महाकुंभ में पुनर्मिलन का भी संगम, अपनों से मिलाए गए मेले में बिछड़े हुए 20 हजार से ज्यादा श्रद्धालु
महाकुंभ में अपनों से बिछड़ने वालों के पुनर्मिलन का भी संगम है। इसमें सबसे ज्यादा मददगार डिजिटल खोया-पाया केंद्र बना हुआ है। इस केंद्र के माध्यम से अब ...और पढ़ें

जागरण संवाददाता, महाकुंभ नगर। महाकुंभ में अपनों से बिछड़ने वालों के पुनर्मिलन का भी संगम है। इसमें सबसे ज्यादा मददगार डिजिटल खोया-पाया केंद्र बना हुआ है। इस केंद्र के माध्यम से अब तक 20 हजार से अधिक खोये हुए श्रद्धालुओं को उनके घरवालों से मिलाया गया है।
मौनी अमावस्या पर सर्वाधिक 8725 लोग गुम हुए थे, जो बाद में अपनों से मिलकर बेहद खुश हुए। यह क्रम अभी भी निरंतर जारी है। बताया जा रहा है कि मेले में बिछड़े हुए 20 हजार से अधिक लोगों को उनके परिवार से मिलाया गया। इनमें बड़ी संख्या महिलाओं की रही।
डिजिटल खोया-पाया केंद्रों ने खोए हुए को परिवार से मिलाया
पुलिस द्वारा देश के विभिन्न राज्यों और नेपाल से आए श्रद्धालुओं का उनके परिवारों से सफलतापूर्वक पुनर्मिलन करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई गई। अमृत स्नान पर्व मौनी अमावस्या के दौरान भीड़ का प्रबंधन करते हुए डिजिटल खोया-पाया केंद्रों ने खोये हुए सभी 8725 लोगों को उनके परिजनों के सुपुर्द कर दिया है।

इसी प्रकार मकर संक्रांति पर 598 श्रद्धालु और वसंत पंचमी पर 813 श्रद्धालुओं को डिजिटल खोया-पाया केंद्र की मदद से उनके परिवारों से मिलवाया गया। इसके अलावा अन्य स्नान पर्वों और सामान्य दिनों में खोए हुए 10 हजार से अधिक लोगों का भी उनके परिवारों के साथ पुनर्मिलन कराया गया।
मुख्यमंत्री के निर्देशों का हुआ सख्ती से पालन
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सात दिसंबर 2024 को डिजिटल प्रणाली के जरिए खोया-पाया केंद्रों का शुभारंभ किया था। पुलिस और मेला प्राधिकरण को स्पष्ट निर्देश दिए गए थे कि किसी भी श्रद्धालु को परेशानी न हो। इसी के तहत 10 डिजिटल खोया-पाया केंद्र स्थापित किए गए, जो संगम, झूसी, अरैल, फाफामऊ, कई सेक्टर और प्रयागराज जंक्शन रेलवे स्टेशन के पास स्थित हैं।
एआइ का हो रहा इस्तेमाल
यहां एआइ आधारित चेहरा पहचान प्रणाली, मशीन लर्निंग और बहुभाषीय समर्थन जैसी अत्याधुनिक सुविधाएं प्रदान की गई हैं। इससे मेला क्षेत्र में बिछड़े हुए श्रद्धालुओं को तेजी से उनके परिवारों से मिलाया जा सका है।
जरूरतमंद को दी जा रही आवश्यक सुविधाएं
सभी केंद्रों पर प्रतीक्षा कक्ष, चिकित्सा कक्ष, शौचालय और अन्य आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध कराई गईं, ताकि पुनर्मिलन प्रक्रिया के दौरान किसी भी व्यक्ति को असुविधा न हो। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट कर दिया था कि महाकुंभ केवल एक धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि सेवा और सुशासन का भी प्रतीक बने। इसी के तहत डिजिटल खोया-पाया केंद्रों की स्थापना की गई है।
अगर आपको भी किसी भी प्रकार की सहायता की जरूरत है तो श्रद्धालु नजदीकी डिजिटल खोया-पाया केंद्र से संपर्क कर सकते हैं या आधिकारिक हेल्पलाइन 1920 पर कॉल कर सकते हैं।
यह भी पढ़ें: गलियां ब्लॉक, हर तरफ से हॉर्न की आवाज... ऐसा लगा मौनी अमावस्या वाली भीड़ आ गई; महाकुंभ में जाम से जूझे श्रद्धालु
यह भी पढ़ें: 'महाकुंभ में भीड़ इतनी लेकिन बैड टच जीरो', UP पुलिस के पॉडकास्ट में नीना गुप्ता-संजय मिश्रा ने की CM योगी की तारीफ

कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।