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    बातें महाकुंभ की: जूना अखाड़े से निकाले गए आईआईटियन बाबा, क्या थी वो वजह… अपने ही गुरु को कहा था भला-बुरा?

    Updated: Sun, 19 Jan 2025 06:00 AM (IST)

    महाकुंभ नगर में जूना अखाड़े ने सोशल मीडिया पर चर्चित इंजीनियर बाबा अभय सिंह को अखाड़े से निष्कासित कर दिया है। अखाड़े का कहना है कि उन्होंने गुरु के प्रति अपशब्दों का प्रयोग किया था जो संन्यास के विरुद्ध है। इसके अलावा उन्होंने अखाड़े की परंपरा तोड़ी है और अनुशासन का पालन नहीं किया है इसलिए उन्हें अखाड़े से निष्कासित करने का फैसला किया है।

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    अखाड़ा ने गुरु के प्रति अपशब्दों के प्रयोग काे संज्ञान लेकर आईआईटियन बाबा को निष्कासित कर दिया।

    जागरण संवाददाता, महाकुंभ नगर। सोशल मीडिया पर काफी चर्चित इंजीनियर बाबा अभय सिंह शनिवार को जूना अखाड़े से निष्कासित कर दिए गए। अखाड़ा ने गुरु के प्रति अपशब्दों के प्रयोग काे संज्ञान लेकर उन्हें निष्कासित कर दिया। 

    उनके अखाड़ा शिविर और उसके आस-पास आने पर रोक लगा दी गई है। अखाड़े का कहना है कि संन्यास में अनुशासन और गुरु के प्रति समर्पण महत्वपूर्ण है। इसका पालन न करने वाला संन्यासी नहीं बन सकता।

    सोशल मीडिया में छाए थे बाबा अभय

    जूना अखाड़ा के महंत सोमेश्वर पुरी के शिष्य इंजीनियर बाबा अभय सिंह अपनी आईआईटी की पढ़ाई के बाद एयरोस्पेस की नौकरी छोड़कर बाबा बनने की वजह से सोशल मीडिया में पिछले काफी दिनों से छाए थे। इससे जूना अखाड़ा स्थित उनके शिविर में मिलने वालों की भीड़ जुटने लगी। 

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    इसी बीच, उनकी गुरु सोमेश्वर पुरी से अनबन हो गई। इस पर गुरु ने उन्हें शिविर से बाहर निकाल दिया, लेकिन इंजीनियर बाबा ने मेला नहीं छोड़ा। उन्होंने दूसरे संत के शिविर में आसरा ले लिया।

    मुझे भगाया गया, लेकिन...

    शनिवार को उनका सोशल मीडिया में पुन: बयान वायरल हुआ, जिसमें वह मेला क्षेत्र में ही दिख रहे थे। वीडियो में उन्होंने कहा, मुझे भगाया गया, लेकिन कहीं मैं कुछ बोल न दूं, इसलिए रोक लिया गया और साजिश के तहत कह दिया गया कि मैं कहीं गया नहीं था। मैं कहीं जाकर दूसरी जगह जाकर रहा। 

    इंजीनियर बाबा के अनुसार, उनके लाइमलाइट में आने से बाबा सोमेश्वर पुरी परेशान हो गए थे। इससे उन्हें शिविर छोड़ने के लिए कहा गया। उन्होंने कहा कि मैंने बहुत पहले अपने माता-पिता के नंबर ब्लॉक कर दिए थे। 

    उनका परिवार, जो झज्जर (हरियाणा) में रहता है, उन्हें खोजते हुए महाकुंभ पहुंचा, लेकिन जब उन्हें पता चला कि वे शिविर छोड़ चुके हैं, तो वे निराश होकर लौट गए। बाबा ने माता-पिता को लेकर कठोर शब्दों का प्रयोग किया, जिससे उनका अपने परिवार से अलगाव साफ दिखाई दिया।

    इंजीनियर बाबा उर्फ अभय सिंह का कृत्य गुरु-शिष्य परंपरा और संन्यास के विरुद्ध है। जूना अखाड़ा में अनुशासन सर्वोपरि है। उसके ऊपर कोई नहीं है। हर व्यक्ति को अनुशासन में रहना पड़ता है, लेकिन उन्होंने उसका पालन नहीं किया। अपने गुरु के खिलाफ अपशब्द का प्रयोग करके अखाड़े की परंपरा तोड़ी है। गुरु ही नहीं किसी को साथी संत के खिलाफ बोलने की अनुमति नहीं है। इसे देखते हुए उन्हें अखाड़े से निष्कासित कर दिया गया है।

    -महंत हरि गिरि, मुख्य संरक्षक जूना अखाड़ा

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