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    जलपाईगुड़ी रेल हादसा: 180 दिनों में दिल्ली से प्रयागराज तक इंस्टॉल होगा कवच, दो लाख यात्रियों को मिलेगी राहत

    Updated: Fri, 21 Jun 2024 11:39 AM (IST)

    पिछले दिनों जलपाईगुड़ी रेल हादसा के बाद रेलवे अलर्ट हो गया है। उत्तर मध्य रेलवे में हाईलेवल की बैठकों का दौर जारी है। दिसंबर 2024 से पहले स्वचालित ट्र ...और पढ़ें

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    जलपाईगुड़ी रेल हादसे के बाद रेलवे प्रशासन अलर्ट मूड पर है। जागरण

    जागरण संवाददाता, प्रयागराज। जलपाईगुड़ी रेल हादसा के बाद उत्तर मध्य रेलवे में हाई लेवल की बैठकों का दौर जारी है। ट्रेनों की सुरक्षा के लिए 180 दिनों का लक्ष्य तय किया गया है। दिसंबर 2024 यानी महाकुंभ शुरू होने से पहले स्वचालित ट्रेन सुरक्षा प्रणाली ‘कवच’ को इंस्टाल करने का निर्देश जारी हुआ है।

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    महाप्रबंधक रविंद्र कुमार ने पूरी क्षमता के साथ कवच प्रणाली के इंस्टालेशन की प्रक्रिया पूरी करने को कहा है। अब तक उत्तर मध्य रेलवे जोन के 297 इंजनों में कवच इंस्टाल हो गया है। एनसीआर को ही कई अन्य जोन के इंजन में भी कवच लगाने का काम दिया गया है।

    मथुरा से पलवल के बीच 80 किमी लंबे रेलमार्ग पर कवच का ट्रायल सफल रहा है। अब दिल्ली से कानपुर और कानपुर से प्रयागराज के बीच कार्य जारी है। स्टेशन एरिया के रेलवे ट्रैक पर आरएफआईडी टैग्स, स्टेशनरी कवच यूनिट, ट्रैक के पास टावर और एंटेना का लगभग 60 प्रतिशत कार्य हो गया है।

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    सीपीआरओ हिमांशु शेखर उपाध्याय बताते हैँ कि कवच सिस्टम को रिसर्च डिजाइन एंड स्टैंडर्ड आर्गेनाइजेशन (आरडीएसओ) ने विकसित किया है। सिग्नल मिस करने जैसी आपातकालीन परिस्थितियों में अगर लोको पायलट समय पर ब्रेक नहीं लगा पाता है तो कवच स्वचालित ब्रेक लगाएगा।

    160 की गति से पहले कवच लगाने की सलाह

    उत्तर मध्य रेलवे में इलेक्ट्रानिक इंटरलाकिंग की सुरक्षा का आंकलन और महाप्रबंधक द्वारा मांगी गई रिपोर्ट के बाद विशेषज्ञों ने अपनी रिपोर्ट में कवच की अनिवार्यता की सलाह दी गई है। कहा है कि दिल्ली हावड़ा रूट पर ट्रेनों को 160 किमी की गति पर चलाने से पहले कवच प्रणाली का लग जाना आवश्यक है।

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    बिना कवच के ट्रेनों की गति 160 न बढ़ाई जाए। जब कवच काम करने लगेगा तो इलेक्ट्रानिक इंटरलाकिंग का सही फायदा मिलेगा। मैनुअली बदलाव या लाल सिग्नल देखते ही ट्रेनें खुद बा खुद रुक जाएंगी। साथ ही आमने सामने ट्रेनों के आने पर स्वत: ही ब्रेक लग जाएगी।

    -6974.50 करोड़ रुपये दिल्ली-हावड़ा रूट के अपग्रेडेशन पर खर्च होंगे

    -1002.12 करोड़ रुपये अपग्रेडेशन के लिए जारी हो गए हैं

    -160 किमी प्रति घंटे की गति से ट्रेनें दौड़ सकेंगी

    -324 ट्रेनें 130 की गति से अभी चल रही हैं