Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Khelo India University Games खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स प्रयागराज की नंदनी ने कयाकिंग में रचा इतिहास, जीता तीसरा पदक

    By Jagran News Edited By: Brijesh Srivastava
    Updated: Thu, 04 Dec 2025 01:02 PM (IST)

    प्रयागराज की नंदनी बंसल ने खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स में कयाकिंग में तीसरा रजत पदक जीता। पंजाब यूनिवर्सिटी का प्रतिनिधित्व करते हुए, उन्होंने के फ ...और पढ़ें

    Hero Image

    Khelo India University Games प्रयागराज की नंदनी ने जीता तीसरा पदक, कयाकिंग के फोर 500 मीटर में भी सिल्वर मेडल अपने नाम किया, अन्य विजेताओं संग।

    जागरण संवाददाता, प्रयागराज। Khelo India University Games झुग्गी की बेटी नंदनी बंसल रुकने का नाम ही नहीं ले रही। राजस्थान के उदयपुर में चल रहे खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स 2025 में पंजाब यूनिवर्सिटी की ओर से खेलते हुए नंदनी ने आज गुरुवार को लगातार तीसरा सिल्वर मेडल अपने नाम कर लिया। इस बार कयाकिंग के चार 500 मीटर इवेंट में उसने शानदार प्रदर्शन करते हुए सिल्वर मेडल जीता।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    दो दिसंबर को नंदिनी ने दो सिल्वर मेडल जीता था

    Khelo India University Games इससे पहले दो दिसंबर को ही नंदनी ने दो रजत पदक जीते थे। के टू 1000 मीटर में सिल्वर, के फोर 1000 मीटर में सिल्वर पदक जीता और अब के फोर 500 मीटर में तीसरा सिल्वर। तीन दिन, तीन इवेंट, तीन रजत पदक। नंदनी ने साबित कर दिया कि अगर हौसला बुलंद हो तो पानी की लहरें भी रास्ता देती हैं।

    प्रयागराज में झुग्गी-झोपड़ी में रहने वाली नंदिनी का कारनामा 

    Khelo India University Games प्रयागराज के चुंगी परेड की उस छोटी-सी झुग्गी में रहने वाली नंदनी के लिए ये पदक सिर्फ़ मेडल नहीं, सपनों की उड़ान हैं। पिता कबाड़ बीनते हैं और रिक्शा चलाते हैं, मां दूसरों के घरों में बर्तन मांजती हैं। पांच बहनों में दूसरी नंदनी ने कई रातें भूखे पेट गुजारी हैं। लेकिन तीन साल पहले जब ‘शुरुआत शिक्षा की’ संस्था ने उसका हाथ थामा, तो किस्मत ने पलटी मारी।

    ‘शुरुआत शिक्षा की’ संस्था ने किया प्रमोट 

    Khelo India University Games ‘शुरुआत शिक्षा की’ संस्था ने नंदनी का दाखिला प्रयागराज बोट क्लब में कराया। दो साल यहीं ट्रेनिंग ली। फिर पिछले छह महीने से भोपाल में राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ियों के साथ दिन के आठ-दस घंटे पानी पर पसीना बहा रही है। हर महीने संस्था उसकी डाइट पर दस हजार रुपये खर्च कर रही है, ताकि ताकत में कोई कमी न रहे। बारहवीं के बाद पंजाब यूनिवर्सिटी में दाखिला दिलाया गया, जहां वो खेल के साथ-साथ ग्रैजुएशन भी कर रही है।

    फोन पर बोलीं नंदिनी- ओलंपिक में गोल्ड लाना है

    नंदनी की तीसरा सिल्वर मेडल देखकर पूरा प्रयागराज गदगद है। उनकी मां की आंखें नम हैं, पिता का सीना गर्व से चौड़ा हो गया है। नंदनी ने फोन पर बस इतना कहा, मैं अभी रुकी नहीं हूँ। अभी तो बस शुरुआत है। ओलंपिक में गोल्ड लाना है, अपनी बस्ती का और हिंदुस्तान का नाम रोशन करना है।”

    क्या कहते हैं संस्था के अभिषेक

    शुरुआत संस्था के संस्थापक अभिषेक शुक्ला ने बताया कि तीन रजत पदक। तीन कहानियां। एक ही संदेश – गरीबी दीवार नहीं, सीढ़ी बन सकती है, अगर कोई सही हाथ थाम ले। नंदनी बंसल वो नाम है जो आने वाले दिनों में बहुत ऊंचा गूंजेगा। उसने सिर्फ पानी पर चप्पू नहीं चलाया, लाखों सपनों को हवा दी है। 

    यह भी पढ़ें- झुग्गी में रहने वाले परिवार की बेटी ने जीता सिल्वर मेडल, 'खेलो इंडिया' में लहराया परचम

    यह भी पढ़ें- 90 हजार के घोटाले को साबित करने में अफसरों को दो वर्ष लग गए, ग्राम प्रधान को क्लीन चिट देने में सिर्फ डेढ़ माह लगे