प्रयागराज में झूंसी के HRI में फिर दिखा तेंदुआ, सुरक्षाकर्मियों के उड़े होश, 3 दिनों से रात में कर रहा चहल-कदमी
प्रयागराज के झूंसी स्थित हरीश चंद्र अनुसंधान संस्थान में तेंदुआ फिर दिखा, जिससे सुरक्षाकर्मी दहशत में हैं। लगातार तीसरे दिन हुई इस घटना के बाद संस्थान में सुरक्षा बढ़ा दी गई है। कर्मचारियों को जंगल की तरफ न जाने की हिदायत दी गई है और शोधार्थियों के शाम के बाद निकलने पर रोक लगा दी गई है। वन विभाग जल्द ही इलाके में कैमरे लगाएगा।

प्रयागराज के झूंसी स्थित एचआरआइ में सुरक्षाकर्मियों का तेंदुआ से फिर आमना-सामना हुआ। प्रतीकात्मक फोटो
संसू, झूंसी (प्रयागराज)। शहर से सटे झूंसी स्थित छतनाग के हरीश चंद्र रिसर्च इंस्टीट्यूट (HRI) में लगातार तीसरे दिन सुरक्षाकर्मियों का तेंदुआ से सामना हुआ। वह करीब 15 फीट की दूरी तक आ गया था। कर्मियों के तो होश ही उड़ गए। गनीमत यह रही कि बिना हमला किए वापस चला गया। इसके बाद कर्मचारियों ने मदद के लिए गुहार लगाई। दूसरे कर्मचारियों ने आकर उन्हें संभाला। संस्थान में तेंदुआ दिखने से झूंसी इलाके में भी दहशत का माहौल है।
संस्थान की रात में कर रहे थे निगरानी
यह घटना क्रम रात करीब दो बजे का है। एचआरआइ में तैनात सुरक्षाकर्मी अमरनाथ यादव व दिनेश द्विवेदी परिसर में गैराज के पास बैठकर निगरानी कर रहे थे। सुरक्षाकर्मी दिनेश ने बताया कि आसपास सड़कों पर लगी स्ट्रीट लाइटें जल रहीं थीं। जहां पर वह लोग बैठे थे, वहां भी पर्याप्त रोशनी थी।
सुरक्षाकर्मियों से मात्र 15 फीट दूरी पर था तेंदुआ
इसी बीच झाड़ियों से निकलकर तेंदुआ उनके सामने आ गया। लगभग 15 फीट की दूरी पर आकर बैठ गया। उसे देख हाथ पैर कांपने लगे। दिनेश के मुताबिक अमरनाथ के पास बंदूक थी। इसके अलावा एहतियात के लिए तेज आवाज वाले पटाखे दिए गए थे। एक पटाखा रात 12 बजे दगा दिया था। दूसरा रखा था। तेंदुआ को देख न बंदूक की तरफ ध्यान गया और न पटाखों की तरफ।
फिर छलांग लगाकर झाड़ियों में छिप गया तेंदुआ
कुछ पल बाद तेंदुआ खुद मुड़कर जाने लगा। इसके बाद कुछ हिम्मत आई और शोर मचाना शुरू किया। फिर तेंदुआ छलांग लगाते हुए जंगल की झाड़ियों में जाकर छिप गया। सूचना मिलने पर सिक्योरिटी इंचार्ज अजय प्रताप सिंह व अन्य सुरक्षाकर्मी आ गए। दोनों का हौसला बंधाया और संभाला। इसके बाद सुरक्षा की दृष्टि से एक अन्य कर्मचारी को उनके साथ लगा दिया।
जंगल या झाड़ियों की तरफ जाने से मनाही
सभी सुरक्षाकर्मियों को सख्त हिदायत दी गई है कि कोई भी जंगल या झाड़ियों की तरफ नहीं जाए। शुक्रवार-शनिवार की मध्य रात्रि के बाद यहां पर तेंदुआ का सुरक्षाकर्मियों से तीसरी बार आमना-सामना हुआ है। इससे संस्थान में दहशत का माहौल कायम है।
शाम के बाद शहर की सैर पर लगी रोक
एचआरआइ में अधिकारियों और कर्मचारियों के अलावा तमाम शोधार्थी भी रहते हैं। अक्सर, यहां रहने वाले शोधार्थी शाम को खाना खाने के बाद घूमने के लिए शहर के सिविल लाइंस आते हैं। फिर, देर-सबेर वापस संस्थान पहुंचते थे। अब तेंदुआ के खतरे को देखते हुए एहतियातन अब इन सभी के रात में आवासों से निकलने पर रोक लगा दी गई है।
वन विभाग लगाएगा कैमरे
एचआरआइ का परिसर लगभग 200 हेक्टेयर में फैला हुआ है। इसमें आवासीय, कार्यालय और शैक्षणिक भवनों को छोड़कर एक बड़ा हिस्सा जंगल का भी है। संस्थान की ओर से भवनों के आस-पास सुरक्षा के नजरिए से सीसीटीवी कैमरे लगवाए हैं, लेकिन जंगल की तरफ इसका कोई इंतजाम नहीं है। डीएफओ अरविंद कुमार ने बताया कि वन विभाग की ओर से एचआरआइ के जंगल वाले इलाके में नाइट व्हीजन कैमरे लगवाए जाऐगे।
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