खिलाड़ियों का आउट-आफ-टर्न प्रमोशन रेलवे में पूरी तरह डिजिटल, एक दिसंबर 2025 से हो चुकी है लागू
भारतीय रेलवे ने पदक विजेता खिलाड़ियों के लिए आउट-ऑफ-टर्न प्रमोशन (ओटीपी) को डिजिटल कर दिया है। 1 दिसंबर 2025 से शुरू हुए ह्यूमन रिसोर्स मैनेजमेंट सिस् ...और पढ़ें

तस्वीर का इस्तेमाल प्रतीकात्मक प्रस्तुतीकरण के लिए किया गया है। जागरण
अमरीश मनीष शुक्ल, प्रयागराज। भारतीय रेलवे ने अपने मेडल विजेता खिलाड़ियों को वह उपहार दे दिया है, जिसकी प्रतीक्षा दशकों से थी। अब कोई रेलवे कर्मचारी ओलिंपिक, एशियाई खेल, कामनवेल्थ गेम्स या राष्ट्रीय चैंपियनशिप में पदक लाएगा तो उसका आउट-आफ-टर्न प्रमोशन (ओटीपी) कुछ ही हफ्तों में हो जाएगा। बिना एक भी कागज की फाइल घुमाए, बिना महीनों इंतजार करवाए और पूरी तरह पारदर्शी तरीके से यह प्रक्रिया पूरी होगी।
रेलवे बोर्ड ने दो दिसंबर 2025 को उत्तर मध्य रेलवे समेत सभी जोनल रेलवे, प्रोडक्शन यूनिट्स और ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट्स को पत्र जारी कर सूचना दी कि ह्यूमन रिसोर्स मैनेजमेंट सिस्टम (एचआरएमएस) में स्पोर्ट्सपर्सन्स के लिए विशेष डिजिटल माड्यूल एक दिसंबर 2025 से पूरी तरह चालू हो चुका है। इस माड्यूल में मेडल की जानकारी दर्ज होते ही सिस्टम खुद पात्रता की जांच करेगा, खेल कोटे के सभी नियमों को आटोमैटिक वैलिडेट करेगा, फाइल डिजिटल रूप से उच्च अधिकारियों तक अप्रूवल के लिए पहुंचेगी और मंजूरी मिलते ही प्रमोशन आर्डर जारी होकर नई पोस्टिंग तुरंत एचआरएमएस में अपडेट हो जाएगी।
रेलवे बोर्ड के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर (मैनपावर प्लानिंग) शत्रुघ्न बेहरा ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि अब कोई भी पुराना या नया ओटीपी केस आफलाइन नहीं चलेगा। जिन मामलों की फाइलें अभी फाइनल अप्रूवल अथारिटी तक नहीं पहुंची हैं, उन्हें भी इसी नए माड्यूल के जरिए ही निपटाना अनिवार्य होगा। पहले एक मेडल के बाद भी प्रमोशन में देरी होती थी, फाइलों के चक्कर में छह महीने से दो साल तक लग जाते थे।
देश के सबसे बड़े खेल प्रायोजक रेलवे के पास अभी भी ढाई हजार से ज्यादा अंतरराष्ट्रीय और हजारों राष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ी नौकरी कर रहे हैं। इस डिजिटल कदम से ये सभी नायक बिना किसी आर्थिक या मानसिक तनाव के अगले बड़े टूर्नामेंट पर फोकस कर सकेंगे।
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रेलवे ने सभी यूनिट्स को कहा है कि माड्यूल चलाने में कोई दिक्कत आए तो क्रिस (सीआरआइएस) की एचआरएमएस टीम से तुरंत संपर्क करें, पूरा यूजर मैनुअल पोर्टल पर उपलब्ध है। इस नए आदेश से अब कागज की फाइलें और अनावश्यक देरी हमेशा के लिए खत्म हो जाएगी। सीपीआरओ शशिकांत त्रिपाठी ने बताया कि अब नए माड्यूल के जरिए ही आगे खिलाड़ियों के लिए आउट-आफ-टर्न प्रमोशन की सारी प्रक्रिया पूरी की जाएगी।

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