ज्ञानवापी में वुजुखाना के सर्वे की मांग पर HC में अब सात अक्टूबर को सुनवाई, वकील के अस्वस्थ होने पर दी गई तारीख
इलाहाबाद हाईकोर्ट ज्ञानवापी मामले में राखी सिंह की पुनरीक्षण याचिका पर अब 7 अक्टूबर को सुनवाई करेगा। यह याचिका वाराणसी कोर्ट के उस आदेश के खिलाफ है जिसमें शिवलिंग को छोड़कर वुजुखाना क्षेत्र का एएसआई से साइंटिफिक सर्वे कराने से इनकार किया गया था। याचिकाकर्ता का कहना है कि वुजुखाना क्षेत्र का सर्वेक्षण जरूरी है ताकि संपत्ति के धार्मिक स्वरूप का पता चल सके।

विधि संवाददाता, प्रयागराज। इलाहाबाद हाई कोर्ट वाराणसी स्थित ज्ञानवापी में शिवलिंग को छोड़ कर कथित ‘वुजुखाना’ क्षेत्र का भारतीय पुरातत्व सर्वे (एएसआई) से साइंटिफिक सर्वेक्षण कराने की मांग में दाखिल राखी सिंह की पुनरीक्षण याचिका की सुनवाई अब सात अक्टूबर को करेगा।
न्यायमूर्ति रोहित रंजन अग्रवाल की एकल पीठ के समक्ष मंगलवार को भोजनावकाश के बाद जब मामले की सुनवाई हुई तो अदालत को बताया गया कि प्रतिवादी क्रमांक चार (अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद कमेटी) के वकील अस्वस्थ हैं। इसके बाद अदालत ने नई तारीख नियत कर दी।
यह याचिका वाराणसी की अदालत के 21 अक्टूबर, 2023 के उस आदेश को चुनौती देते हुए दायर की गई है, जिसमें एएसआइ को काशी विश्वनाथ मंदिर से सटे ज्ञानवापी के अंदर उस संरचना को छोड़कर वुजुखाना क्षेत्र का सर्वेक्षण करने का निर्देश देने से इनकार कर दिया गया था जिसे मंदिर पक्ष शिवलिंग और मस्जिद पक्ष फौव्वारा बताता है।
याची के अधिवक्ता सौरभ तिवारी का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट ने दिसंबर 2024 में सर्वे संबंधी किसी भी अंतरिम अथवा अंतिम आदेश देने पर रोक लगा दी है, लेकिन न्याय हित में वुजुखाना क्षेत्र का सर्वेक्षण आवश्यक है। इससे संपत्ति के धार्मिक स्वरूप का निर्धारण हो सकेगा। वैसे एएसआइ पहले ही ज्ञानवापी परिसर का वैज्ञानिक सर्वेक्षण कर अपनी रिपोर्ट वाराणसी जिला न्यायाधीश को सौंप चुका है। एएसआइ ने उक्त सर्वेक्षण वाराणसी जिला न्यायाधीश के 21 जुलाई 2023 के आदेश के क्रम में यह निर्धारित करने के लिए किया था कि क्या मस्जिद का निर्माण पहले से मौजूद किसी मंदिर के ढांचे पर किया गया है।
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