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    'सिंडीकेट' चलाकर सामूहिक दुष्कर्म में फंसाता था गिरोह, कौशांबी पुलिस ने किया राजफाश

    By rajkumar srivastavaEdited By: Brijesh Srivastava
    Updated: Thu, 09 Oct 2025 01:35 PM (IST)

    मुझे माफ़ करना, मैं इस अनुरोध को पूरा नहीं कर सकता। हिंदी में सारांश लिखने के लिए कोई लेख सामग्री प्रदान नहीं की गई है। कृपया लेख सामग्री प्रदान करें ताकि मैं कार्य पूरा कर सकूं।

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    रसूखदारों की फर्जी सामूहिक दुष्कर्म में फंसाकर धन उगाही करने वाले कौशांबी पुलिस की गिरफ्त में। सौजन्य : पुलिस मीडिया सेल  

    जागरण संवाददाता कौशांबी। रसूखदारों से अवैध वसूली के लिए समूहिक दुष्कर्म के फर्जी मामले में निरअपराध लोगों को फंसाकर मोटी रकम उगाही करने वाले गिरोह के सरगना जिला पंचायत सदस्य समेत चार आरोपितों को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेजा है। गिरोह में शामिल महिला सदस्य भी गिरफ्तार की गई है। इस गैंग का संचालन 'सिंडीकेट' की तर्ज पर किया जा रहा था। पुलिस ने पकड़े गए सभी सदस्यों के खिलाफ गंभीर धाराओं में केस दर्ज कर लिया है।

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    बकरी चराते समय महिला को खींच ले गए, किया सामूहिक दुष्कर्म

    पत्रकार वार्ता के दौरान एसपी राजेश कुमार ने बताया कि 27 सितंबर को एक महिला ने तहरीर देकर बताया कि वह अपने गांव से थोड़ी दूरी पर बकरी चरा रही थी। इस दौरान एक चार पहिया गाडी वहां पहुंची व उसमें सवार सैनी क्षेत्र के सयांरा मीठेपुर निवासी जुबैर पुत्र मोइनबक्श व पप्पू पुत्र मुस्ताक ने जबरन उसे वाहन में खींच लिया। इसके बाद दोनों ने उसके साथ बारी-बारी से दुष्कर्म किया।

    इंटरनेट मीडिया पर बयान जारी कर महिला ने बताई घटना

    एसपी के मुताबिक उन्होंने पता किया तो मालूम चला कि महिला ने संबंधित थाना व पुलिस चौकी में कोई प्रार्थना पत्र नहीं दिया था। इंटरनेट मीडिया पर उसने बयान जारी कर कथित घटना की कहानी बयां की। हालांकि ऐसे किसी बयान या वीडियो की दैनिक जागरण पुष्टि नहीं करता है। इस संबंध में आरोपितों के खिलाफ मुकदमा कायम कर पुलिस ने जांच शुरू की।

    सैनी पुलिस व सर्विलांस सेल राजफाश में लगी थी

    मामले की गंभीरता को देखते हुए सैनी पुलिस के अलावा सर्विलांस सेल को भी घटना की सच्चाई पता करने के लिए लगाया गया था। पुलिस ने आरोपितों को हिरासत में लिया तो कहानी एकदम से उलट गई। जिन लोगों को आरोपित किया गया था, आरोपित जुबैर घटना वाले दिन व समय सैनी स्थित न्यू सरस्वती अस्पताल में अपने बीमार बेटे का इलाज करा रहा था।

    एडीजी प्रयागराज से की शिकायत

    पुलिस ने जुबैर का बयान के बाद अस्पताल में लगे सीसीटीवी कैमरे की फुटेज चेक किया तो उसमें वह साफ दिखा था। आरोपित पप्पू की भी नामजदगी भी गलत मिली। इस पर पुलिस ने कथित आरोपितों को निरअपराध पाते हुए कोतवाली से छोड़ दिया। इस पर पीड़िता व साजिशकर्ताओं ने एडीजी प्रयागराज से शिकायत की। इंटरनेट मीडिया में भी खूब हल्ला मचा।

    छानबीन में पता चला, साजिश के तहत दोनों को फंसाया गया

    अफसरों के निर्देश पर पुलिस की छानबीन में पता चला कि साजिश के तहत दोनों को फंसाया गया है। जुबैर प्लाटिंग का काम करता था जबकि पप्पू कुछ दिन पहले ही दुबई से कमा कर लौटा था। पप्पू ने अपना पैसा जुबैर की प्लाटिंग में निवेश कर दिया था। जबकि पप्पू का पैसा जिला पंचायत सदस्य शेर मोहम्मद उर्फ शेरू अपने प्रापर्टी के धंधे में लगवाना चाहता था।

    पैसा निवेश से इन्कार करने पर रची गई साजिश

    पप्पू के पैसा निवेश करने से इन्कार पर शेरू ने उसे व जुबैर को फर्जी सामूहिक दुष्कर्म के मुकदमें में फंसवाकर धन उगाही करने की साजिश रची। इसे को लेकर उसने कथित पीड़िता के भतीजे रामपाल का पुरवा मजरा सयारा मीठेपुर निवासी अर्जुन पुत्र बड़े लाल से संपर्क किया। महिला अनुसूचित जाति की थी। उसे एक विश्वा जमीन व समाज कल्याण विभाग से सवा आठ लाख रुपये का मुआवजा दिलाने का लालच देकर फर्जी सामूहिक दुष्कर्म की तहरीर देने के लिए राजी किया किया गया।

    हसन की आरोपित जुबैर से थी रंजिश

    इस साजिश में सयारा मीठेपुर के ही मोहम्मद हसन पुत्र फकीर बक्श को भी शामिल किया गया। हसन की आरोपित जुबैर से रंजिश थी। जिसका मुकदमा भी विचाराधीन था। इस तरह से सामूहिक दुष्कर्म की फर्जी घटना का अनावरण करते हुए बुधवार को कथित पीड़िता, मोहम्मद हसन, शेर मोहम्मद उर्फ शेरू व अर्जुन को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया।

    प्रेमी के खिलाफ दर्ज कराई जा चुकी है पीड़िता शिकायत

    एसपी ने बताया कि कथित पीड़िता शादीशुदा थी। उसके तीन बच्चे हैं। पत्नी की गलत हरकत की वजह से पति ने उसे छोड़ रखा था। इस पर उसने भतीजे अर्जुन के जरिए एक व्यक्ति से दोस्ती कर प्रेम-प्रसंग में फंसाया। प्रेमी से ब्लैकमेलिंग में नाकाम होने पर उसने आनलाइन शिकायत भी दर्ज कराई थी। हालांकि उस मामले का भी पटाक्षेप हो गया है।

    दुष्कर्म के मामले में जेल जा चुका है शेरू

    जिला पंचायत सदस्य शेर मोहम्मद उर्फ शेरू आपराधिक प्रवत्ति का है। वह इससे पहले भी दुष्कर्म के मामले में जेल जा चुका है। शेरू अपनी मनमानी व मंशा को कामयाब बनाने के लिए इंटरनेट मीडिया से जुड़े लोगों के संपर्क में रहता है। उन्हीं के जरिए वह विरोधी का फंसाने व ब्लैकमेल करने के लिए फर्जी बातें प्रसारित कराता था। एसपी राजेश कुमार ने बताया कि कथित पीड़िता सहित चार लोग जेल भेजे जा चुके हैं। मामले की छानबीन किया जा रहा है। षड़यंत्र में जो भी लोग प्रकाश में आएंगे, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

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