जोन, प्रदर्शनियों में होने वाले उत्पादों की बिक्री से भी 250 करोड़ रुपये आय की उम्मीद है।
निजी सेक्टर में छोटे से लेकर बड़े स्तर पर कारोबार चढ़ा है। टेंट कंपनियां लगभग तीन हजार करोड़ रुपये का व्यवसाय करने जा रही हैं। सब्जी, खाद्यान्न से लेकर कपड़ा तक का व्यवसाय चढ़ गया है। वाहनों की भी खासी बिक्री हुई है। लग्जरी कारें भी खूब खरीदी गई हैं।
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